मॉल से ले लेते हैैं कैरीबैग, हमसे कौन लेगा
450 टन कचरा रोज होता है उत्पन्न
2 प्रतिशत के करीब होती है पॉलीथिन
29 जुलाई से निगम चलाएगा अभियान
1-जुलाई से पालीथिन होगी पूरी तरह प्रतिबंधित
बरेली(ब्यूरो)। पॉलीथिन प्रतिबंध को लेकर जिम्मेदार भले ही अवेयर व कार्रवाई करने की बात कह रहे हो। लेकिन, सच्चाई कुछ और ही सामने आ रही है, बाजार में दुकानदारों की माने तो उनका दर्द है कि कस्टमर्स जो भी आते हैं वह मॉल में शॉपिंग के समय कैरी बैग अलग से रुपए देकर ले लेते हैं लेकिन हमसे नहीं लेना चाहते हैं। कैरी बैग के अलग से रुपए देना ही नहीं चाहते हैं। ऐसे में हम व्यापारियों के लिए भी मुश्किल तो होगी ही। वहीं कस्टमर्स के लिए अभी तक जो सस्ता ऑप्शन था वह अब एक साथ बंद होगा तो वह अपना कैरी बैग या तो लेकर आएं या फिर कैरी बैग के लिए अलग से रुपए दें, तभी समस्या दूर होगी। अभी तो सभी इस बात पर नजर लगाएं है कि सरकार की तरफ से क्या समाधान के रूप आ रहा है। फिलहाल जो भी लेकिन पॉलीथिन बैन होने के बाद उसका यूज रोकना भी जिम्मेदारों को किसी चैलेंज से कम नहीं होगा।
नहीं लाए पॉलीथिन
शहर के प्रमुख बाजार श्यामगंज पहुंची तो वहां पर सामान लेने आए अधिकांश लोग साथ में कैरी बैग लेकर नहीं आए थे। बाजार में सामान लेने आई सुमन ने बताया कि वह रास्ते से गुजर रही थी। दुकान देख जरूरी सामान लेने की याद आ गई, वरना वह हमेशा कैरी बैग लेकर ही निकलती हैं। वहीं पास में ही ठेले से फल ले रहे नरेश से कैरी बैग साथ में न लाने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि वह पॉलीथिन का इस्तेमाल काफी कम करते हैैं। मीट बेचने वाले से पॉलीथिन के इस्तेमाल को लेकर पूछा तो उसने बताया कि ग्राहक इसी पॉलीथिन में मीट लेता है। अगर उससे थैला लाने के लिए कहा जाए तो वह आगे बढ़ जाता है। ऐसे में बिना पॉलीतिन के काम कैसे चलेगा।
निगम करेगा अवेयर
नगर निगम के पर्यावरण अभियंता ने बताया कि सरकार की ओर से एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक को पूर्णत प्रतिबंधित करने की घोषणा की गई है। 100 माइक्रोन से कम वाले प्लास्टिक या पीवीसी के बैनर को भी प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। इसको लेकर नगर निगम की ओर से 29 जुलाई से कैंपेन शुरु किया जा रहा है। इसके माध्यम से लोगों को पॉलीथिन प्रतिबंध के बारे में अवेयर किया जाएगा।
रिसाइकल को देते हैैं पॉलीथिन
एक्सपर्ट के मुताबिक पॉलीथिन का कचरा जलाने पर कार्बन डाई ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड जैसी विषैली गैसें निकलती हैं। जो पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं। पॉलीथीन कभी नष्ट नहीं होती इसलिए यह जमीन की उर्वरा शक्ति को भी नुकसान पहुंचाती है। नगर निगम द्वारा जब्त की गई पॉलीथिन को रिसाइकलर को दे दिया जाता है। साथ ही आरडीएफ के साथ मिलाकर इसे फैक्ट्री में भेज दिया जाता है।
श्यामगंज में किराना व्यापारी से जब इस बाबत सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि पॉलीथिन को प्रतिबंधित करना ही सिर्फ हल नहीं है। पॉलीथिन का सब्सटिट्यूट भी देना जरूरी है। पॉलीथिन का स्टॉक थोड़ा बचा हुआ है। पीछे ससप्लाई भी बंद कर दी गई है। लेकिन ग्राहक कैरी बैग साथ में नहीं लाता है तो उसे पॉलीथिन देनी पड़ती है।
जूट का बैग है कॉस्टिली
व्यापरी बताते हैं कि कस्टमर मॉल से भले ही कैरीबैग खरीद ले लेकिन, दुकान से एक्स्ट्रा चार्ज देकर कैरी बैग नहीं लेंगे। साथ ही अगर इसके स्थान पर जूट व पेपर बैग का इस्तेमाल किया जाए तो कस्टमर के लिए ज्यादा कॉस्ट पड़ेगी जिससे वह सामान नहीं खरीदेगा। वर्जन
सरकार की ओर से एक जुलाई से पॉलीथिन को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जा रहा है। पेपर व जूट का बैग थोड़ मंहगा पड़ता है इसलिए एक्स्ट्रा चार्ज देना कस्टमर स्वीकार नहीं करेगा। इसके लिए जिम्मेदारों को पॉलीथिन का सब्सटिट्यूट देेने की जरूरत है।
-जितेंद्र आहूजा, व्यापारी
-सचिन गुप्ता, व्यापारी