आरयू में थम नहीं रहा है स्टूडेंट्स लीडर्स का हंगामा
-एफआईआर और निलंबन वापस लेने के लिए विभिन्न छात्र संगठन लामबंद हो रहे हैं
BAREILLY: आरयू के वीसी ऑफिस में हुए कर्मचारियों और स्टूडेंट्स लीडर्स के बीच का बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। स्टूडेंट्स लीडर्स के खिलाफ दर्ज एफआईआर और निलंबन वापस लेने के लिए एक-एक करके विभिन्न छात्र संगठन लामबंद हो रहे हैं। मंडे को विभिन्न छात्र संगठन के मेंबर्स समेत कई स्टूडेंट्स उन स्टूडेंट्स लीडर्स के समर्थन में उतरे और आरयू में घेराव और प्रदर्शन किया। उन्होंने रजिस्ट्रार का घेराव किया और स्टूडेंट्स लीडर्स के खिलाफ की गई कार्रवाई को वापस लेने की मांग करते हुए कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आरयू इस मुद्दे पर कॉम्प्रमाइजिंग की पोजिशन में आ सकता है। उसने ट्यूजडे को भी स्टूडेंट्स लीडर्स को वार्ता करने के लिए बुलाया है। एसएफआई और एनएसयूआई भ्ाी आए साथवीसी के ड्राइवर और असाछ के स्टूडेंट्स लीडर्स के भिड़ंत में संगठन के जिला प्रभारी जोगेंद्र सिंह, प्रशांत गंगवार, उमेंद्र पटेल, उपेंद्र पटेल के खिलाफ आरयू ने एफआईआर दर्ज कराई थी। साथ ही इनको कैंपस से भी सस्पेंड कर दिया गया है। मंडे को एसएफआई के कमल हसन, एनएसयूआई के फरहान अली समेत उनके कई मेंबर्स और आम स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रार का घेराव किया। उनके साथ असाछ के रजत मिश्रा, अवनीश चौबे और अमन शुक्ला भी थे। उन्होंने यूनिवर्सिटी विरोध नारे लगाए और रजिस्ट्रार के ऑफिस के बाहर काफी देर तक प्रदर्शन करते रहे। इसके बाद रजिस्ट्रार ने प्रदर्शन कर रहे क्0 मेंबर्स को वार्ता के लिए अपने ऑफिस में बुलाया।
आरयू कर सकता है कॉम्प्रमाइज स्टूडेंट्स लीडर्स की मानें तो सिचुएशन के अनुसार आरयू कॉम्प्रमाइज की स्थिति में आ सकता है। इधर उसके सर पर कॉन्वोकेशन को शांतिपूर्ण निपटाने की जिम्मेदारी है। ऐसे में वह नहीं चाहता कि समारोह के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी हो। मंडे को स्टूडेंट्स लीडर्स के साथ बातचीत में रजिस्ट्रार ने इस मसले को खत्म करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने ट्यूजडे को फिर से स्टूडेंट्स लीडर्स को वार्ता के लिए बुलाया है। यदि कोई डिसिजन नहीं लेना होता तो वे उनको बुलाते नहीं।