'पछुवा' बिगाड़ेगी घर का बजट
- पछुवा बिगाड़ेगी किचेन का बजट
- सब्जियों का उत्पादन कम होने से बढ़ेंगे दाम - पछुवा का असर अभी से सब्जियों पर दिखने लगा। BAREILLY: गैस की किल्लत झेल रहे शहरवासियों को मौसम की मार झेलनी पड़ेगी। क्योंकि मई-जून में हरी सब्जियों के दाम आसमान छूने वाले हैं। इसका रीजन पछुवा हवा है। पछुवा हवा की वजह से सब्जियों के पौधे सूखने लगते हैं। इसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ता है। मौसम की तपिश से स्टोर और खेत में सब्जियों को बचा पाना काफी मुश्किल होगा। तब पंजाब, कोलकाता, रायपुर और एमपी की सब्जी के भरोसे पूरे शहरवासियों को रौशन किया जाएगा। जो बरेलियंस के लिए काफी महंगा साबित होगा। मौसम की मार जेब पर भारीएक्सपर्ट की मानें तो पछुवा हवा हरी सब्जियों को काफी नुकसान पहुंचाती है। इस समय पछुवा हवाएं ख्0 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बह रही है। मई-जून आते-आते इनकी रफ्तार और अधिक हो जाएगी। पछुवा हवा के चलते क्भ् परसेंट तक सब्जियों का उत्पादन कम हो जाता है। ऐसी स्थिति में सब्जियों के दाम बढ़ना तय है, जबकि आलू-प्याज में सड़न पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है। डेलापीर मंडी में मैक्सिमम सब्जियां ट्रक से आती हैं। ऐसे में होल सेल में सब्जियों की छटनी होती है। फिर उसका अलग-अलग पैकेट बनता है। उस हिसाब से रेट तय कर उसे ओपेन मार्केट में सेल किया जाता है। होल सेलर्स की मानें तो, मई-जून आते-आते सब्जियों के दाम ख्भ् से फ्0 रुपए तक बढ़ जाएंगे।
लागत ज्यादा, पैदावार कम इतना ही नहीं किसानों को सब्जियां उगाने में लागत भी अधिक लगानी पड़ती है। लागत के मुकाबले पैदावार काफी कम होने से दाम बढ़ जाते हैं। पछुवा हवाओं के चलते मौसम में नमी कम होती है, जिसके कारण हर दूसरे दिन सब्जियों की सिंचाई करनी पड़ती है। जबकि नॉर्मल दिनों में ब् से भ् दिन बाद सिंचाई करने की जरूरत पड़ती है। हरी सब्जियों को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़े भी सूर्य की तपिश से बचने के लिए सब्जियों के फूल और पत्ते में छुप जाते हैं। कोल्ड स्टोर बढ़ाएगी गर्मीआलू और प्याज को स्टोर करने वाले कोल्ड स्टोर भी महंगाई का कारण बनेंगे। होल सेलर ने बताया कि कोल्ड स्टोरेज में सामान रखना काफी मुश्किल हो गया है। एक पेटी यानि एक बोरा आलू या प्याज रखने की कीमत क्00 से क्ख्0 रुपए तक लगती है। ऐसे में इसमें रखने का एक ही मकसद होता है कि, जब आलू और प्याज का सेल किया जाए तो अधिक मुनाफा कमाया जाए।
लोकल कम बाहर की ज्यादा डेलापीर मंडी में फल और सब्जी की करीब ख्भ्0 होलसेल दुकानें है। इनमें से सिर्फ हरी सब्जियों के इनपोर्ट और एक्सपोर्ट करने वालों की संख्या क्80 है। इनके द्वारा मैक्सिमम सब्जियां प्रजेंट टाइम में पंजाब, चंडीगढ़, आगरा, मथुरा, कलकत्ता, रायपुर जैसे जगहों से ही मंगाए जा रहे है। होलसेलर्स की मानें तो लोकल सब्जिया अभी से ही बहुत कम आ रही है। गर्मी के दिनों में सब्जियों का उत्पादन नामात्र रह जाता है। जिसके कारण हम लोगों को दूसरे सिटीज के मार्केट पर ही डिपेंड रहना पड़ता है। बाहर से सब्जियां मंगाने पर ट्रांसपोर्ट खर्च बढ़ जाता है। जिसका सीधा असर सब्जियों के दाम पर पड़ता है। रिटेल मार्केट अभी से महंगाहोलसेल के मुकाबल रिलेट मार्केट में सब्जियों के दाम अभी से ही रफ्तार पकड़ चुकी है। आलू और प्याज के दाम फिर आसामन छुने लगी है। इतना ही नहीं करैला, तोरई, खीरा, लौकी जैसी हरी सब्जियां भी होलसेल के मुकाबले रिटेलर के यहां काफी महंगी है। होलसेल में जिन सब्जियों के दाम क्0 रुपए है। वह रिटेलर के यहां आते-आते ख्0 से फ्0 रुपए में बिक रही है। इस समय पूरे बरेली में म्0 ट्रक सब्जियों की खपत डेली हो रही है। डेलापीर मंडी से सिटी सहित आंवला, बहेड़ी, फरीदपुर जैसे एरिया में सब्जियों की सप्लाई होती है।
कौन सब्जी परडे कितनी खपत आलू - म् ट्रक प्याज - भ् ट्रक भिन्डी - ख् ट्रक खीरा - म् ट्रक तोरई - क् ट्रक लौकी - ब् ट्रक कद्दू - ब् ट्रक करैला - क् ट्रक टमाटर - ब् ट्रक मिर्च - ख्भ् ट्रक नोट- डेलापीर मंडी के व्यापारियों के अनुसार। सब्जी - थोक रेट - फुटकर रेट प्याज - 8-क्ब् - क्म्-ख्0 आलू - क्भ्-क्म् - क्म्-ख्0 करैला - ख्0 - ब्0तोरई - ख्0 - फ्0-ब्0
लौकी - फ्-ब् - क्0-क्भ् टमाटर - क्ख्-क्ब् - क्म्-ख्0 मिर्च - भ्-क्भ् - फ्0-ब्0 नोट - दिन और दुकान के हिसाब से रेट में अंतर हो सकता है। पुरवइया हवा सब्जियों के लिए फायदे मंद होती है। पुरवइया हवा से मौसम में नमी बनी रहती है, लेकिन पछुवा हवा काफी नुकसानदायक होती है। पछुवा हवा के चलते सब्जियों का उत्पादन काफी कम हो जाता है। - अश्विनी कुमार सिंह, जिला कृषि अधिकारी डिमांड के मुकाबले सब्जियों का उत्पादन कम होने से बाहर से सब्जियां मंगानी पड़ती है। ट्रांसपोर्ट खर्चा बढ़ जाता है, जिसका असर सब्जियों के दाम पर पड़ता है। - सरताज नवी, होल सेलर सब्जियों के दाम पर अभी से असर देखने को मिल रहा है। आने वाले दिनों में सब्जियों के दाम काफी बढ़ जाएंगे। फिलहाल जिन डेढ़ केजी सब्जियों के दाम ख्0 रुपए थे वहीं दाम अब एक केजी के हैं। सुनील, रिटेलर