उर्स के लिए 786
निकला जुलूस
कार्यक्रम की शुरुआत नमाज-ए-फज्र कुरानख्वानी से हुई। दोपहर बाद अहसन मियां की कयादत में परचम कुशाई का जुलूस निकला। जुलूस में अकीदतमंदों, मुरीदों, उलेमा, शोहरा और टीटीएस के कार्यकर्ताओं ने शिरकत की। जुलूस से पहले नात-ओ-मनकबत व फातिमाख्वानी हुई। जुलूस आजमनगर से कुमार सिनेमा, इंदिरा मार्के ट से होते हुए उर्स ग्राउंड पर पहुंचा। यहां हजरत अहसन मियां ने मुल्क और मिल्लत की खुशहाली की दुआ मांगी। लोगों में खासा उल्लास नजर आया और लोगों की बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी।
पास हुआ मुस्लिम एजेंडा
ऑल इंडिया जमात रजा-ए-मुस्तफा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मुस्लिम एजेंडा पास किया गया। एजेंडे में मुस्लिमों के शैक्षिक और आर्थिक रूप से पिछड़ेपन पर चिंता जताई गई है। बरेली को पर्यटन नगरी घोषित किए जाने और मुस्लिमों के लिए ऐसा विश्वविद्यालय बनाने की बात की गई है जिसमें मेडिकल और इंजीनियरिंग में 50 प्रतिशत सीटें मुस्लिमों के लिए आरक्षित हों। मुस्लिमों की संपत्ति वक्फ की बजाय मुस्लिमों के सुपुर्द की जाए। सत्ता और सरकारी नौकरियों में भी मुस्लिमों को अलग से आरक्षण दिया जाए।
जायरीनों के लिए हेल्थ कैंप
कादरी हाउस की ओर से उर्स ग्राउंड पर तीन दिन के लिए स्वास्थ्य शिविर का इनॉग्रेशन मौलाना तस्लीम मियां ने किया। शिविर में बीमार मरीजों का चेकअप और फ्री दवाइयां भी बांटी गईं। इसके अलावा कादरी हाउस से ठिरिया के अकीदतमंदों ने 786 चादर का इस्तकबाल दरगाह-ए-आलाहजरत में किया। चादर के जुलूस में हजारों की संख्या में अकीदतमंद मौजूद रहे। उर्स-ए-रजवी में देश-विदेश से पहुंचे जायरीनों में युवा भी शामिल हैं। इनमें से कुछ पिछले कई साल से यहां आ रहे हैं तो कोई पहली बार ही यहां आया है। क श्मीर से निसार अहमद खां अपने छह दोस्तों के साथ उर्स के लिए पहुंचे हैं। यह सभी ग्रेजुएशन के स्टूडेंटस हैं और पिछले छह साल से लगातार उर्स में आ रहे हैं। वह कहते हैं कि उन्होंने एक महीने पहले से ही उर्स में आने की तैयारियां शुरू कर दी थीं। यहां आकर वह खरीदारी भी करते हैं। उन्होंने बताया कि यहां हमारे कई फ्रेंड भी बन गए है।
बरेली का सुरमा
बरेली का सुरमा काफी फेमस है। वह इस बार अपनी अम्मी के लिए सुरमा लेकर जरूर जाएंगे। मॉरीशस से आए अशरफ पहली बार उर्स के लिए आए हैं। उन्हें यहां के लोगों से मिलकर बहुत अच्छा लगा। उन्होंने बताया कि बरेली के बारे में काफी कुछ सुन रखा था लेकिन असल में जब यहां आने का मौका मिला है तो आज ये जन्नत से कम नहीं लग रहा है।
दुकानें सजीं, खरीदार भी पहुंचे
उर्स ग्राउंड पर दुकानें सजनी शुरू गई हैं। यहां सबसे ज्यादा दुकानें लिट्रेचर की हैं। इसके अलावा पोस्टर्स, टोपी की भी दुकानें लगाई गई हैं। ज्यादातर दुकानें ट््यूजडे को ही लगनी शुरू हुई हैं।
खराब एटीएम से जायरीन परेशान
ट्यूजडे को उर्स-ए-रजवी के शुरू होने के बाद ही जंक्शन पर जायरीनों की आवाजाही शुरू हो चुकी है लेकिन जंक्शन पर लगे दोनों एटीएम आउट ऑफ सर्विस होने से देश-विदेश से आने वाले जायरीनों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बरेल में एयरपोर्ट नहीं होने की वजह से जंक्शन सबसे महत्वपूर्ण प्लेसेजमें से एक है। विदेशों से भी आने वाले लोग जंक्शन से बरेली में पहुंचते हैं। जायरीन मोहम्मद अशरफ ने बताया वह बिहार से यहां उर्स के लिए आए हैं। जंक्शन पर दोनों एटीएम खराब होने से उन्हें परेशानी हो रही है। ट्रैवलिंग के दौरान कैश लेकर चलना सेफ नहीं होता इसलिए थोड़े ही पैसे रखे थे। उर्स में आए ज्यादातर लोग जंक्शन स्थित एटीएम की ओर बढ़े लेकिन उन्हे काफी निराश होना पड़ा। अब वह जंक्शन से निकलकर दूसरा एटीएम तलाशेंगे।