- नगर निगम हर साल शहर में नाला निर्माण में खर्च कर रहा करीब 15 करोड़ रुपये

- नालों का निर्माण ठीक नहीं होने के कारण निकासी की दिक्कत, घंटों रहता जलभराव

बरेली : शहर में बुधवार को कुछ घंटे रिमझिम बरसात हुई। कुछ देर की बारिश में ही तमाम जगह जलभराव हो गया। प्रमुख मार्गों के साथ ही पाश इलाके में भी सड़कों पर पानी भर गया। पानी से लबालब नाले जल निकासी में बेदम साबित हुए। मोटी रकम खर्च कर बनने वाले नाले बारिश के पानी को नहीं निकाल पाए। नालों की सफाई का अभाव या फिर उनका गलत निर्माण शहरवासियों को राहत नहीं दे पा रहे हैं। करीब दो घंटे बाद भी तमाम जगह पानी नहीं निकल पाया। इससे राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जागरण की टीम ने ऐसे ही चार स्थानों पर पड़ताल की, जहां नाला होने के बावजूद पानी निकलने में घंटों लग गए।

स्थान एक - सिटी स्टेशन रोड

सिटी स्टेशन रोड का इस वक्त काफी बुरा हाल है। सड़क के एक हिस्से पर ट्रंक सीवर लाइन पड़ने के कारण वाहनों को डायवर्ट किया गया है। एक हिस्से से ही दोनों ओर से वाहन आ जा रहे हैं। सड़क का वह आधा हिस्सा जर्जर हो गया है। कई जगह गहरे गड्ढे हो गए हैं। सड़क के किनारे कुछ समय पहले ही नगर निगम ने नाले का निर्माण कराया है। नाला जसोली की ओर से सराय तल्फी को निकाला है। जल निकासी के लिए बने नाले की उपयोगिता बारिश में बेदम साबित हुई है। आगे की ओर से नाला ठीक से साफ नहीं हुआ और जसोली में टक्कर की पुलिया पर चोक है। इस कारण पानी की निकासी तेजी से नहीं हुई और घंटों सड़क पर पानी भरा रहा।

स्थान दो - संजय नगर

नगर निगम ने संजय नगर में जलभराव की समस्या का समाधान कराने के लिए नाला निर्माण कराया था। इसके बावजूद इलाके में जलभराव की समस्या बनी हुई है। साथ ही आसपास की कॉलोनी की लोगों को भी जलभराव के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। संजय नगर में बारिश के दौरान कई मकानों के अंदर भी पानी भर जाता है। लेकिन नगर निगम इस समस्या का कोई स्थाई समाधान नहीं कर पा रहा है। यहां सड़क निर्माण का काम भी अधूरा पड़ा है।

स्थान तीन - गांधी उद्यान के सामने

शहर की पाश कालोनियों में शुमार रामपुर गार्डन में गांधी उद्यान के ठीक सामने की सड़क पर थोड़ी सी बारिश में भीषण जलभराव हो जाता है। बुधवार को भी वहां तिराहे से करीब पांच सौ मीटर दूर तक सड़क के दोनों किनारों पर पानी भर गया। पानी मकानों के रैंप से होता हुआ नाले में पहुंच रहा था। करीब दो घंटे बाद पानी निकल पाया। वही, दुसरी ओर तिकोने पार्क के सामने दो घंटे बाद भी पानी भरा रहा।

स्थान चार - महिला थाना के आगे

जलभराव का बड़ा स्थान महिला थाने के आगे सड़क बन गई है। चौराहा और पास की सड़क से नीची होने के कारण यहां थोड़ी सी ही बारिश में काफी पानी भर जाता है। मजेदार बात यह है कि पानी की निकासी के लिए वहां नाला दिखाई ही नहीं देता। नाला चोक है या अतिक्रमण में दबा या अब तक बना ही नहीं, इस बारे में कोई नहीं बता पा रहा है। फिलहाल बारिश में भीषण जलभराव कई घंटे तक वहां बना रहता है, जिससे राहगीर और थाने में आने वाले परेशान रहते हैं।

नाला निर्माण में हर साल खर्च होते 15 करोड़ रुपये

सपा पार्षद दल नेता राजेश अग्रवाल ने बताया कि नगर निगम हर साल नाला निर्माण में करीब 15 करोड़ रुपये खर्च करता है। इस हिसाब से पिछले दस साल में करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपये सिर्फ नाला निर्माण में खर्च किए जा चुके हैं। बावजूद इसके नालों का लाभ शहरवासियों को नहीं मिल पा रहा है। इसका पता शहर में जलभराव की स्थिति को देखकर साफ चलता है। अब पहले से अधिक जलभराव होने लगा है, क्योंकि जो नाले बनाए जा रहे हैं, उनका निकास ठीक नहीं हो पाता है।

निचले इलाकों में जलभराव व कीचड़

रिमझिम बारिश से बुधवार को भी शहर के निचले इलाकों में जलभराव और कीचड़ की समस्या हो गई। पुराना शहर के कई मुहल्लों लोधी टोला, एजाज नगर गौटिया, जगतपुर, कंधी टोला, चक महमूद, जोगी नवादा, नवादा शेखान, संजय नगर मुख्य मार्ग, नेकपुर, बंशी नगला, मढ़ीनाथ के कई इलाकों में पानी भर गया। वहीं, शहर में ट्रंक सीवर लाइन डालने के लिए खोदी गई सड़कें कीचड़ से भर गई। अलखनाथ रोड, हार्टमैन ओवरब्रिज के पास सिटी स्टेशन रोड, खुर्रम गौटिया रोड, पच्ेल चौक के पास कच्ची सड़क पर कीचड़ हो गया। इसमें दो पहिया व तीन पहिया वाहन फिसलते नजर आए।

नालों की नहीं हुई तली झाड़ सफाई

नगर निगम ने इस बार नालों की सफाई के लिए करीब सवा करोड़ रुपये का बजट रखा था। बड़े नालों की सफाई ठेके के जरिए कराई गई और तमाम छोटे नाले निगम ने अपने संसाधनों से ही पूरी करवा ली। तमाम जगह नालों की सफाई कर सिल्ट किनारे पर डालकर छोड़ दी गई। इसके साथ ही नालों की तली झाड़ सफाई नहीं हुई। इस कारण नाले बारिश का पानी पूरी क्षमता से नहीं निकाल पा रहे हैं।

शहर में जल निकासी के लिए नगर निगम हर साल नालों का निर्माण कराता है। बारिश में जलभराव सभी जगह होता है, लेकिन नालों के जरिए पानी कुछ ही देर में निकल जाता है। नालों का निर्माण पानी के बहाव के देखकर ही किया जाता है।

बीके सिंह, मुख्य अभियंता, नगर निगम

Posted By: Inextlive