बिल न कनेक्शन, फिर काहे की टेंशन
फैक्ट फाइल
-1,80,000 कनेक्शन होल्डर हैं शहर में -6,00,000 से अधिक कनेक्शन होल्डर हैं डिस्ट्रिक्ट में -20 परसेंट तक गिरावट आई है लाइनलॉस में -70 से अधिक बिजली चोरी पकड़ी जा रही है डेली -विभागीय कर्मियों की शह पर बिना कनेक्शन और बिल के भी जलती है बिजली -शहर में रोड किनारे फड़-खोखे चोरी की बिजली से हो रहे रोशन, अधिकारी अंजानबरेली: बिजली बिल बकाया होने पर विभाग अपने रजिस्टर्ड कनेक्शन होल्डर्स पर हर तरह से शिकंजा कसता है। बिल पेमेंट लेट होने पर नेक्स्ट बिल में इंट्रस्ट के साथ पेनाल्टी भी लगा दी जाती है। किसी वजह से अगर बकायेदार बिल जमा नहीं कर पाता है तो उसका कनेक्शन काट दिया जाता है। इसके साथ ही उस पर कानूनी कार्रवाई भी की जाती है। विभाग की ओर से उसको हर तरह से बिल जमा करने पर मजबूर किया जाता है। इसके उलट शहर में ऐसे भी लोग हैं जो न तो विभाग के कनेक्शन होल्डर हैं और न ही उन्हें बिल भरने की टेंशन है, बस वह बेफिक्र होकर जितनी चाहें उतनी बिजली जला सकते हैं और जला भी रहे हैं। यह सब हो रहा बिजली विभाग की शह पर। विभागीय कर्मचारियों की ही मिलीभगत से शहर में कई जगह खुलेआम अवैध तरीके से बिजली यूज की जा रही है। सड़क किनारे जहां-तहां शाम से देर रात तक रोशन दिखने वाले फड़-खोखे इसका उदाहरण भर हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने रिएलिटी चेक के जरिए इसकी हकीकत जगजाहिर करने की कोशिश की है।
डेलापीर डेलापीर चौराहे के पास फूटपाथ पर पूरी तरह फड़-खोखे वालों का कब्जा है। इनमें से कई खोखे सूरज छिपते ही बिजली की रोशनी से जगमग हो उठते हैं। यहां चौराहे के पास ही पटरी पर सजे गजक के खोखों में एक साथ दर्जनभर बल्ब जले रहते हैं। यहां यह नजारा सभी देखते हैं। बिजली विभाग के अधिकारी, कर्मचारी इससे अंजान कैसे रहते हैं, यह लोगों की समझ में नहीं आता है। सब्जी मंडी के पास डेलापीर चौराहे से 400 मीटर आगे सब्जी मंडी है। यहां रातभर चहल-पहल रहती है। इससे मंडी के आस-पास सड़क किनारे फड़-खोखे वालों का जमावड़ा है। इनमें से कई खोखों पर बिना कनेक्शन के ही बिजली जलती है। इसके अलावा भी इस रोड पर कई कब्जेदार खुलेआम बिजली का इस्तेमाल करते हैं। धर्मस्थल भी रोशनसड़क किनारे अवैध कब्जों पर ही बिना कनेक्शन के बिजली नहीं जलती है, बल्कि शहर में जहां-तहां सड़क की जमीन पर कब्जा कर बनाए गए धर्मस्थलों पर भी इसी तरह बिजली जलती है। इन धर्मस्थलों की आड़ में चल रही दुकानें और फड़-खोखे भी यहीं की बिजली का इस्तेमाल करते हैं। बिजली विभाग के लोग इससे भी अंजान रहते हैं।
निजीकरण का डर भी बेअसर बीते दिनों बिजली विभाग के कर्मचारियों ने बिजली व्यवस्था के निजीकरण का जमकर विरोध किया था। इसके लिए उन्होंने कई दिनों तक धरना-प्रदर्शन किया। इसके बाद सरकार ने बिजली चोरी रोकने, बकाया बिलों की वसूली करने, लाइन लॉस को कंट्रोल करने में सफल होने की शर्त पर ही निजीकरण रोकने का आश्वासन दिया था। इसके बाद कुछ समय तक बिजली विभाग के कर्मचारियों की कार्यप्रणाली कुछ बदली दिखी, पर समय बीतने के साथ उनकी कार्यप्रणाली फिर पुराने ढर्रे पर लौटती नजर आ रही है। शहर में अवैध तरीके से जल रही बिजली इसका उदाहरण भर है। बिना कनेक्शन के बिजली जलाना अपराध है, इसकी रोकथाम के लिए कार्रवाई भी की जा रही है। जो दुकानदार बिना कनेक्शन के बिजली जला रहे हैं वहां टीमें भेजी जाएंगी, शिकायत पुष्ट होने पर कार्रवाई की जाएगी। एनके मिश्र, एसई अर्बन