बरेली के 12 पेशेंट्स में व्हाइट फंगस के लक्षण
- भोजीपुरा के निजी मेडिकल कॉलेज में एडमिट पेशेंट्स दिखे व्हाइट फंगस के लक्षण
-डिस्ट्रिक्ट में अब तक 68 पेशेंट्स में दिखे ब्लैग फंगस के लक्षण बरेली : कोरोना का प्रकोप जिले में भले ही कम हो रहा है लेकिन चिंता की बात है कि अब कोरोना के पेशेंट्स में ब्लैक के साथ ही व्हाइट फंगस के लक्षण भी मिल रहे हैं। जिसको लेकर डॉक्टर्स भी परेशान हैं। सैटरडे को भोजीपुरा स्थित एक निजी मेडिकल कॉलेज में एडमिट 12 पेशेंट्स में व्हाइट फंगस के लक्षण मिले हैं। वहीं जिले में अब 68 पेशेंट्स में ब्लैक फंगस के लक्षण मिले हैं। जबकि सैटरडे को आठ नए कोरोना संक्रमित भी मिले हैं। तीन मरीजों में फंगस की पुष्टिहेल्थ अफसरों के अनुसार निजी मेडिकल कॉलेज में एडमिट तीन मरीजों में फंगस की पुष्टि हुई है। तीनों ही मरीज जिला शाहजहांपुर के रहने वालें हैं। हालांकि मरीजों की हालत अभी स्थिर बनी हुई है। अब तक फंगस से ग्रसित कुल 68 मरीज मिल चुके हैं।
ऐसे होते हैं शिकारइसकी जल्द पहचान कर इसका तुरंत इलाज किया जा सकता है। कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके मरीज जो लंबे समय तक ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहे उनमें ये वाइट फंगस मिला है। हालांकि ये पहले भी कैंसर, एसचआईवी मरीजों में देखा गया है। अगर जल्द इलाज शुरू हो जाता है तो मरीज को खतरा नहीं होता है।
व्हाइट फंगस कैसे शरीर में करता है प्रवेश इसे कैंडिडा भी कहते है कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में होता है, विशेष रूप से मधुमेह, एचआईवी पेशेंट्स या स्टेरॉयड का प्रयोग। ये संक्त्रमण जो खून के माध्यम से शरीर के हर अंग को प्रभावित करता है। ये बीमारी म्यूकॉरमाइसाइट्स नामक फफूंद से होती है जो नाक के माध्?यम से बाकी अंग में पहुंचती है। ये फंगस हवा में होता है जो सांस के जरिए नाक में जाता है। इसके अलावा शरीर के कटे हुए अंग के संपर्क में अगर ये फंगस आता है तो ये संक्रमण हो जाता ये हैं मुख्य लक्षणमाइक्रोबायोलॉजिस्ट डाक्टर राहुल गोयल के अनुसार इलाज के दौरान फंगस से ग्रसित मरीजों में व्हाइट फंगस के लक्षण मिले हैं। व्हाइट फंगस के लक्षणों में सिर में तेज दर्द, नाक बंद होना या नाक में पपड़ी सी जमना, उल्टियां, आंखें लाल होने के साथ सूजन आती है। अगर ज्वाइंट पर इसका असर होता है तो जोड़ों पर तेज दर्द होता है। ब्रेन पर अगर इसका असर होता है तो व्यक्ति की सोचने समझने की क्षमता पर असर दिखता है। बोलने में भी समस्या होती है। इसके अलावा शरीर में छोटे-छोटे फोड़े जो सामान्य तौर पर दर्द रहित रहते हैं। ऐसे कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डाक्टर से संपर्क करना चाहिए। ये संक्रमण एक से दूसरे व्यक्ति को नहीं होता, ये तभी होता है जब वो सीधे फंगस के संपर्क में आता है।