अपनी हयात में सौंपा सज्जादानशीन का मनसब
-रस्म-ए-दस्तार अदा कर मिली खिलाफत
-मौलाना अहसन रजा कादरी बने सज्जादानशीन BAREILLY: उर्स रजवी फ्राइडे को खत्म हो गया। उर्स में सज्जादानशीन के मनसब पर कायम मौलाना सुब्हान रजा खां सुब्हानी मियां ने सज्जादानशीन का मनसब अपने बड़े बेटे मौलाना अहसन रजा कादरी सौंप दिया। ऐसा पहली बार हुआ कि किसी सज्जादानशीन ने अपनी हयात में सज्जादानशीन का मनसब किसी को सौंपा। फ्राइडे को रस्म-ए-दस्तार के साथ मौलान अहसन कादरी को खानकाहे बरकतिया कि खिलाफत भी सौंपी गई। मिस्त्र में हासिल कर रहे हैं तालीम मौलना अहसन रजा कादरी मिस्त्र में तालीम हासिल कर रहे हैं। सज्जादानशीन बनने के बाद वह खानकाह का मैनेजमेंट देखेंगे। इसके अलावा मदरसा मंजर इस्लाम के भी मैनेजर होंगे। वहीं आला हजरत के नाम से छपने वाली मैगजीन के चीफ एडिटर होंगे। इसके साथ ही रजा मस्जिद के मुतवल्ली भी रहेंगे। उम्र को देखते हुए सौंपा मनसबमौलाना सुब्हान रजा खां सुब्हानी मियां ने अपनी उम्र को देखते हुए मनसब मौलान अहसन रजा कादरी को सौंपा है। दरगाह के नासिर कुरैशी ने बताया कि सुब्हानी मियां ने मनसब सौंपते वक्त इसका जिक्र भी किया। उन्होंने बताया कि नए सज्जादानशीन कम उम्र के हैं। वह खिदमत और बेहतर तरह से कर सकेंगे।
ये रह चुके हैं सज्जादानशीनआला हजरत क्9ख्क् में दुनिया से रुखसत हुए। इसके बाद मौलाना हामिद रजा खां पहले, मौलाना इब्राहिम रजा खां दूसरे, मौलाना रेहान रजा खां तीसरे, सुब्हान रजा खां चौथे और फ्राइडे को मौलाना अहसन रजा कादरी सज्जादानशीन बने।