मानदेय के सहारे वित्तविहीन स्कूलों के पेंच कसने की तैयारी
-माध्यमिक स्कूलों के टीचर्स को मिलेगा मानदेय,
-मानदेय के लिए पहले इन स्कूलों को फॉलो करनी होगी गाइडलाइंस > BAREILLY: जल्द ही वित्तविहीन माध्यमिक स्कूलों के टीचर्स को मानदेय पर रखा जायेगा। अंशकालीन टीचर्स को मानदेय देने को खाका शासन स्तर पर तैयार किया जा रहा है। जिसके अगले कदम के तहत शासन ने बरेली के वित्तविहीन माध्यमिक स्कूलों के अंशकालीन टीचर्स की सूचना मांगी है। मानदेय प्रक्रिया शुरू कर शासन एक तीर से दो निशाने लगाने की फिराक में है। कैस आईये बताते हैं। शासन ने उठाया है कदमवित्तविहीन स्कूलों पर लगाम कसने की तैयारी के तहत शासन ने ये कदम उठाया है। अंशकालीन शिक्षको को मानदेय देकर शासन इस स्कूलों की जवाबदेही भी तय करेगा। वित्त विहीन स्कूल अशासकीय मान्यता प्राप्त होते है। क्योंकि इन्हें कोई गवर्नमेंट ऐड नही मिलती, इसलिए ये शासन की गाइडलांइस को ढंग से फॉलो नही करते। पिछले कई सालों से वित्तविहीन स्कूलों के टीचर्स मानदेय की मांग कर रहे थे, अब शासन के इस कदम से एक तरफ इनकी मांग पूरी हो जायेगी, तो दूसरी ओर जिला माध्यमिक शिक्षा अधिकारी भी इन स्कूलों से कड़ाई से शासन के आदेशों का पालन करा सकेंगे।
शासन ने मांगा डिस्ट्रक्ट का स्टेट्सवित्तविहीन स्कूलों के अंशकालीन टीचर्स का भुगतान मानदेय से करने के संबंध में बरेली डिस्ट्रक्ट के टीचर्स की संख्या मांगी गई है। इस समय पूरे जिले में ख्ख्भ् वित्तविहीन स्कूल है। डीआईओएस के एकॉर्डिग इसमें टीचर्स की संख्या का अनुमान लगाना मुश्किल है। क्योंकि इन स्कूलों में प्रिंसिपल से लेकर टीचर्स तक सब कुछ टेंप्रेरी होता है। लेटर में मानदेय के संबंध में फाइनल अप्रूवबल पूरे स्टेट के अंशकालीन टीचर्स की संख्या के आधार पर किया जाने की बात भले कही गई हो, लेकिन बता दे कि इस संबंध में शासन जनवरी महीने में माध्यमिक शिक्षा परिषद के साथ मिलकर योजना का खाका खींच चुका है। जिसमें इन स्कूलों के लिए टीचर-स्टूडेंट रेशियो, दाखिले के नियमावली आदि बनाई जा रही है।
शासन ने अशासकीय वित्तविहीन माध्यमिक स्कूलों के अंशकालीन शिक्षकों की संख्या मांगी है, जो हम कलेक्ट कर रहें है। मानदेय प्रक्रिया से पहले इस स्कूलों के लिए कुछ नियमावली बनेगी। इसको लेकर शासन की क्या मंशा है, इसपर मैं कुछ नही कहना चाहता। - आशुतोष भारद्वाज, डीआईओएस