प्रसव के दौरान महिला की मौत, हंगामा
बरेली (ब्यूरो)। बरेली-बदायूं मार्ग स्थित एक निजी अस्पताल में सोमवार को प्रसव के दौरान महिला की मौत हो गई। महिला की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टर पर उपचार में लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा किया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन देकर परिजनों को शांत किया और शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा। परिजनों ने थाने में तहरीर देकर डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
जिला अस्पताल किया था रेफर
भमौरा थाना क्षेत्र के गांव सराऊ निवासी 30 वर्षीय किरण पाल पत्नी नंदलाल गांव में पंचायत सहायक के पद पर कार्यरत थी। रविवार की रात में किरण पाल को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने गांव की आशा कार्यकत्री सत्यवती को बुलाया। सोमवार की सुबह आशा कार्यकत्री ने किरण पाल को प्रसव के लिए भमोरा सीएचसी में भर्ती करा दिया। जहां पर उपचार के दौरान तबियत खराब होने पर डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।
आशा कार्यकत्री ने कमिशन के लिए कराया भर्ती
महिला के पति नंदलाल ने बताया कि वह पत्नी किरण पाल को सरकारी एंबुलेंस से बरेली लेकर जा रहे थे। लेकिन, साथ जा रही आशा कार्यकत्री ने रास्ते में एक निजी अस्पताल के पास एम्बुलेंस रुकवाकर उसकी पत्नी को वहां पर भर्ती करा दिया। निजी अस्पताल में मौजूद डॉक्टर ने उन्हें बताया कि उनसे कहा कि 17 हजार रुपये खर्च होंगे। और जच्चा व बच्चा दोनों ही सुरक्षित रहेंगे। कुछ ही देर के बाद उसकी पत्नी ने एक बच्ची को जन्म दिया। उसके बाद उसकी तबियत बिगडऩे लगी। जिस पर डॉक्टर ने निजी एम्बुलेंस बुलाई और बरेली ले जाने के लिए कहा। बरेली लेकर जाते समय चांणपुर के पास उसकी पत्नी ने दम तोड़ दिया।
मृतका के पति का आरोप है कि निजी अस्पताल में न तो एंबुलेंस की व्यवस्था थी और न ही ऑक्सीजन की। आरोप लगाया कि ऑक्सीजन की व्यवस्था न होने के कारण उसकी पत्नी की जान चली गई। मौत की सूचना मिलते ही गांव के काफी संख्या में लोग अस्पताल पहुंच गए और जमकर हंगामा किया। सूचना पर थानाध्यक्ष राजेंद्र सिंह सिरोही ने पहुंचकर लोगों को समझाकर शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा। मृतका के पति ने तहरीर देकर डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद सीएमओ को पूरी रिपोर्ट भेजी जाएगी।
राजेन्द्र ङ्क्षसह सिरोही, थानाध्यक्ष
महिला को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उसकी गंभीर हालत के बारे में परिजनों को बता दिया था। उनकी स्वीकृती के बाद ही प्रसव कराया गया। बच्ची को सुरक्षित बचा लिया गया। जबकि महिला को बरेली रेफर कर दिया था। लापरवाही के आरोप निराधार हैं।
डॉ। बीके अग्रवाल, संचालक निजी अस्पताल
डॉ। गौरव शर्मा, सीएचसी अधीक्षक मामला उनके संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा है तो मामले की जांच कराई जाएगी। यदि निजी अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही से महिला की मौत हुई है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डॉ। बलवीर सिंह, सीएमओ
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डीएम ने झोलाछाप पर अभियोग दर्ज कराने के दिए आदेश
बरेली: बहेड़ी थाना क्षेत्र के गांव फरदिया मनकरा में झोलाछाप ने एक मरीज की जान ले ली। पीडि़त परिवार ने पुलिस से शिकायत की। लेकिन, कार्रवाई नहीं हुई। सोमवार को पीडि़त पत्नी व बेटा डीएम से शिकायत की। डीएम ने झोलाछाप के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कराने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए है।
बहेड़ी के गांव फरदिया मनकरा निवासी हरदीप ङ्क्षसह ट्रक चालक थे। सोमवार को उनकी पत्नी कुलजीत कौर और बेटा अर्शदीप ङ्क्षसह कलक्ट्रेट पहुंचे और डीएम शिवाकांत द्विवेदी से मिले। उन्होंने बताया कि 13 फरवरी को हरदीप ङ्क्षसह को तबीयत बिगडऩे पर गांव कथरिया में एक झोलाछाप को दिखाया था। झोलाछाप ने इंजेक्शन लगाए और दोपहर को फिर ग्लूकोज चढ़ाने के लिए बुलाया। दोपहर को भी कई इंजेक्शन लगाए। घर लाने के बाद उनकी हालत बिगड़ गई। रात को झोलाछाप के घर ले गए, जहां उनकी मौत हो गई। आरोप है कि झोलाछाप ने उन्हें मरीज को किसी अन्य अस्पताल में नहीं ले जाने दिया। झोलाछाप की शिकायत थाना पुलिस व अधिकारियों से की। लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। डीएम ने एसीएमओ डा। सीपी ङ्क्षसह व अपर शोध अधिकारी पीएस आनंद कुमार को बुलाकर आरोपित झोलाछाप पर अभियोग पंजीकृत कराने के निर्देश दिए।