वोटिंग का अहसास रहा खास
बरेली कैंट विधानसभा में सुभाषनगर एरिया का आर्यपुत्री इंटर कॉलेज। यहां बनाए गए पोलिंग सेंटर। वोटिंग का समय शुरू हुए एक घंटा बीत चुका है। बहुत भीड़ नहीं, लेकिन वोटर्स की ठीक ठाक तादाद। पोलिंग बूथ में एक बटन दबा देश के नए लोकतंत्र को बनाने में अपनी हिस्सेदारी का सभी में जोश। वहीं कॉलेज के मेन गेट के सामने पोलिंग एजेंट से अपनी पर्ची ढूंढ़वाने की जल्दी करते लोग। अपनी सहेली काजल के साथ वोट करने आई शिखा के लिए दिन का पहला जरूरी काम यही था। बकौल शिखा दो बार पहले भी वोट कर चुकी हूं, लेकिन लोस चुनाव में पहली बार शामिल होने का अहसास अलग है। यह उमंग सिर्फ यंग वोटर्स तक ही न ठहर सकी। उंगली में काली स्याही लगवाने को नौकरीपेशा, महिलाओं और बुजुर्गो ने भी अपने कदमों को पोलिंग बूथ की दिशा दे दी थी, लेकिन कइयों के चेहरे वोट न डालने की कसक से मायूस भी रहे। यहां से कुछ दूरी पर जंक्शन के सामने मनोरंजन सदन का पोलिंग सेंटर। सुबह से यहां वोटर्स का सूखा देखने को मिला। पहली नजर में ही सिवाय सिक्योरिटी फोर्स, पोलिंग एजेंट और पोलिंग पार्टी के कोई वोटर नहीं दिखा। इक्का दुक्का वोटर्स के आने से यह जगह खुद को पोलिंग सेंटर कहलाने की इज्जत बनाए रही। दोपहर तीन बजे तक यहां 34 परसेंट वोट पड़ा। वहीं सरस्वती शिशु मंदिर में भाग संख्या 36 में जहां गड़बड़ी रही, जबकि भाग संख्या 38 में ही लंबी कतार लगी रही। वोटिंग का डिविजन ठीक से न होने से बाकी बूथ पूरी तरह खाली पड़े रहे। हालांकि नगर निगम, स्वदेश भूषण इंटर कॉलेज और राष्ट्रीय बाल शिक्षा केन्द्र में वोटर्स के आने का दौर दिन भर एक फ्लो में चलता रहा। यहां दोपहर तीन बजे तक वोटिंग परसेंटेज 50 फीसदी से ऊपर रहा।