- आरयू करेगा प्राइवेट कॉलेजेज का फीस निर्धारण

- ज्यादा फीस वसूली पर लगेगी लगाम

BAREILLY: प्राइवेट कॉलेजेज स्टूडेंट्स से मनमानी फीस वसूलते हैं। आरयू ने जो निर्धारित फीस तय की है उसके अलावा बाकी ली जाने वाले फीस स्ट्रक्चर पर आरयू का कोई कंट्रोल नहीं है। इसी के चलते आए दिन स्टूडेंट्स हंगामा करते हैं। लेकिन जल्द ही प्राइवेट कॉलेजेज की फीस भी निर्धारित हो सकती है। आरयू इस संबंध में विचार कर रहा है। वह सभी प्राइवेट कॉलेजेज में एक सामान फीस लागू करने के पक्ष में है। इसको लेकर वह प्राइवेट कॉलेजेज से भी बातचीत करेगा। वेडनसडे को मनमानी फीस वसूली के खिलाफ एबीवीपी के मेंबर्स और खुसरो कॉलेज के स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रार का घेराव किया। उनके ऑफिस में ही करीब एक घंटे से ज्यादा देर तक प्रदशर्1न किया।

आरयू करेगा फीस निर्धारण

आए दिन किसी ना किसी मद में ज्यादा फीस वसूली को लेकर स्टूडेंट्स हंगामा और प्रदर्शन करते हैं। जिसको देखते हुए आरयू अब सभी प्राइवेट कॉलेजेज में अलग-अलग कोर्सेज की फीस निर्धारित करने जा रहा है। ताकि स्टूडेंट्स को मालूम चल सके उनके कॉलेजेज की कितनी फीस निर्धारित की गई, जो उन्हें पे करनी है। उम्मीद की जा रही है कि इससे अवैध फीस वसूली पर काफी हद तक लगाम लग सकेगी।

कॉलेजेज के साथ हाेगी मीटिंग

आरयू के रजिस्ट्रार एके सिंह ने बताया कि सभी प्राइवेट कॉलेजेज के मैनेजमेंट की मीटिंग बुलाई जाएगी, ताकि एक सामान फीस लागू करने पर उनकी राय जानी जा सके और उसका खाका भी तैयार किया जा सके। एक बार फीस तय होने के बाद इसे वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। ताकि स्टूडेंट्स को पता चल सके कि उन्हें निर्धारित फीस ही पे करनी है।

ऑफिस में किया जमकर प्रदर्शन

ऑनलाइन फॉर्म के बहाने ज्यादा फीस वसूली को लेकर एबीवीपी के सुमित गुर्जर, यशवंत सिंह, अभय चौहान, समेत कई मेंबर्स और खुसरो कॉलेज की एक दर्जन से ज्यादा छात्राओं ने रजिस्ट्रार के ऑफिस में करीब एक घंटे से ज्यादा समय तक प्रदर्शन किया। पहले रजिस्ट्रार अपने ऑफिस में नहीं थे तो वे भी वहीं पर बैठकर नारेबाजी करते रहे। इसके बाद उनके आने पर करीब आधे घंटे तक वार्ता चली।

वित्त समिति में रखा जाएगा प्रॉसेसिंग फीस का मुद्दा

एबीवीपी प्रॉसेसिंग फीस को भी खत्म करने की मांग कर रहा है। वहीं बढ़ी हुई इंप्रूवमेंट फीस को वापस लेने की मांग तो काफी पहले से कर रहा है। रजिस्ट्रार एके सिंह ने बताया कि दोनों मुद्दों को जनवरी में होने वाली शासन की वित्त समिति की मीटिंग में रखा जाएगा.उन्होंने बताया कि वित्त समिति में यह खाका रखा जाएगा कि मैनुअली फॉर्म के टाइम यूनिवर्सिटी के उपर कितना आर्थिक भार था और ऑनलाइन के बाद की स्थिति क्या है।

Posted By: Inextlive