- रेगुलर न पढ़ाकर पार्ट टाइम पढ़ाना चाहता है आरयू

- यूजीसी के नियमों के खिलाफ है यह

BAREILLY: काफी जद्दोजहद के बाद आरयू में दोबारा पीएचडी शुरू होने जा रही है। यूजीसी के अनुसार नया ऑर्डिनेंस न होने के चलते पिछले पांच से पीएचडी में रजिस्ट्रेशन बंद था। लेकिन एक बार फिर आरयू इसमें पलीता लगाने जा रहा है। यूनिवर्सिटी पार्ट टाइम पीएचडी कराने की फिराक में है। यूजीसी के नियमों को दरकिनार कर वह कोर्स वर्क को रेगुलर ना पढ़ाकर पार्ट टाइम पढ़ाने की सोच रही है। सबकुछ गुपचुप तरीके से किया जा रहा है। इसको लेकर कुछ कैंडिडेट्स राजभवन और शासन से कंप्लेन करना का भी मन बना रहे हैं।

वीकेंड में पढ़ाना चाहता है आरयू

पीएचडी में रजिस्ट्रेशन के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया तेजी से निपटाई जा रही है। इसके बाद सेलेक्टेड कैंडिडेट्स को म् महीने का कोर्स वर्क पूरा करना होगा। आरयू के फैकल्टी के डींस और गाइड कोर्स वर्क को रेगुलर न कर इसे पार्ट टाइम बनाने पर तुले हैं। उन्हें कोर्स वर्क का शेड्यूल और टाइम-टेबल तैयार करना है। वे इसे वीकेंड में पढ़ाना चाहते हैं। सोर्सेज की मानें तो डींस और गाइड ने मिलकर पूरी तैयारी कर ली है कि कोर्स वर्क को केवल सैटरडे और संडे को पढ़ाया जाया। दो दिनों में कई क्लासेज पढ़ा दी जाएं।

नियमों के खिलाफ है यह

यूजीसी के ऑर्डिनेंस के अनुसार यह नियमों के खिलाफ है। नए ऑर्डिनेंस के अनुसार पीएचडी में तब तक रजिस्ट्रेशन नहीं होगा जब तक कैंडिडेट कोर्स को पास नहीं कर लेता। कम से कम म् महीने का कोर्स वर्क कंपलसरी है। जिसकी क्लासेज रेगुलर होनी चाहिए। कोर्स वर्क में क्लासेज और असाइनमेंट के अलावा इटर्नल टेस्ट में कंडक्ट किए जाएंगे। कैंडिडेट को सभी पेपर में भ्0 परसेंट लाना कंपलसरी है। इसके अलावा कोर्स वर्क के लिए 70 परसेंट अटेंडेंस भी जरूरी है। अटेंडेंस शॉर्ट होने पर उसे दोबारा कोर्स वर्क करना होगा। जनरल व ओबीसी के लिए कोर्स वर्क की फीस ख्भ्,000 रुपए और एससी व एसटी के लिए कोर्स वर्क की फीस क्ख्,भ्00 रुपए है।

कहीं फिर न फंस जाए

पांच वर्ष के बाद किसी तरह से पीएचडी की प्रक्रिया की शुरूआत हुई है। आरयू की कारस्तानी से कहीं फिर से पीएचडी की प्रक्रिया न फंस जाए। जिन कैंडिडेट्स को काउंसलिंग से बाहर किया है वे इसके खिलाफ शासन और राजभवन से कंप्लेन कर सकते हैं। यहां तक कि जरूरत पड़ने पर वे कोर्ट का भी शरण लेंगे।

Posted By: Inextlive