यूपी बोर्ड के टॉपर्स अब राडार पर
- 90 परसेंट से ज्यादा मार्क्स पाने वाले स्टूडेंट्स की कॉपियों की होगी स्क्रीनिंग
- ऐसे स्टूडेंट्स की कॉपियां दोबारा होगी चेक BAREILLY: यूपी बोर्ड के स्टूडेंट्स माध्यमिक शिक्षा परिषद के राडार पर आ गए हैं। स्टूडेंट्स यदि बोर्ड एग्जाम्स में 90 परसेंट से ज्यादा मार्क्स पाते हैं, तो उनकी आंसरशीट की स्क्रीनिंग की जाएगी। मूल्यांकन के केंद्रों पर ही स्टूडेंट्स की आंसरशीट्स की स्क्रीनिंग की जाएगी। कुछ गड़बड़ी हुई या फिर संदिग्ध लगा तो उनकी कॉपियों को दोबारा चेक किया जाएगा। परिषद ने इस संबंध में जीओ जारी कर दिया है। परिषद की यह पूरी कवायद बोर्ड की छवि सुधारने को लेकर है, क्योंकि अक्सर बोर्ड मूल्यांकन की पारदर्शिता पर सवाल उठते रहे हैं, जिसको लेकर परिषद ने पहली बार यह नई व्यवस्था शुरू की है। फ्0 मार्च से शुरू हो चुका है मूल्यांकनयूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर की कॉपीज का मूल्यांकन फ्0 मार्च से शुरू हो चुका है। हालांकि टीचर्स के बहिष्कार के चलते मूल्यांकन कार्य पहले ही दिन से पटरी से उतर चुकी है। कॉपीज चेकिंग के काम की निगरानी के लिए उप शिक्षा निदेशक, डीआईओएस, सह जिला विद्यालय निरीक्षक, जीआईसी व जीजीआईसी के प्रिंसिपल्स की टीम बनाई गई है, जिन्हें मूल्यांकन केंद्रों का निरीक्षण कर रिपोर्ट रीजनल बोर्ड सेंटर या फिर इलाहाबाद स्थित बोर्ड ऑफिस में भेजनी है। यह रिपोर्ट डेली भेजी जाएगी।
90 परसेंट से ज्यादा मार्क्स वाले टार्गेट पर माध्यमिक शिक्षा परिषद की नई व्यवस्था के अनुसार 90 परसेंट से ज्यादा मार्क्स स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स टार्गेट पर हैं। परिषद के सचिव अमरनाथ वर्मा ने अनुसार कॉपी चेकिंग के दौरान यह निरीक्षण किया जाएगा कि किसी एक मूल्यांकन केंद्र पर दो या दो से ज्यादा स्टूडेंट्स ने मैथ्स में 9भ् परसेंट से ज्यादा और अन्य किसी और सब्जेक्ट में किसी भी स्टूडेंट ने 90 परसेंट से ज्यादा मार्क्स स्कोर तो नहीं किया। यदि किया है तो उसकी कॉपियों की उसी मूल्यांकन केंद्र पर स्क्रीनिंग की जाएगी। मार्क्स पर नजर रखने की जिम्मेदारी हर मूल्यांकन केंद्र के उप प्रधान परीक्षक पर होगी। कॉपियों की स्क्रीनिंग के बाद यदि उन्हें ऐसा लगता है कि स्टूडेंट्स को अनुचित लाभ पहुंचाया गया है, परीक्षा केंद्र पर सामूहिक नकल हुई है। तो ऐसी कॉपियों को अलग से सील्ड बंडल में रिपोर्ट के साथ बोर्ड ऑफिस मुहैया कराया जाएगा। यही नहीं यह उप प्रधान परीक्षक की जिम्मेदारी होगी कि वह ऐसी कॉपियों का दोबारा मूल्यांकन कराकर उनके मार्क्स अवार्ड ब्लैंक में फिल कराएं। कड़ी कार्रवाई के निर्देशमाध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव अमरनाथ वर्मा ने मूल्यांकन में गड़बड़ी पाए जाने के संबंध में सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। उनके अनुसार यदि निरीक्षण में लगता है कि परीक्षक ने स्टूडेंट को अनुचित लाभ पहुंचाया है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने के बाद उसकी रिपोर्ट बोर्ड ऑफिस और परिषद को अवगत कराया जाए। यही नहीं यदि एग्जाम सेंटर पर सामूहिक नकल जैसी स्थिति पाई जाती है तो उस सेंटर के खिलाफ भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
ताकि बनी रहे मूल्यांकन की गुणवत्ता माध्यमिक शिक्षा परिषद की यह पूरी कवायद मूल्यांकन की गुणवत्ता को बनाए रखने को लेकर है। पिछले कुछ वर्षो से बोर्ड के मूल्यांकन पर सवाल उठने लगे हैं। काफी संख्या में ऐसे स्कूल्स के स्टूडेंट्स टॉप कर रहे हैं जिनके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता। ऐसे स्टूडेंट्स किसी न किसी स्कूल प्रबंधक के रिश्तेदार होते हैं। इन्हीं आरोपों से बचने के लिए परिषद ने यह नई व्यवस्था की है।