होती रहे कार्रवाई, हम तो करते रहेंगे कमाई
- दो विभागों के चक्कर में पिस रहे शहरवासी
- रूरल के ऑटो चालक शहर में कर रहे है एंट्री BAREILLY: शहर के लोगों को आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस की वजह से तकलीफ उठानी पड़ रही है। जी हां बिना परमिट वाले ऑटो शहर में एंट्री करते हैं। इसकी वजह से जाम लगता है। शहर मे डीजल ऑटो बैन है। इसके बावजूद रूरल एरियाज से आने वाले ऑटो रोज दौड़ रहे हैं और एनवायरमेंट को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इन पर लगाम लगाने के उद्देश्य से अधिकारियों की मीटिंग तो होती है लेकिन कार्रवाई नहीं हाेती हे। नहीें है कोई रोक-टोकआरटीओ विभाग ने रूरल एरिया से आने वाले ऑटो को सिर्फ सिटी के सैटेलाइट, जंक्शन सहित शहर के बाहरी हिस्सों तक आने की परमीशन दी है। बावजूद इसके श्यामगंज, कलेक्ट्रेट, चौपुला आदि जगहों से सवारी बिठा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि, इस बात की जानकारी अधिकारियों को नहीं है। लेकिन कार्रवाई नहीं हाेती है।
नतीजा बस जाम होता हैशहर में एडमिनिस्ट्रेशन और पुलिस प्रशासन आए दिन टै्रफिक प्रॉब्लम कंट्रोल करने के लिए काम करता है लेकिन इसका नतीजा सिफर ही रहता है। इस समय टोटल म्भ्00 ऑटो चल रहे हैं। इनमें से क्भ्00 ऑटो केवल रूरल के ही शामिल हैं। शहर की अपेक्षा रूरल एरिया का टैक्स कम होने से वाहन ओनर्स रूरल के परमिट लेते हैं। जबकि, वाहन दौड़ाने का काम शहर में करते है।
क्या होती है कार्रवाई कार्रवाई की बात करें तो एमवी एक्ट धारा 8म् के तहत चालकों के खिलाफ नोटिस जारी की जाती है। इसके तहत मात्र क्00 रुपए जुर्माने का प्रावधान है। इससे चालक मनमानी करते हैं। हालांकि, बार-बार नियमों का उल्लंघन करने पर परमिट रद करना चाहिए, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता है। रूल्स फॉलो नहीं करने वाले ऑटो चालकों पर कार्रवाई होती है। किसी भी चालक मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आरआर सोनी, आरटीओ ऑटो चालकों के खिलाफ चेकिंग होती रहती है। लेकिन, जब चौराहे पर कोई नहीं होता है तो, सवारी भरने के लिए आ जाते है। ओपी यादव, एसपी टै्रफिक इस संबंध में मैंने कई बार एसपी ट्रैफिक से शिकायत की। लेकिन उनकी तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया जाता है। अब तो इनके शहर में स्टैंड भी बन गए हैं। गुरूदर्शन सिंह, सेक्रेटरी, ऑटो यूनियन