वाटर लेवल गिरने से बिजली विभाग का पारा हाई
- अर्थ की कमी के चलते डिविजन के ट्रांसफार्मर पर बढ़ता है लोड
- सुभाषनगर, शास्त्रीनगर जैसे एरिया में सबसे अधिक होगी दिक्कत BAREILLY: शहर में ग्राउंड वाटर का गिरता ग्राफ सिटी की बिजली सप्लाई को भी प्रभावित करने लगा है। ग्राउंड वाटर का लेवल नीचे जाने से अर्थ की समस्या शुरू हो गई है। वहीं आने वाले दिनों में अर्थ की प्रॉब्लम्स और बढ़ने की संभावना है। अर्थ नहीं मिलने से इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट सही से काम नहीं करते हैं। वहीं वोल्टेज लो और हाई होने लगता है। अर्थ मिलने से कट जाती है लाइनएक्सईएन नंदलाल ने बताया कि, अर्थ नहीं मिलने से सबसे अधिक निगेटिव इफेक्ट डिविजन के ट्रांसफार्मर पर पड़ता है। प्रॉपर अर्थ मिलने की स्थिति में ओवर लोड या फिर वायर टूटकर जमीन के संपर्क में आते हैं तो ट्रांसफार्मर काम करने बंद कर देते हैं। जबकि गर्मी में ऐसा नहीं होता है। विपरीत परिस्थितियों में भी डिविजन के ट्रांसफार्मर काम करते हैं, जिसका नतीजा यह होता है कि ट्रांसफार्मर खराब हो जाते हैं।
माई-जून में और होगी दिक्कतमई-जून में ग्राउंड वॉटर दो से तीन फिट तक नीचे चला जाता है। गर्मी से बचने के लिए फैन, कूलर और एसी जैसे इक्विपमेंट का इस्तेमाल धड़ल्ले से होने लगता है। पिछले साल की बात करें तो, शहरवासियों को मात्र भ् से म् घंटे तक बिजली मिलती थी। कुछ ऐसी ही स्थिति इस साल भी होने वाली है।
इन एरिया में हो सकती है दिक्कत ग्राउंड वाटर को देखते हुए शहर के सुभाषनगर, मढ़ीनाथ, शास्त्रीनगर, करगैना, बिहारीपुर जैसे एरिया में बिजली कटौती की समस्या कुछ ज्यादा ही सताएगी। क्योंकि इन एरिया में वाटर लेवल म् से 7 मीटर तक नीचे है। यदि यहां पर वाटर का लेवल एक फिट भी नीचे जाता है तो, अर्थ मिलने की समस्या काफी बढ़ जाएगी। गर्मी में अर्थ नहीं मिलने से काफी दिक्कत होती है। बिजली सप्लाई काफी हद तक प्रभावित होती है। अर्थ कम मिलने से ट्रांसफार्मर और डिविजन में लगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर निगेटिव असर पड़ता है। एनके श्रीवास्तव, एसई, बिजली विभाग