बरेली के खुसरो कालेज प्रकरण में विश्वनाथ शर्मा समेत तीन और गिरफ्तार
बरेली (ब्यूरो)। : खुसरो कालेज के फर्जी अंक पत्र प्रकरण में एसआइटी ने गुरुवार को विश्वनाथ शर्मा समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इससे पहले कालेज के चेयरमैन शेर अली जाफरी, उसका बेटा फिरोज अली जाफरी और इनका सहयोगी एवं आस्था कंस्लटेंसी का प्रोपराइटर विजय शर्मा को जेल भेजा चुका है। गुरुवार को जेल भेजे गए आरोपितों ने स्वीकारा है कि वह भी उस फर्जीवाड़े में शामिल थे।
फर्जी अंक पत्र देकर 3.69 करोड़ रुपये हड़पे
खुसरो कालेज ने 379 छात्रों को डी-फार्मा के फर्जी अंक पत्र देकर 3.69 करोड़ रुपये हड़पे थेच् बच्चों को फर्जी अंक पत्र दिया गया इस बारे में उन्हें तब जानकारी हुई जब छात्रों ने उन अंक पत्रों का इस्तेमाल नौकरी लेने और मेडिकल खोलने को लाइसेंस लेने में किया। इस मामले में छात्रों के शिकायती पत्र एवं जांच के आधार पर सीबीगंज थाने में अलग-अलग चार प्राथमिकी लिखी गई। इसमें खुसरो ग्रुप एवं कालेज के चेयरमैन शेर अली जाफरी, उसके बेटे फिरोज अली जाफरी, आस्था कंसल्टेंसी के प्रोपराइटर डा। विजय शर्मा, प्रधानाचार्य विश्वनाथ शर्मा, शिक्षक तारिक को आरोपित बनाया गया था। मामला बढ़ा तो एसएसपी अनुराग आर्य ने इस पूरे प्रकरण की गहन जांच को एसआइटी गठित कर दी। एसआइटी का नेेतृत्व तत्कालीन एसपी साउथ मानुष पारीक (अब एसपी सिटी) कर रहे थे। जांच के दौरान टीम ने खुसरो कालेज के चेयरमैन शेर अली जाफरी, उसका बेटा फिरोज अली जाफरी को जेल भेज दिया। आस्था कंस्लटेंसी का प्रोपराइटर विजय शर्मा फरार चल रहा था। कुछ दिनों उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया। पूरी जांच में जाकिर अली का भी नाम सामने आया था। तीन लोगों के जेल जाने के बाद आरोपित विश्वनाथ शर्मा, जाकिर अली, और तारिक अली की गिरफ्तारी होना बाकी थी। वह तीनों फरार चल रहे थे। एसआइटी ने गुरुवार को विश्वनाथ शर्मा, जाकिर अली, और तारिक अली को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उन्होंने बताया कि, जाकिर अली व तारिक अल्वी खुसरो कालेज में क्लर्क के पद पर कार्य करते थे। विश्वनाथ शर्मा कालेज में आइटीआइ एवं मेडिकल ब्रांच में प्रधानाचार्य के पद पर था। जाकिर अली व तारिक अल्वी कालेज में डीफार्मा व अन्य कोर्सों में एडमिशन लेने वाले छात्रों से फीस लेकर रसीद दिया करते थे एवं कुछ से फीस आनलाइन लिया करते थे। हर एडमिशन पर कमीशन भी लेते थे।
2019 से कर रहे थे फर्जीवाड़ा
इस प्रकरण की जांच जब एसआइटी ने की तो स्पष्ट हुआ कि वर्ष 2019 से आरोपित यह ठगी का काम कर रहे थे। पहले फर्जी तरह से छात्रों का एडमिशन लेते फिर न क्लास लगती न ही परीक्षाएं होती। जब अंकपत्र देने की बारी आती तो किसी कालेज के अंदर ही अंकपत्र छापच्र बच्चों को पकड़ा देते थे। एसआइटी ने कालेज से उड़ीसा, हिमाचल प्रदेश, मदरहुड विश्वविद्यालय रुड़की उत्तराखंड, छत्रपति शिवाजी साहू महाराज विश्वविद्यालय कानपुर आदि के नाम के फर्जी अंकपत्र भी बरामद किए थे। पता चलाच्कि बच्चों को वह उन्हीं अंक पत्रों को एडिट करके दिया करता था। बहरहाल इस प्रकरण के सभी छह आरोपितों को एसआइटी अब जेल भेज चुकी है।
फर्जी अंक पत्र प्रकरण में तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में तीनों ने अपना जुर्म स्वीकार किया है। तीनों को जेल भेज दिया गया है.
-- मानुष पारीक, एसपी सिटी।