13416 वेंडर्स के अच्छे दिन, 3906 को अभी इंतजार
-पीएम स्वनिधि योजना लिए 17322 वेडर्स ने किया था आवेदन
फैक्ट एंड फिगर 45,240-वेंडर्स के रजिस्ट्रेशन का था टारगेट 16,540-वेंडर्स की हुए चिह्नित 16043-वेंडर्स हुए रजिस्टर्ड 14992-को इश्यू हुए आई कार्ड 14092-को इश्यू हुए सर्टिफिकेट 8892-का पीएएम स्वनिधि पोर्टल पर अपलोड हुआ डाटा 17322-कुल ऑनलाइन हुए योजना के लिए आवेदन 14655-वेंडर्स का लोन हुआ स्वीकृत 13,416 को दिया गया लोन 22620-को 31 मार्च 2022 तक लोन देने का लक्ष्य 59.30 परसेंट लक्ष्य करना है अचीव -स्ट्रीट वेंडर को दिया जाता है एक साल के लिए 10 हजार रुपए का लोन - तीन बार में वेंडर का अकाउंट में मिलेगा पूरा रुपएबरेली : लॉकडाउन से मार झेल रहे 13416 वेंडर्स को पीएम स्वनिधि योजना का लाभ मिल चुका है। लेकिन 3906 वेंडर्स अभी भी योजना के लाभ के लिए लाइन में लगे हुए हैं। जिले में कुल 17322 वेंडर्स ने योजना के लाभ के लिए अप्लाई किया था। हालांकि अधिकांश को लाभ मिल चुका है, लेकिन सैकड़ों की संख्या में भटक रहे आवेदनकर्ता भी अब परेशान हो चुके हैं। 10 हजार रुपए पाने के लिए ऑफिस के कई चक्कर लगाने के बाद भी उन्हें उम्मीद हैं कि एक दिन उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा जरूर। शायद इसी उम्मीद को लेकर वह आए दिन ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं।
एक साल में करना होता है वापस सड़क किनारे, ठेले या रेहड़ी पर दुकान चलाने वालों को यह कर्ज दिया जाता है ़ फल-सब्जी बेचने वाले, सैलून, पान की दुकान वाले, रेडी टू ईट स्ट्रीट फूड बेचने वाले वेंडर्स आदि इस लोन से कारोबार कर सकते हैं। इसके साथ ही सभी स्ट्रीट वेंडर को दस हजार का लोन एक साल के लिए दिया जाता है ़ इतना ही नही यदि लाभार्थी एक साल के अंदर लोन वापस कर देते हैं तो वो फिर से बीस हजार रुपए के लोन के लिए उसके बाद पचास हजार रुपए का लोन लेकर अपने कारोबार को बढ़ा सकते हैं ़ ये दस्तावेज जरूरी योजना के अंर्तगत केवल फुटपाथ वेंडर्स ही पात्र हैं ़ आवेदक के पास आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड के साथ अपना बैंक अकाउंट पासबुक और मोबाइल नंबर होना चाहिए जिससे रजिस्ट्रेशन के समय ओटीपी उनके नंबर पर आ सके ़ सबसे खास बात इस योजना की ये है कि इसके लिए सिर्फ ऑनलाइन आवेदन ही कर सकते हैं ़ कई बार लगाना होता चक्करपीएम स्वनिधि संचालित योजना का मुख्य उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देना है ़ लेकिन बरेली में अभी तक कुल 17322 वेंडर्स ने ऑनलाइन आवेदन किए। जिसमें से 13416 वेंडर्स को लाभ भी मिल चुका है। लेकिन इसके बाद भी अभी तक 3906 वेंडर्स को योजना के लाभ का इंतजार है। इसमें कई वेंडर्स तो ऐसे हैं जो कई कई महीनों से ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनको योजना का अभी तक लाभ नहीं मिल सका है।
कौन हैं पात्र सड़क किनारे, ठेले या रेहड़ी-पटरी पर दुकान चलाने वालों को यह कर्ज दिया जाएगा। फल-सब्जी, लॉन्ड्री, सैलून और पान की दुकानें भी इस श्रेणी में शामिल की गई हैं। इन्हें चलाने वाले भी यह लोन ले सकते हैं। वेंडर्स की भी सुनिए पिछले साल से चक्कर लगा रहे है पति की मौत होने के बाद से ही छोटी सी दुकान चला कर गुजारा कर रही हूं ़ सोचा लोन मिल जाएगा तो काम में लगाकर थोड़ा बहुत गुजारा सही से हो जाएगा ़ हसीन बानो, सर्वोदय नगर शरीर से विकलांग होने के कारण बच्चों की मदद से सब्जी बेचता हूं ़ एक महीने पहले आया था तो ये बोलकर वापस कर दिया कि अब योजना बंद कर दी गयी है ़ लेकिन मुझे अभी इंतजार है। मोइन अहमद, पुराना शहरछाता सम्भालने का काम करता हूं ़ सोचा था दस हजार रुपए में अपना छोटा मोटा काम कर सकते थे लेकिन ये लोग बैंक भेज देते हैं। अब लोन मिल जाए बस, इसी का इंतजार है।
गुड्डू, गौंटिया जिम्मेदार बोले स्वनिधि योजना के अंर्तगत स्ट्रीट वेंडर को दस हजार रुपए का लोन दिया जाता है, लेकिन उसके ऊपर कोई अन्य लोन न हो। आवेदन ऑनलाइन या फिर नगर निगम के लगाए जाने वाले कैम्प में भी किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में बैंक से भी प्रक्रिया में कुछ देरी हो जाती है। राकेश कुमार, सहायक परियोजना अधिकारी