दीवार गिरी, मलबे में दबकर दंपति की मौत
बरेली (ब्यूरो)। थाना क्षेत्र के गांव गांव ताखा उर्फ सुकटिया दीवार गिरने से मलवे में दबकर दंपति की मौत हो गई। एक साथ दो मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम को भेज दिया।
सिरौली के गांव ताखा उर्फ सुकटिया निवासी 55 वर्षीय सुरेश वाल्मीकि गांव के चौकीदार था। रविवार की रात सुरेश अपनी पत्नी मुन्नी देवी, आठ वर्षीय धेवती सिमरन के साथ दीवार के पास चारपाई डालकर सो रहा था। सोमवार की तडक़े चार बजे घर की कच्ची दीवार गिर गई। जिससे तीनों मलबे में दब गए। दीवार गिरने की आवाज़ सुनकर आसपास के लोग दौड़े और मलबा हटाकर तीनों को बाहर निकाला। लेकिन तब तक मुन्नी देवी की मौत हो चुकी थी। जबकि सुरेश भी गंभीर रूप से घायल हो गया था। वहीं उसकी धेवती को बिल्कुल भी चोट नहीं आई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृतका मुन्नी देवी के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम को भेज दिया। मौके पर हल्का लेखपाल मनवीर और कानूनगो मौके पर पहुंचे। घायल सुरेश को किसी ने भी अस्पताल में भर्ती नहीं कराया बल्कि उनके बेटों के दिल्ली से आने का इंतजार करने लगे। दोपहर तक सुरेश को इलाज नहीं मिल पाने से चौकीदार ने भी इलाज के अभाव में घर पर ही दम तोड़ दिया। सूचना पर तहसीलदार आरडी वर्मा भी गांव पहुंचे और परिवार को सांत्वना देकर सरकार से हर संभव मदद की बात कही।
समय से इलाज मिलता तो शायद बच जाती जानदीवार के मलबे में दबकर घायल चौकीदार ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। सुकटिया उर्फ ताखा में सुरेश व उनकी पत्नी पर सुबह चार बजे दीवार गिरी थी। चौकीदार की पत्नी मुन्नी देवी की मौके पर ही मौत हो गई थी। घर पर मौजूद बेटा नन्हे रुपए न होने के कारण पिता को इलाज के लिए अस्पताल नहीं ले जा सका। पुलिस शव का पंचनामा भरने के लिए गांव पहुंची और हल्का लेखपाल मनवीर व कानूनगो मुकेश सक्सेना भी मौके पर गांव पहुंचे थे। सबने घायल चौकीदार और मौजूद बेटे नन्हे से जानकारी ली। चौकीदार ने चारपाई पर दर्द से कराहते हुए सारी घटना बताई बयान दर्ज सबने किए पर किसी ने भी घायल चौकीदार को सरकारी एंबुलेंस बुलाकर उनको इलाज के लिए भेज देने की बात नहीं की। सुरेश ने इलाज मुहैया न होने से घर पर ही दम तोड़ दिया।