फेक कंप्लेन से गुमराह हो रही विजिलेंस टीम
- हर महीने दर्ज हो रहे हैं 15 से 20 फेक मामले
- जांच में सच्चाई कुछ और निकल कर आती है सामने - आपसी रंजिश को लेकर भी झूठी कंप्लेन दर्ज करा रहे है लोग BAREILLY: लोगों की सुविधा के लिए पावर कॉरपोरेशन मुख्यालय ने एक हेल्प लाइन नंबर जारी किया था। ताकि लोग बिजली से रिलेटेड कोई समस्या आने पर हेल्प लाइन नंबर के माध्यम ये अपनी कंप्लेन दर्ज करा सके। लेकिन लोगों द्वारा इस नंबर पर फेक कंप्लेन दर्ज करायी जा रही है। दर्ज कंप्लेन के आधार पर जब विजिलेंस टीम मौके पर पहुंचती है तो सच्चाई कुछ और हाेती है। हर महीने क्भ् से ख्0 मामलकंज्यूमर्स के लिए हेल्प लाइन नंबर क्800-क्800-ब्ब्0 जारी किया गया है। इसकी मॉनीटरिंग मुख्यालय लखनऊ से ही होती है। इस नंबर पर आने वाली शिकायत को रिलेटेड डिस्ट्रिक्ट के विजिलेंस टीम को सौंप दी जाती है। बरेली डिस्ट्रिक्ट से हर महीने करीब क्भ् से ख्0 कंप्लेन दर्ज करायी जा रही है। लेकिन दो तीन मामलों ही सही होते हैं।
जांच में खुलती है पोलविजिलेंस टीम के जेई बबलू ने बताया कि मैक्सिमम केसेज में झूठी कंप्लेन दर्ज कराई जा रही है। कुछ दिन पहले नवाबगंज के एक युवक ने पड़ोसी द्वारा बिजली चोरी करने की शिकायत दर्ज कराई थी। मौके पर जांच के लिए पहुंची टीम को ऐसा कुछ नहीं मिला। वहीं दिसम्बर में खिजरपुर के एक मामले भी ऐसा हुआ था। कई बार तो लोग आपसी रंजिश को लेकर भी झूठी कंप्लेन दर्ज करा रहे हैं।
दूर-दराज के मामले अधिक फेक कंप्लेन दर्ज कराने के मामले सबसे अधिक दूर-दराज एरिया से आ रहे हैं। विजिलेंस टीम के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की हरकत से कई तरह की प्रॉब्लम हो रही है। टीम प्रॉपर अभियान चलाकर बिजली चोरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रही है। बार-बार फेक कंप्लेन दर्ज कराने वाले लोगों के नंबर ब्लॉक करने के लिए मुख्यालय को लिखा गया है। इस तरह की कंप्लेन के चलते विजिलेंस टीम को काफी परेशानी हो रही है। चूंकि, कंप्लेन सीधे मुख्यालय दर्ज होती है तो, समस्या और भी बढ़ जाती है। वहां से यह निर्देश मिलता है कि, कंप्लेन पर तुरंत एक्शन लिया जाए। लेकिन मामले की जांच में सच्चाई कुछ और ही होती है। महेश चंद्र मिश्रा, इंचार्ज, विजिलेंस