बस बटन दबाते ही खुल जाएगी कैंडीडेट की किस्मत
-संजय कम्युनिटी हाल में दी गई मतगणना की ट्रेनिंग
-ईवीएम से रिजल्ट निकालने के बारे में बताया गया -मतगणना स्थल पर मोबाइल व धूम्रपान सामग्री रहेगी बैन BAREILLY: ईवीएम में रिजल्ट वन का बटन दबाते ही कैंडीडेट की किस्मत एक के बाद एक खुलकर सामने आ जाएगी। कुछ इसी तरह से ईवीएम चलाकर काउंटिंग से जुड़े टिप्स मतगणना कर्मियों को दी गई। ट्रेनिंग संजय कम्युनिटी हॉल में ट्रेनिंग के दौरान कुछ कर्मचारी अबसेंट रहे तो कुछ सोने में मशगूल रहे। डीएम अभिषेक प्रकाश ने बताया कि कर्मचारी मतगणना स्थल पर मोबाइल व धूम्रपान सामग्री नहीं ले जा सकेंगे। ट्रेनिंग में एडीएम ई अरुण कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट व अन्य अधिकारी मौजूद रहे। आठ बजे से स्टार्ट होगी काउंटिंगट्रेनिंग में बताया गया कि मतगणना में लगे कर्मचारियों को सुबह साढ़े पांच बजे नरियावल मंडी स्थित मतगणना स्थल पर पहुंचना होगा। आठ बजे से पोस्टल बैलट की काउंटिंग होगी और साढ़े आठ बजे से ईवीएम से काउंटिंग स्टार्ट हो जाएगी। मतपत्र लेखा पत्र और कंट्रोल यूनिट पर कैंडीडेट के वोटों की संख्या लिखनी होगी। अगर किसी ईवीएम में कोई गड़बड़ी निकलती है तो उसे एआरओ द्वारा ठीक कराया जाएगा। ईवीएम में सिर्फ रिजल्ट क् का बटन दबाना होगा। बटन दबाते ही कैंडीडेट वाइज रिजल्ट अा जाएगा।
प्रत्येक हॉल में होगी क्ब् टेबल
मतगणना के लिए विधानसभा वाइज नौ सेंट्रल हॉल बनाए गए हैं। बरेली लोकसभा की पांच विधानसभा और पीलीभीत की बहेड़ी विधानसभा के लिए इंट्री मेन गेट से रहेगी। इसके अलावा पिछले गेट से आंवला की तीन विधानसभाओं के लिए इंट्री होगी। प्रत्येक सेंट्रल हॉल में क्ब् टेबल लगाई जाएंगी। प्रत्येक टेबल पर एक मतगणना अधिकारी , एक सहायक मतगणना अधिकारी, एक माइक्रो आब्जर्वर और एक फोर्थ क्लास इंप्लायी रहेगा। प्रत्येक टेबल के लिए एक एजेंट व एक रिटर्निग ऑफिसर की टेबल के लिए एजेंट की ही इंट्री होगी। स्टाफ व एजेंट के लिए अलग-अलग आईडी कार्ड पहचान के लिए दिया गया है। किसी भी बाहरी स्टाफ की मतगणना स्थल पर इंट्री नहीं होगी। कोई पहुंचा ही नहीं तो कोई सोता रहा ट्रेनिंग के दौरान काउंटिंग टेबल पर तैनात होने वाले प्रत्येक स्टाफ से पचास-पचास कर्मचारियों को ट्रेनिंग में पहुंचना था, लेकिन कई कर्मचारी ट्रेनिंग में नहीं पहुंचे। ट्रेनिंग में पांच सुपरवाइजर, क्क् माइक्रो आब्जर्वर, म् मतगणना सहायक अधिकारी और 9 फोर्थ क्लास इंप्लाई अबसेंट रहे। इसके अलावा कई कर्मचारी ट्रेनिंग के दौरान झपकी लेते रहे।