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आरयू ने बढ़ा दी एग्जाम फॉम के वेरिफिकेशन की टेंशन
- 5 फरवरी के बाद बंद हो जाएगा कॉलेज लॉगिन - जबकि फॉर्म में गड़बडि़यों के चलते वेरिफिकेशन में आ रही है प्रॉब्लमBAREILLY: जहां एक तरफ एग्जाम फॉर्म के वेरिफिकेशन को लेकर आरयू अब कोई रियायत देने के मूड में नहीं है तो दूसरी तरफ वेरिफिकेशन के काम के लोड से कॉलेजेज की टेंशन बढ़ गई है। खासकर उन कॉलेजेज की जिनके यहां पर मेन एग्जाम में अपीयर होने वाले स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा है। यहां पर रेगुलर के साथ प्राइवेट स्टूडेंट्स की भी संख्या काफी ज्यादा है। हर स्टूडेंट का फॉर्म वेरिफाई करने के लिए उन्हें काफी टाइम लग रहा है। फॉर्म को वेरिफाई करने काम ऑनलाइन चल रहा है। सर्वर काफी स्लो चलता है। यही नहीं फॉर्म में गड़बडि़यां भी बहुत हैं। ऐसे में एक फॉर्म को वेरिफाई करने में काफी टाइम जाया हो रहा है।
भ् के बाद बंद हो जाएगा कॉलेज लॉगिनआरयू ने सैटरडे को नया फरमान जारी कर भ् फरवरी से कॉलेज लॉगिन बंद करने का अल्टिमेटम दिया है। जितने भी स्टूडेंट्स के एग्जाम फॉर्म भराए गए हैं उनको यूनिवर्सिटी में जमा करने की लास्ट डेट भ् फरवरी निर्धारित की गई है। यह डेट अभी हाल में बढ़ाई गई थी। यूनिवर्सिटी में फॉर्म जमा करने से पहले सभी फॉर्म का कॉलेजेज को वेरिफिकेशन भी करना है। आरयू के रजिस्ट्रार एके सिंह ने बताया कि भ् फरवरी के बाद कॉलेज अपना लॉगिन ओपन नहीं कर पाएंगे। ऐसे में भ् के बाद वे फॉर्म को ऑनलाइन वेरिफाई भी नहीं कर पाएंगे। इसके बाद यदि फॉर्म वैरीफिकेशन से छूट गए तो स्टूडेंट्स के रोल नम्बर और इनरॉलमेंट नम्बर को जेनरेट करने में दिक्कत आएगी। जिसकी जिम्मेदारी कॉलेजेज की होगी।
फॉर्म में हैं कई गड़बडि़यां ऑनलाइन फॉर्म भरने के बाद स्टूडेंट्स ने उसकी प्रिंट कॉपी कॉलेजेज में जमा किया। इन फॉर्म में तमाम तरह की गड़बडि़यां हैं। किसी का नाम गलत है तो किसी का सब्जेक्ट गलत है। स्टूडेंट्स ने जो सब्जेक्ट भरे, प्रिंटआउट में दूसरा सब्जेक्ट आ गया। यही नहीं कई फॉर्म में तो सब्जेक्ट और पेपर तक गायब हैं। तमाम तरह की गड़बडि़यों को स्टूडेंट्स ने मैनुअली करेक्शन कर कॉलेजेज में जमा किया। वेरिफाई करने में लग रहा है टाइमएक तो स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा, उपर से गड़बडि़यां इतनी कि इसे वैरीफाई करने में कॉलेजेज का दम निकला जा रहा है। खासकर बीसीबी जैसे बड़े कॉलेज जहां पर स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा है। कॉलेज अपने लॉगिन से सभी एग्जाम फॉर्म को ऑनलाइन वेरिफाई कर रहा है। वेरिफिकेशन के दौरान फॉर्म में ऑनलाइन करेक्शन भी कर रहा है। जिससे एक-एक फॉर्म को वैरीफाई करने में काफी टाइम लग रहा है। यही नहीं यूनिवर्सिटी का सर्वर इतना स्लो है कि पेज अपडेट करने में टाइम लगता है। कई बार तो उन्हें बार-बार लॉगिन करना पड़ता है। इन सभी व्यवहारिक दिक्कतों की वजह से फॉर्म के वेरिफिकेशन का लोड बढ़ गया है। ऐसे में जिन कॉलेजेज के स्टूडेंट्स कम हैं उन्होंने तो अपने फॉर्म यूनिवर्सिटी में जमा करा दिए हैं। लेकिन बीसीबी जैसे कॉलेजेज ने अभी तक फॉर्म जमा नहीं किए हैं। भ् फरवरी तक भी उन्हें सभी फॉर्म जमा करने की संभावना नहीं दिख रही है।