ऑनलाइन एडमिशन प्रोसेस ऑफलाइन मोड में
- बीच का रास्ता निकालने में जुटा आरयू
-लाखों खर्च के बाद भी परवान नहीं चढ़ा ऑनलाइन एडमिशन BAREILLY: आरयू की ऑनलाइन एडमिशन प्रोसेस परवान नहीं चढ़ रही है। लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद ऑनलाइन एडमिशन प्रोसेस ऑफलाइन मोड में है। नेक्स्ट सेशन में भी यह प्रोसेस ऑफलाइन मोड में ही रहने वाला है। इसपर बजट का एक मोटा हिस्सा खर्च किया जा चुका है। हालत यह है कि बजट का बाकी हिस्सा लैप्स होने के कगार पर है, लेकिन ऑनलाइन एडमिशन प्रोसेस जहां पहले था आज भी वहीं पर अटका हुआ है। लाखों बर्बाद करने के बाद अब आरयू किसी तरह इसकी भरपाई में लग गया है। अपनी रणनीति को चेंज करते हुए शाख को बचाने की जुगत लगा रहा है। दो साल से चल रही है कवायदआरयू में ऑनलाइन एडमिशन प्रोसेस शुरू करने की कवायद पिछले दो वर्षो से चल रही है। पहला वर्ष महज प्लानिंग में गुजर गया। दूसरे वर्ष में सॉप्टवेयर डेवलप करने का काम हुआ, लेकिन वह पटरी पर नहीं आ सका। आरयू में बड़े पैमाने पर फॉर्म का फर्जीवाड़ा होता है। यही नहीं कॉलेजेज भी अपनी मर्जी से कभी भी एग्जाम फॉर्म भराकर स्टूडेंट्स को अपीयर करा देते हैं। इससे यूनिवर्सिटी में वर्ष पर एग्जाम फॉर्म भरने का काम चलता है। एडमिशन प्रोसेस कभी भी सुचारू नहीं चलता। यहां तक किए एग्जाम के बीच में भी एग्जाम फॉर्म भराए जाते हैं। इन्हीं धांधली को रोकने के लिए ऑनलाइन एडमिशन प्रोसेस शुरू करने की कवायद चल रही है।
ख्0क्ख्-क्फ् में मिला था बजट शासन की तरफ से वर्ष ख्0क्ख्-क्फ् में क्म्,भ्ख्,000 रुपए का बजट रिलीज हुआ। इस बजट से ऑनलाइन एडमिशन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना था। आरयू ने इसके लिए सॉफ्टवेयर कपनी को हायर कर डिमॉन्स्ट्रेशन के आधार पर उसे सॉफ्टवेयर डेवलप करने का काम दिया, लेकिन वह सॉफ्टवेयर काम नहीं कर सका। इस काम के लिए कंपनी को पेमेंट भी कर दिया गया। अब तक के हुए काम के लिए आरयू करीब साढ़े 8 लाख रुपए खर्च कर चुका है, लेकिन सॉफ्टवेयर फेल हो जाने की वजह से एडमिशन प्रोसेस स्टार्ट नहीं हो पाया। दूसरी कंपनी को दिया गया कामपहली कंपनी से कोई बात नहीं बनी तो आरयू ने दूसरी कंपनी हायर की। इस कंपनी का भी डिमॉन्स्ट्रेशन लिया, लेकिन यह कंपनी अपने काम के लिए पूरा पेमेंट चाहती है। पिछली कंपनी द्वारा किए गए काम को कंटीन्यू नहीं करना चाहती। वह नए सिरे से अपना काम करना चाहती है जिसके लिए पेमेंट भी पूरा चार्ज करना चाहती है, लेकिन शासन से मिले बजट में आरयू आधा बजट खत्म कर चुका है। ऐसे में वह उसे पूरा पेमेंट नहीं कर सकता।
बाकी बजट लैप्स होने की कगार पर बजट जारी हुए दो वर्ष होने को है। आधा खर्च भी हो चुका है, लेकिन अभी तक ऑनलाइन एडमिशन प्रोसेस के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं हो सका है। आरयू के फाइनेंस ऑफिसर एसपी श्रीवास्तव ने बताया कि बाकी बचे हुए बजट को इस्तेमाल नहीं किया तो वह जून में लैप्स हो जाएगा। ऐसे में यह संभावना कम ही लग रही है कि आरयू में इस वर्ष भी एडमिशन प्रोसेस ऑनलाइन होगा। ऑनलाइन फॉर्म जमा कराने की योजना ऑनलाइन एडमिशन प्रोसेस शुरू ना कराने पर आरयू की काफी फजीहत हुई है। लखनऊ, मेरठ, कानपुर जैसे बड़े यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन एडमिशन प्रोसेस लागू है। आरयू अब अपनी फजीहत से बचने के लिए भरपाई में जुट गया है। एडमिशन प्रोसेस ऑनलाइन ना ही सही एग्जाम फॉर्म ऑनलाइन जमा कराने की योजना बना रहा है। आरयू को उम्मीद है कि कम से कम इससे फर्जी फॉर्म के गोरखधंधे पर लगाम लगाई जा सकेगी। इसके लिए वह बजट के बाचे हुए हिस्से के जरिए इंफ्रास्ट्रक्चर जुटाने की कवायद में लगा हुआ है।