कुल शरीफ की रस्म के साथ उर्स का समापन
- जीआईसी ग्राउंड में अकीदतमंदों ने उर्स के कुल शरीफ की रस्म की अदा - खानकाहों को एकजुट रहने, शरीअत के मुताबिक व्यवहार करने पर हुई तकरीर - जीआईसी ग्राउंड में अकीदतमंदों ने उर्स के कुल शरीफ की रस्म की अदा - खानकाहों को एकजुट रहने, शरीअत के मुताबिक व्यवहार करने पर हुई तकरीर BAREILLY: BAREILLY: भ्0वें उर्स-ए- शराफती का समापन थर्सडे को कुलशरीफ के साथ हो गया। दिन की शुरुआत सुबह फज्र की नमाज के बाद कुरआनख्वानी से हुई। सुबह से ही भारी तादाद में जायरीन के बड़े-बड़े जत्थे राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में पहुंचने लगे। कुल शरीफ की रस्म परंपरानुसार अदा की गई। प्रोग्राम की सरपरस्ती पीरो मुरशिद हजरत शाह सकलैन मियां हुजूर ने फरमायी। सदारत हजरत मुफ्ती आफाक, निजामत का जिम्मा प्रोफेसर महमूद उल हसन ने की। महफिल की शुरुआत तिलावत-ए-कुरआन पाक से हुई। दूर दराज से आए जायरीन कुल में शामिल होने के लिए शहरों, कस्बों और गांवों समेत दिल्ली, उत्तराखंड, बदायूं, रामपुर, मुरादाबाद, शाहजहांपुर, बिलग्राम, झांसी शाहबाद, पीलीभीत, बहेड़ी व अन्य जगहों से जायरीन पहुंचे थे। दरगाह के हमजा सकलैनी के मुताबिक अकीदतमंदों के बढ़ते सैलाब को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने मुस्तैद व्यवस्था कर रखी थी, जिसकी वजह से कोहाड़ापीर, कुतुबखाना, नैनीताल रोड, ब्रह्मापुरा, शहदाना, घंटाघर, नॉवेल्टी चौराहा, अयूब खां चौराहा, कुमार टाकीज पर जाम का झाम रहा। जाम को खत्म करने के लिए ट्रैफिक पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। खिदमात पर किया बयान कुल शरीफ की रस्म के बाद शाम को कुल की महफिल आयोजित हुई। जिसकी शुरुआत तिलावत-ए-पाक से हुई। इलाहाबाद से तशरीफ लाए अतलामा मौलाना जियाउर्रहमान अलीमी साहब ने जोरदार खिताब किया। अतलामा मुफ्ती साहब ने बुजुर्गानेदीन पर और तसव्वुफ पर खिताब करते हुए खानकाहों की एहमियत का खिदमात पर बयान किया। आस्ताना-ए-आलिया सकलैनिया शराफतिया कमेटी की ओर से मिली सूचना के मुताबिक कुल से पहले हुई तकरीर में सभी खानकाहों को एकजुट रहने, शरीअत के मुताबिक चलने, असहायों की मदद करने, गलत बातों का एकजुटता से विरोध करने को कहा गया है। इसके अलावा अन्य ने उलमा ने तकरीरें कीं।