4 दिन में ही भूल गए 2 महीनों की तकलीफें..
- बाजार खुलते ही नियम कानून के साथ ही कोविड प्रोटोकॉल भी भूले लोग, बाजार में उमड़ रही भीड़
- खरीदार ही नहीं दुकानदारों के मुंह पर से भी हट गए मास्क, बच्चों को लेकर भी बरत रहे लापरवाहीबरेली। कोरोना महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन को हटे चार दिन भी नहीं हुए कि लोग दोबारा लापरवाही बरतने लगे। महीनों की तकलीफों को भूलकर लोग लगातार बाजारों में बिना मास्क लगाए भीड़ के बीच बैखौफ निकल रहे हैं। जबकि जिला प्रशासन के साथ ही डॉक्टर भी लोगों को अभी सचेत रहने के लिए आगाह कर चुके हैं। लेकिन इसका फर्क लोगों पर नहीं पड़ रहा। जरा सी छूट मिलते ही लोग शासन द्वारा दी गई कोरोना की तीसरा लहर की चेतावनी तक को भूल गए। ऐसे में बच्चों को महामारी से दूर रखने की बजाए लोग उनके लिए खुद ही एक संक्रमित माहौल तैयार कर रहे हैं। वहीं पुलिस प्रशासन भी अब कोविड प्रोटोकॉल की सख्ती भूलकर सिर्फ लॉ एंड ऑर्डर पर ही ध्यान दे रहा है।
पूरे शहर में भीड़ और जामकोरोना महामारी के चलते लगाए गए आंशिक लॉकडाउन को हटे सिर्फ चार ही दिन हुए हैं। लेकिन बाजारों की हालत कुछ यूं है कि मानों कर्फ्यू और लॉकडाउन जैसा जिले में कुछ था ही नहीं। कुतुबखाना, बड़ा बाजार, राजेंद्र नगर, डीडी पुरम, श्यामगंज व अन्य बाजारों में जमकर भीड़ उमड़ रही है। वहीं सड़कों पर भी वहीं पुराने जाम जैसे हालात बनने लगे हैं। पूरे परिवार के साथ लोग बेखौफ होकर बाजारों में खरीदारी करने निकल रहे हैं।
दुकानदारों के भी मुंह से हटा मास्क पिछले कुछ ही दिनों में शहर की बाजारों की हालत देखने लायक है। थोड़ी सी छूट मिलते ही खरीदारों के साथ ही दुकानदारों ने भी लापरवाही बरतना शुरू कर दी है। कुतुबखाना और बड़ा बाजार की ही बात करें तो यहां दुकानें एक के बगल एक चिपकी हुई बनी हैं। साथ ही हर एक दुकान पर दो से तीन हेल्पर तक काम करते हैं, लेकिन लापरवाही का आलम यह है कि दुकानदार के साथ ही वहां काम करने वाले अन्य लोग भी बिना मास्क के ही नजर आते हैं। ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा अब पहले से भी कई गुना ज्यादा बढ़ गया है। तीसरी लहर का भी नहीं खौफकोरोना की दूसरी लहर के दौरान ही शासन ने लोगों को कोरोना की तीसरी लहर के प्रति अलर्ट रहने की चेतावनी दी थी। वहीं इस दौरान बच्चों को ज्यादा खतरा होने की भी बात कही थी। लेकिन शहर के हालात देखकर ऐसा मालूम हो रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर तो दूर लोग महामारी को ही भूल गए हैं। बाजारों में लोग बच्चों को लेकर घूमने निकल रहे हैं। वहीं अधिकतर बच्चों के मुंह पर मास्क तक नहीं नजर आता। ऐसे में इस महामारी के दौर में शहर के हालात चिंताजनक बने हुए हैं।