बिना सत्यापन के जारी कर दी एमएलसी निधि
-डीआरडीए ने स्कूल निर्माण के लिए नियमों को ताक पर रखकर जारी कर दी डॉ। नेपाल सिंह की निधि
BAREILLY: डीआरडीए द्वारा नियमों को ताक पर रखकर एमएलसी निधि जारी करने का मामला प्रकाश में आया है। सिटी में किराए के भवन में चलने वाले स्कूल सरस्वती शिशु मंदिर के निर्माण के लिए डीआरडीए ने खेल किया। बता दें कि किराए के भवन में चल रहे स्कूलों को निधि देना मना है, लेकिन डीआरडीए ने मामले को जानकर भी निधि जारी कर दी। गौरतलब है कि वर्ष ख्00भ्-0म् में एमएलसी डॉ। नेपाल सिंह ने अपनी निधि से राधेश्याम कंठीलाल सरस्वती शिशु मंदिर, गांधीनगर को भ्0 हजार रुपए का प्रस्ताव भेजा था। प्रस्ताव के बाद डीआरडीए ने आनन -फानन में रकम जारी कर दी। जबकि नियमानुसार जांच की जानी चाहिए थी। ये है नियमसांसद अथवा विधायक निधि के तहत जारी की जाने वाली निधि के प्रस्तावों पर डीआरडीए द्वारा स्थलीय सत्यापन के बाद स्टीमेट तैयार किया जाता है। रकम जारी करने से पहले संबंधित स्कूल से स्कूल के नाम जमीन का बैनामा, शपथ पत्र के अलावा अन्य कई अभिलेख लिए जाते हैं। लेकिन इस प्रकरण में पूरे अभिलेख नहीं लिए गए।
पूर्व एमएलसी डॉ। नेपाल सिंह के प्रकरण में नियमानुसार रकम नहीं जारी की जानी चाहिए थी। किराए के भवन वाले स्कूलों को निधि जारी नहीं हो सकती। मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं।
साहित्य प्रकाश मिश्र, पीडी, डीआरडीए