ई-गवर्नेंस बनी यूजीसी की तीसरी आंख
- ई गवर्नेस के जरिए यूजीसी शिक्षण संस्थानों को करेगी मॉनीटर
- सभी यूनिवर्सिटीज को इससे जुड़ने के जारी हुए निर्देश > BAREILLY: हायर एजुकेशन में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए ई-गवर्नेस यूजीसी का सबसे बड़ी हथियार बनेगी। इस योजना के जरिए यूजीसी देश के किसी भी शिक्षण संस्थान को प्रत्यक्ष रूप से मॉनीटर कर सकेगी। यही वजह है कि यूजीसी ई-गवर्नेस पर ज्यादा जोर दे रही है और देश के सभी यूनिवर्सिटीज व हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस को इससे जुड़ने के लिए निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। ई गवर्नेस की व्यवस्था दुरुस्त और मेंटेन रखने के लिए यूजीसी ने बाकायदा एक पोर्टल सर्विस की भी शुरुआत की है। जिससे जुड़ने के बाद हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस यूजीसी की मॉनीटरिंग की जद में आ जाएंगे। क्या है योजना का मोटिवई-गवर्नेस को सुचारू रूप से लागू करने के पीछे यूजीसी की मंशा एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस में पारदर्शिता बनाए रखना है। एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस क्वॉलिटी सर्विस प्रोवाइड कर रहे हैं कि नहीं इसकी सच्चाई सबके सामने आ जाएगी। यूजीसी की अपनी इस योजना के कुछ की ऑब्जेक्टिव्स जारी किए हैं। सेक्रेट्री प्रो। डॉ। जसपाल एस संधु की तरफ से जारी लेटर के अनुसार इस योजना से ऑफिस की कार्य क्षमता बढ़ेगी, ट्र्रांसपिरेंसी अचीव होगी, बेवजह की रोकटोक से मुक्ति मिलेगी और पेपर वर्क काफी हद तक कम हो जाएगा। इस योजना का सबसे प्रमुख खासियत यह है कि फंड के एलोकेशन के फ्रॉड पर लगाम लगाई जा सकेगी। अक्सर देखा गया है कि फंड तो रिलीज करा लिया जाता है कि उसका यूटिलाइजेशन सही तरीके से नहीं हो पाता।
ई स्कीम्स पोर्टल की शुरुआत यूजीसी ने सभी हायर एजूकेशनल को ई गवर्नेस की योजना अपनाने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत यूजीसी ने खुद ही पहल करते हुए ई स्कीम्स पोर्टल की शुरुआत की है। इस पोर्टल का लिंक यूजीसी वेबसाइट के होम पेज पर भी अवेलेबल है। ई गवर्नेस की योजना से जुड़ने के लिए हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस को इस पोर्टल पर रजिस्टर कराना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद उन्हें यूजीसी की तरफ से यूजर आईडी पासवर्ड दिया जाएगा। फंड पर सीधे रख्ोगी निगाहयूजीसी तमाम स्कीम्स के तहत हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यशंस को ग्रांट देती है। अक्सर देखा गया है कि इन ग्रांट का यूटिलाइजेशन फाइनेशियल ईयर के एंडिंग में किया जाता है। बिना किसी प्लानिंग के फंड का बेजा इस्तेमाल किया जाता है। यही नहीं यूजीसी की तमाम स्कॉलरशिप की स्कीम्स के तहत भी फंड दिया जाता है। इस ई स्कीम्स पोर्टल के जरिए यूजीसी अपने द्वारा निर्गत फंड पर सीधे निगाह रखेगी। ताकि इनमें पनपे फ्रॉड पर लगाम लगाया जा सके।
आरयू में होता है मैनुअल काम आरयू में ब्00 से ज्यादा कॉलेजेज एफिलिएटेड हैं। इतनी बड़ी संख्या में कॉलेजेज के एडमिनिस्ट्रेशन लेवल के काम को आरयू मैनुअली ही हैंडिल करता है। ऑनलाइन के नाम पर आरयू ने एग्जाम फॉर्म ही ऑनलाइन भराता है लेकिन उसमें यदि करेक्शन कराना हो तो वह भी मैनुअली ही होता है। स्टूडेंट्स सारी कंप्लेन मैनुअली करते हैं। ई गवर्नेस से आरयू का दूर तक कोई नाता नहीं है।