सेमेस्टर सिस्टम को लेकर यूनिवर्सिटी पर हो सकती है सख्ती
- यूजीसी ने भी क्रेडिट व ग्रेडिंग सिस्टम को लागू करने का दिया था निर्देश
- वहीं अपनी तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर को भी करना होगा मजबूत BAREILLY: आगामी भ् जनवरी को होने वाले स्टे्ट यूनिवर्सिटीज के कुलपतियों के सम्मेलन में इस बार सभी कोर्सेज में सेमेस्टर सिस्टम कड़ाई से लागू करने पर सहमति बन सकती है। सोर्सेज की मानें तो राज्यपाल की अध्यक्षता में होने वाले इस सम्मेलन में सभी कुलपतियों को यह निर्देश दिए जाएंगे कि, नेक्स्ट सेमेस्टर से हर हाल में सभी कोर्सेज में सेमेस्टर सिस्टम लागू करा दिया जाए। काफी समय से सेमेस्टर सिस्टम को लागू करने की कवायद चल रही है। अधिकांश यूनिवर्सिटीज में प्रोफेशनल कोर्सेज में लागू तो कर दिया गया है, लेकिन रेगुलर यूजी व पीजी कोर्सेज में इसे लागू नहीं किया गया। यूजीसी ने भी एक महीने पहले ही इसको लेकर सभी यूनिवर्सिटीज को दोबारा लेटर जारी ि1कया था। आरयू में भी नहींआरयू में भी सेमेस्टर सिस्टम पूरी तरह से लागू नहीं है। केवल प्रोफेशनल कोर्सेज में ही लागू है। जबकि बीए, बीकॉम, बीएससी, एमए, एमकॉम और एमएससी जैसे रेगुलर कोर्सेज में सेमेस्टर सिस्टम लागू नहीं है। पिछले तीन वर्षो से ज्यादा समय से इसमें सेमेस्टर सिस्टम लागू करने की कवायद हुई। कई बार कॉलेजेज के प्रतिनिधियों की मीटिंग हुई। लेकिन हर बार टाइम से एडमिशन ना होने, रिजल्ट डिक्लेयर ना होने, टीचर्स व स्टाफ की कमी और ज्यादा स्टूडेंट्स की संख्या का कारण बताकर इसे लागू करने से मना कर दिया गया। लेकिन इस बार लगता है कि सेमेस्टर सिस्टम लागू करने के लिए कोई कड़े निर्देश जारी हो सकते हैं।
यूजीसी ने दी थी ग्रेडिंग सिस्टम लागू करने के निर्देश यूजीसी ने एक महीने पहले ही सभी यूनिवर्सिटीज को नोटिस भेजकर ग्रेडिंग सिस्टम लागू करने के निर्देश दिए थे। ग्रेडिंग व क्रेडिट सिस्टम तभी लागू हो सकता है जब कोर्सेज सेमेस्टर सिस्टम के अनुरूप पढ़ाए जाएं। इंजीनियरिंग में ग्रेडिंग व क्रेडिट सिस्टम लागू है। इससे पहले यूजीसी कई बार सभी कोर्सेज में सेमेस्टर सिस्टम लागू करने का नोटिस भेज चुका है। ऐसे में ग्रेडिंग व क्रेडिट सिस्टम लागू करने के लिए सेमेस्टर प्रणाली शुरू करना ही पड़ेगा। तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर पर देना पड़ सकता है जवाबसोर्सेज की मानें तो सम्मेलन में यूनिवर्सिटीज को अपने यहां पर स्थित टेक्निकल इंफ्रास्ट्रक्चर का ब्यौरा भी देना पड़ सकता है। यूजीसी इसको लेकर काफी सख्त है। यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटीज से यह ब्यौरा मांगा है। पीएम नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया इनिशिएटिव योजना के तहत यूनिवर्सिटीज को इंटरनेट फैसिलिटी से लैस करने की योजना है। ताकि देश के सभी यूनिवर्सिटीज की मैपिंग हो सके। अभी तक एकेडमिक रिकॉर्ड्स ही मंगाने पर जोर दिया जाता था। लेकिन यूजीसी ने इस बार सभी यूनिवर्सिटीज से इंटरनेट संबंधी सभी इंफ्रास्ट्रक्चर पर रिपोर्ट मांगी है।
सेट प्रोफार्मा में भेजना है यूजीसी ने एक सेट प्रोफार्मा में इंफ्रास्ट्रक्चर की डिटेल मांगी है। इसके तहत यूनिवर्सिटीज को यह बताना है कि उनके यहां पर ऑप्टिकल फाइबर का कनेक्शन है कि नहीं, लोकल एरिया नेटवर्क से जुड़े हैं कि नहीं, कैंपस में वाई-फाई फैसिलिटी है कि नहीं। आरयू में इंजीनियरिंग की पढ़ाई होती है लेकिन कैंपस अभी तक वाई-फाई फैसिलिटी से लैस नहीं हो पाया है। यूजीसी को क्भ् दिनों के अंदर इस पर जवाब भेजना है।