एक किलो अफीम के साथ सास-बहू गिरफ्तार, बाप-बेटा फरार
- सूचना लीक होने से पुलिस पहुंचने से पहले भाग निकले बाप-बेटे
- चारों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में दर्ज किया गया मुकदमा, तलाश शुरू बरेली : पढेरा का तस्कर प्रधान शहीद खां उर्फ छोटे के बाद अब भमोरा में तस्करी के जरिए अकूत संपत्ति बनाने वाले तस्कर बाप-बेटे का नाम सामने आया है। दोनों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी गई लेकिन, शातिर बाप-बेटे सटीक मुखबिरी के चलते पहले ही भाग निकले। भमोरा पुलिस ने बाप-बेटे की बीबी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित हरप्रसाद, उसकी बीबी पार्वती एवं बेटा अवधेश व बीबी सोमवती के खिलाफ एनडीपीएस की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है। तस्कर के पास से 24 बैनामों के कागजात बरामद हुए हैं। इसकी कीमत ढाई करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। पुलिस से अफीम छीनने की कोशिशभमोरा के ग्राम मिलक मझारा में करीब तीन दिन पहले एसपी देहात राजकुमार अग्रवाल को एक व्यक्ति के कम समय में धनवान बनने की सूचना मिली। बकायदा यह बताया गया कि युवक मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त है। इसके बाद सीओ स्तर पर टीम बनाकर एसपी देहात ने सूचना पर काम शुरू कराया। सूचना की पुष्टि होने पर टीम बनाकर आरोपित के घर जब पुलिस ने दबिश दी तो घर पर सिर्फ तस्कर बाप-बेटों की बीबियां पार्वती व सोमवाती ही मिलीं। हरप्रसाद व अवधेश फरार मिला। पुलिस की पूरे घर की तलाशी शुरू कर दी इस पर दोनों महिलाओं ने इसका विरोध किया पुलिस को नल के पास रखी एक बाल्टी में अफीम रखी मिली तो महिलाओं ने पुलिस से उसे छीनने का प्रयास किया।
कार, ट्रैक्टर को लिया कब्जे में दोनों ने भागने की कोशिश की तो दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। तलाशी के दौरान घर से हरप्रसाद उसकी पत्नी पार्वती, पुत्र अवधेश व पुत्रवधु सोमवती के नाम से जमीन खरीदने के 18 बैनामे व छह अन्य लोगों के नाम के बैनामे भी बरामद हुए। पुलिस बैनामों को अपने साथ ले आई। थाना प्रभारी विक्रम सिंह ने बताया कि पार्वती के पास से 520 ग्राम व उसकी पुत्रवधु सोमवती के पास से 480 ग्राम अफीम बरामद की गई है। बैनामों की सही स्थिति पता कि जा रही है। फरार आरोपितों की तलाश की जा रही है। तस्कर की कार व ट्रैक्टर को कब्जे में ले लिया गया है। पांच वर्ष में करोड़ो का मालिक बन गया तस्कर का परिवारबरेली : ग्राम मिलक मझारा के हरप्रसाद के पिता के रामस्वरूप के पास वर्ष 1998 में मात्र पांच बीघा जमीन थी रातों रात करोड़पति बनने के बाद उसने जमीनें खरीदनी शुरू कर दी। वर्ष 2016 के बाद रामप्रसाद ने अपनी संपत्ति में कई गुना बढ़ोत्तरी कर डाली। गांव में लोग उसकी तरक्की से वाकिफ तो थे लेकिन, कोई भी इस बारे में बताने को तैयार नहीं हुआ। शुक्रवार को पुलिस ने उसके घर से 18 बैनामें प्राप्त किये जो कि वर्ष 2016 के बाद के है। वही छह अन्य लोगों के नाम भी जमीनें खरीदीं गई है। इसके अलावा बरेली में लालफाटक व आलमपुर में कीमती प्लाट, ट्रैक्टर, लग्जरी कार व मेंथा प्लांट का होना भी बताया जाता है। पुलिस द्वारा इसकी खोजबीन की जा रही है। तस्कर की अन्य संपत्तियों के बारे में भी जानकारियां की जा रही हैं।
अवधेश हरियाणा में जा चुका है जेल तफ्तीश में सामने आया है कि तस्कर हरप्रसाद का बेटा अवधेश करीब आठ माह पहले हरियाणा में अफीम तस्करी में पकड़ा गया था। मामले में उसे हरियाणा पुलिस ने जेल भेज दिया था। जमानत मिलने के बाद वह फिर से अफीम तस्करी के काम में ही जुट गया। पुलिस में भी हो सकते हैं सहयोगीअफीम तस्करी के लिए बदनाम माने जाने वाले पूरे क्षेत्र में नवधनाढ्यों की संख्या कम नहीं है लेकिन तस्करों का न पकड़ा जाना व छापामारी से पहले ही उनका फरार हो जाना इस ओर संकेत अवश्य करता है कि तस्करों की पहुंच कम नहीं है यह भी कहा जा सकता है कि पुलिस के मुखबिरों से कहीं मजबूत तस्करों के सूत्र है मिलक मझारा के मामले में ही पुलिस के पहुंचने से पहले ही आरोपित फरार हो गए यह भी चर्चा है कि वे अपने साथ बड़ी मात्रा में अफीम भी ले गए जबकि पुलिस टीम जिस कामयाबी की उम्मीद से गई थी उसमें सफल नहीं हो पाई।
तस्कर की सामने आई संपत्तियों के बारे में जांच कराई जा रही है। सास व बहू को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाप-बेटै की तलाश की जा रही है। - राजकुमार अग्रवाल, एसपी देहात