मैदान में उतरी पर्वत की सतरंगी छटा यादों के साथ अलविदा
बरेली (ब्यूरो)। मकर संक्रांति के पावन अवसर पर तीन दिनों तक बरेली क्लब मैदान में उतरी उत्तराखंड की लोक कला और संस्कृति की सतरंगी छटा संडे को ढेरों खुशगवार यादों के साथ सिमट गई। बीते 26 सालों से बरेली में मेल-मिलाप और मनोरंजन का बड़ा आयोजन उत्तरायणी मेला दो साल कोरोना के छोडक़र इस बार 27 वें साल दो गुने उत्साह के साथ 13 जनवरी को शुरू हुआ। बरेली क्लब मैदान में तीन दिनों तक इस मेले की बहार छाई रही। इस मेले का मुख्य आकर्षण छोलिया नृत्य के कलाकारों ने पहाड़ की प्राचीनतम कला के प्रदर्शन से बरेलियंस का दिल जीत लिया। मेला मैदान में उनकी प्रस्तुति को अपने मोबाइल में कैद करने को हर कोई लालायित रहा। इसके अलावा भी कला और संस्कृति की प्रस्तुतियों को लोगों ने खूब सराहा। संडे को मौसम बेहतर होने के चलते मेले में बरेलियंस की भारी भीड़ उमड़ी। लोगों ने यहां अपनी मनपंसद चीजों की जमकर खरीदारी भी की। देर शाम उत्तरायणी जनकल्याण समिति के पदाधिकारियों की ओर से मेले की विधिवत समापन की घोषणा कर दी गई।
एमएलसी महाराज सिंह रहे मुख्य अतिथि
मेले के तीसरे दिन के मुख्य अतिथि एमएलसी महाराज सिंह रहे। उन्होंने दीप प्रज्जवलित कर मेले में रंगारंग कार्यक्रमों की शुरुआत की। संस्था के पदाधिकारियों ने मंच से उनका सम्मान किया और उन्हें स्मृति चिह्न भेंट किया। इसके बाद स्थानीय कलाकारों कमलेश, उमा, कमला, वंदना आदि ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। इसी तरह मंच से क्षेत्रीय कलाकरों की टीमों ने दिनभर अपनी मनमोहक प्रस्तुति से लोगों की वाहवाही भी लूटी और उन्हें बांधे भी रखा। उत्तराखंड के लोकप्रिय गायक दीवान कनवाल, जगदीश कांडपाल और मेघना चन्द्रा ने अपने गीतों से लोगों का दिल जीत लिया।
मेले में सबसे अधिक उत्साह और उमंग बच्चों व महिलाओं में देखने को मिला। इन्ही के चलते ही झूलों और फास्ट फूड कॉर्नर में पूरे दिन भारी रौनक रही। बच्चों के साथ छोटे-बड़े झूलों में झूलते हुए परिजनों ने भी मानो अपने बचपन की यादें ताजा कर लीं। इन दोनों जगहों पर लोगों की भीड़ के चलते कारोबारियों की भी चांदी रही। इसके अलावा मेला मैदान में लगे दूसरे स्टालों में भी खूब बिक्री हुई। पहाड़ की खाद्य सामग्री के स्टालों पर तो मेला समाप्त होने से पहले ही चीजें समाप्त हो गई। मेला आयोजकों के मुताबिक तीनों दिन मौसम बेहतर होने से सभी स्टाल वालों की अच्छी बिक्री हुई और सभी खुश होकर यहां से लौटे।
नगर आयुक्त को भी भाया मेला
उत्तरायणी मेला का इंतजार यूं तो सभी बरेलियंस को रहता है, पर जिले के आला अधिकारी और राजनीतिक हस्तियां भी इस मेले के आकषर्ण से बच नहीं पाते हैं। संडे को मेला में नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स भी परिवार के साथ पहुंची। वह आम लोगों की तरह अपने बच्चों के साथ मेला में घूमी और उन्होंने बच्चों को मेले के बारे में बताया भी। इसी तरह कई दूसरे अधिकारी भी मेला देखने पहुंचे।
मेला में राजनीतिक हस्तियों से लेकर अधिकारियों के पहुंचने का सिलसिला तीसरे भी जारी रहा। राजनीतिक हस्तियों में सुबह एमएलसी महाराज सिंह पहुंचे तो बाद में पूर्व मेयर डॉ। आईएस तोमर, पूर्व मेयर सुप्रिया ऐरन, पूर्व सांसद प्रवीण ऐरन पहुंचे। दोपहर में कैंट विधायक संजीव अग्रवाल, भाजपा नगर अध्यक्ष केएम अरोड़ा, सह प्रांत प्रचारक धर्मेन्द्र आदि भी मेले में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने पहुंचे। शाम को पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं सांसद संतोष गंगवार मेले में पहुंचे और उन्होंने दीप प्रज्जवलित कर सायं कालीन सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत की। इसके बाद देर शाम तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों से मेले की रौनक बनी रही।
स्वच्छता का भी दिया संदेश
उत्तरायणी मेले ने बरेलियंस को स्वच्छता का भी संदेश दिया। स्वच्छता के लिए ही इस बार मेला को प्लास्टिक मुक्त संपन्न कराया गया। इसके अलावा स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए नगर निगम की ओर से भी रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन कराया गया। मेले में कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों और लघु नाटिका के जरिए लोगों को स्वच्छता का संदेश दिया। इसके जरिए लोगों से अपील भी की गई कि वह स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में बरेली को बेहतर रैंक दिलाने में अधिक से अधिक सहयोग करें। इसके लिए अपने मोबाइल फोन में स्वच्छता एप भी डाउनलोड करने की अपील की गई।
आभार के साथ समापन की घोषणा
ढेरों यादों के साथ तीन दिवसीय मेला संडे देर शाम पूरा हो गया। समापन की घोषणा आयोजन समित के अध्यक्ष प्रमोद बिष्ट ने की। उन्होंने मेले के सफल और शांतिपूर्वक आयोजन के लिए सबसे पहले समस्त देवी-देवताओं के प्रति कृतज्ञता जताई। इसके साथ ही मेला के आयोजन में सहयोग करने के लिए शासन, प्रशासन, पुलिस, नगर निगम और मीडिया का भी उन्होंने आभार व्यक्त किया। मेले के आयोजन और इसकी सफलता में दिन-रात एक करने वाले समिति के पदाधिकारियों और समाज के सहयोगियों का भी उन्होंने दिल से आभार व्यक्त किया। उन्होंने वर्ष 2024 में और भी बेहतर आयोजन के वादे के साथ मेले के सभी स्टाल धारकों और मेले के प्रति अपना प्यार रखने वाली बरेली की जनता का भी आभार व्यक्त किया।