गाईड के बिना कौन दिखाएगा रास्ता
- आरयू से 36 सब्जेक्ट्स में हो सकेगी पीएचडी
-यूजीसी के नए रूल्स के अनुसार गाईड मिलना मुश्किल BAREILLY: पीएचडी के नए ऑर्डिनेंस में एक तरफ सीटें पहले से ही कम कर दी गई हैं। वहीं दूसरी तरफ गाइड बनने के लिए रूल्स इतने स्ट्रिक्ट हो गए हैं कि स्टूडेंट्स के माथे पर टेंशन की लकीरें खींच गई हैं। सीटें कम होने की वजह से स्टूडेंट्स को कम चांस मिलेंगे तो दूसरी तरफ गाइड बनने के रूल्स स्ट्रिक्ट होने की वजह उनके लिए गाइड भी मिलना मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि गाइड भी तो स्टूडेंट्स को ही ढूंढना होगा। वहीं ऑर्डिनेंस के अनुसार फ्म् सब्जेक्ट्स में ही आरयू से पीएचडी कराई जाएगी। यूजीसी के रेगुलेशंस को लिया गयायूजीसी के रेगुलेशंस ख्009 में दिए गए रूल्स को ही पीएचडी के ऑर्डिनेंस में शामिल किया गया है। गाइड बनने के रूल्स इतने स्ट्रिक्ट कर दिए गए हैं कि शासन द्वारा पीएचडी का ड्राफ्ट भेजने के बाद आरयू ने इसमें संशोधित करने की कोशिश की, लेकिन वह मंजूर नहीं हुई। ऐसे में यूनिवर्सिटी और कॉलेजेज के टीचर्स की राह इतनी आसान नहीं लग रही है। खासकर डिग्री कॉलेजेज के टीचर्स तो सीन से गायब होते दिखाई दे रहे हैं।
पहले खुद प्रूव करके दिखाओयूनिवर्सिटी के टीचर्स को गाइड बनने से पहले खुद भी रिसर्च वर्क करके दिखाना होगा। पीएचडी ऑर्डिनेंस के अनुसार यूनिवर्सिटी के ऐसे टीचर्स गाइड बनाए जाएंगे जिन्हें कम से कम भ् वर्षो का पीजी स्टूडेंट्स को पढ़ाने का एक्सपीरिएंस है। इसके साथ ही रिकमेंडेड जर्नल्स में कम से कम दो रिसर्च पेपर्स पब्लिश किए गए हों। टीचर्स का पीएचडी धारक होना कंपलसरी है। इसके साथ ही रिसर्च साइंटिस्ट को भी गाइड बनने का मौका दिया जाएगा, लेकिन उनकी सीटें और भी कम हो जाएंगी। इसके अनुसार पीएचडी के बाद कम से कम भ् वर्ष का रिसर्च साइंटिस्ट का एक्सपीरिएंस होना चाहिए।
यूजी टीचर्स को चाहिए क्भ् वर्ष का एक्सपीरिएंस यूजी में पढ़ाने वाले टीचर्स को काफी लंबा रास्ता तय करना होगा। एकेडमिक लेवल पर उन्हें एक्सपीरिएंस के साथ रिसर्च क्वालिटी भी इंप्रूव करनी होगी। ऑर्डिनेंस के अनुसार यूजी टीचर्स को कम से कम क्भ् वर्ष का टीचिंग एक्सपीरिएंस होना चाहिए। इसके साथ ही रिकमेंडेड जर्नल में कम से कम म् रिसर्च पेपर भी पब्लिश होने चाहिए। फ्म् सब्जेक्ट्स में होगी पीएचडीऑर्डिनेंस में पीएचडी करने के लिए कॉलेजेज के सेल्फ फाइनेंस कोर्सेज को जगह नहीं दी गई है। हालांकि यूनिवर्सिटी के रेगुलर के साथ सेल्फ फाइनेंस कोर्सेज में पीएचडी कराई जाएगी। ऐसे फ्म् सब्जेक्ट में स्टूडेंट्स पीएचडी कर सकते हैं, जुलॉजी, एनिमल साइंस, केमेस्ट्री, एप्लाइड केमेस्ट्री, फिजिक्स, एप्लाइड फिजिक्स, मैथ्स, एप्लाइड मैथ्स, प्लांट साइंस, बॉटनी, लॉ, कॉमर्स, बिजनेस मैनेजमेंट, एजूकेशन, इकोनॉमिक्स, क्षेत्रीय एवं व्यवहारिक अर्थशास्त्र, इंग्लिश, एलाइड इंग्लिश, हिस्ट्री, एंसिएंट हिस्ट्री, फिलॉसफी, एप्लाइड फिलॉसफी, सीएसआईटी, स्टैटिस्टिक्स, मिलिट्री साइंस, सोशोलॉजी, साइकोलॉजी, पॉलीटिकल साइंस, हिंदी, संस्कृत, जियोग्राफी, उर्दू, संस्कृत, संगीत, चित्रकला और होम साइंस में पीएचडी कराई जाएगी।