तो इस वर्ष बीएड की 72 हजार सीटें रह जाएंगी खाली
BAREILLY: प्रदेश में बीएड कॉलेजेज की खाली करीब 7ख् हजार सीटों पर एडमिशन होने का मामला फंस गया है। बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी द्वारा कंडक्ट कराई गई स्टेट बीएड इंट्रेंस की फर्स्ट फेज की काउंसलिंग में ये सीटें खाली रह गई थीं। जिन्हें भरने के लिए शासन ने सुप्रीम कोर्ट से दोबारा काउंसलिंग कराने की अनुमति मांगी थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा काउंसलिंग की अनुमति देना तो दूर उल्टा कॉलेजेज और यूनिवर्सिटी से ही जवाब मांग लिया कि वे निर्धारित क्80 दिन की क्लासेज कैसे कंडक्ट करा पाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के इस सवाल पर कोई भी माकूल जवाब नहीं दे पाया। अब यूनिवर्सिटी और शासन को दोबारा काउंसलिंग की उम्मीद नहीं दिख रही है। जबकि कॉलेजेज शासन पर दोबारा काउंसलिंग कराने की बात पर अड़े हैं।
प्रपोज्ड डेट के साथ भेजा गया था प्रस्तावस्टेट बीएड इंट्रेंस में करीब ख्,क्0,000 स्टूडेंट्स शामिल हुए थे। फर्स्ट फेज की काउंसलिंग में क्वालीफाइड क्,70,000 स्टूडेंट्स को बुलाया गया था। लेकिन केवल म्म्,000 स्टूडेंट्स ने ही एडमिशन लिया। जबकि बीएड की करीब क्,फ्8,000 सीटें हैं। सीटें खाली रहने के बाद बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी ने दूसरी काउंसलिंग का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया था। शासन ने प्रपोज्ड डेट सौंप कर सुप्रीम कोर्ट से काउंसलिंग कंडक्ट कराने की अनुमति मांगी थी। एडमिशन को लेकर काफी टाइम बीत चुका है। ऐसे में कोर्ट ने फिलहाल सेकेंड काउंसलिंग कंडक्ट कराने की अनुमति नहीं दी है।
लास्ट ईयर की तरह नहीं दोहराना चाहते गलतीसुप्रीम कोर्ट की ना के बाद कॉलेजेज की सांसे अटक गई हैं। वे 7ख्,000 खाली सीटों पर एडमिशन कराने के लिए शासन पर दबाव बना रहे हैं। इसके लिए वे सुप्रीम कोर्ट के एक और आदेश का हवाला दे रहे हैं जिसमें सीटें भरने तक काउंसलिंग कंडक्ट कराने को कहा गया है। अब शासन दुविधा में फंस गया है। लास्ट ईयर तीन बार काउंसलिंग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने क्भ् सितम्बर तक एडमिशन लेने का लास्ट डेट फिक्स थी। लेकिन कॉलेजेज ने इसके बाद भी एडमिशन ले लिए थे। ऐसे करीब ख्भ्,000 स्टूडेंट्स का एग्जाम इस वर्ष नहीं कराया गया। इसी को देखते हुए शासन कोई कदम नहीं उठाना चाहता। यूपी सेल्फ फाइनेंस कॉलेजेज एसोसिएशन के प्रेसीडेंट विनय त्रिवेदी ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर सिचुएशन है। काफी संख्या में सीटें खाली हैं। जिससे कॉलेजेज को नुक्सान हो रह है। शासन पर सीटें भरने की जिम्मेदारी है। उधर स्टेट बीएड इंट्रेंस के कोऑर्डिनेटर प्रो। ओपी कंडारी इस मुद्दे पर ज्यादा कहने से बच रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें आदेश की कॉपी नहीं मिली है और ना ही हमें काउंसलिंग कंडक्ट कराने के लिए कहा गया है।