आपसी विवाद में फंसी यूपी-उत्तराखंड की बसें
- फ्राइडे को भी बनी रही यूपी और उत्तराखंड परिवहन निगम में टकराव की स्थिति
- बरेली आरटीओ द्वारा यूपी में इंट्री करने पर उत्तराखंड की चार बसों को किया सीज BAREILLY: यूपी-उत्तराखंड परिवहन निगम की बसें बॉर्डर के फेर में फंस कर रह गई हैं। टकराव इतना बढ़ गया है कि दोनों निगम की बसें एक दूसरे स्टे्ट में इंट्री करने पर सीज कर दी जा रही हैं। एक-दूसरे से की लड़ाई का खामियाजा पैसेंजर्स को भुगतना पड़ रहा है। वहीं परिवहन निगम को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है। दोनों निगम की लड़ाई कब थमेगी कुछ कहा नहीं जा सकता। बरेली आरटीओ द्वारा फ्राइडे को उत्तराखंड की कई बसों को यूपी में इंट्री करने पर सीज कर ि1दया गया। सिर्फ शर्तो पर चलती है बसेंउप्र राज्य सड़क परिवहन निगम और उत्तराखंड राज्य सड़क परिवहन निगम की रोडवेज की बसें समझौते के तहत चलती हैं। इनका स्टे्ट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी से काउंटर प्रति हस्ताक्षर नहीं है, जबकि काउंटर प्रति हस्ताक्षर के बिना बसों को एक-दूसरे के स्टेट में इंट्री करना इल्लीगल है। मगर दोनों परिवहन निगम अपने-अपने शर्तो के आधार में एक-दूसरे के स्टेट में बसों को इंट्री कराती है। तीन दिन पहले गाजियाबाद डिपो की एक दर्जन से अधिक बसों को देहरादून के आरटीओ ने पकड़ लिया। बसों को सीज कर ड्राइवर और कंडक्टरों से मारपीट की गई। इस घटना के बाद दोनों स्टे्ट के परिवहन निगम के बीच टकराव बढ़ता ही जा रहा है।
उत्तराखंड की चार बसें सीज एआरटीओ इंफोर्समेंट ऑफिसर्स द्वारा शुक्रवार को यूपी बॉर्डर पर उत्तराखंड की चार बसों को यूपी में इंट्री करने पर सीज कर दिया गया। इसके पहले थर्सडे को भी उत्तराखंड की 8 बसों को सीज किया गया है। इससे पहले बरेली से हल्द्वानी, टनकपुरए ऋषिकेश और देहरादून को म्0 बसों का संचालन प्रतिदिन होता था। इसके साथ ही इन बस अड्डों से बरेली में उत्तराखंड की ब्0 बसें आती थी। पैसेंजर्स की बढ़ गई परेशानी दोनों स्टेट के परिवहन निगम की लड़ाई में पैसेंजर्स पिस रहे हैं। बसों के माध्यम से बरेली से उत्तराखंड जाने वाले पैसेंजर्स की संख्या हर रोज 8 से क्0 हजार होती है। वहीं उत्तराखंड से भी काफी संख्या में पैसेंजर यूपी में आते हैं, मगर इस लड़ाई के बाद पैसेंजर्स ट्रेनों का सहारा ले रहे हैं। उत्तराखंड की बसों को यूपी में इंट्री करने पर सीज किया जा रहा है। जब तक ऊपर से कोई निर्देश नहीं आ जाता हैं, बसों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।उमाशंकर यादव, एआरटीओ इंफोर्समेंट