Bareilly: बिशप कोनराड के टीचर मसूद हसन पर करीब दो दर्जन लड़कों ने हमला बोल दिया. वाकया बीआई बाजार में का है. लड़के लाठी डंडों और हॉकी स्टीक से लैस थे. मसूद हसन को पीछे से आ रहे साथी टीचर्स ने बचाया. उन्होंने आरोप लगाया कि हमलावर लड़कों का नेता उनके ही स्कूल का स्टूडेंट सुमित यादव बदला नाम है. अब परेशान टीचर्स ने डीआईजी से मदद की गुहार लगाई है.

घर लौटते वक्त हुआ हमला 
मसूद हसन, सिविल लाइंस स्थित बिशप कोनराड स्कूल में टीचर हैं। मसूद फिजिकल एजुकेशन के  टीचर और अनुशासन समिति के मेंबर हैं। उन्होंने बताया कि थर्सडे की शाम 4 बजे वे स्कूल से घर जा रहे थे तभी अचानक बीआई बाजार के पास बाइक सवार दो दर्जन लड़कों ने उन्हें घेर लिया। लड़के लाठी डंडों और हॉकी स्टीक से लैस थे। लड़कों ने उन पर हमले की कोशिश की लेकिन वे चिल्लाने लगे। उनके पीछे आ रहे साथी टीचर्स उन्हें बचाया। टीचर्स के आने पर लड़के भाग गए।

'हमलावरों को जानता हूं'
मसूद हसन ने आरोप लगाया है कि हमलावर उनके ही स्कूल में क्लास 10वीं का स्टूडेंट सुमित यादव है। उसी ने अपने साथियों के साथ मिलकर मुझ पर हमला किया है। उन्होंने बताया कि दो दिन पहले बदतमीजी करने पर उसे डांटा था। उस वक्त उसने बाहर देख लेने की धमकी दी थी।

खराब है अनुशासन की हालत
बिशप कोनराड में अनुशासन की हालत बेहद खराब है। शहर के सबसे अच्छे स्कूल्स में गिना जाने वाला ये स्कूल बड़े घरों के  बिगड़ैल बच्चों की पनाहगाह बन गया है। कुछ दिन पहले ही स्टूडेंट ने एक लेडीज टीचर के  बाल काट दिए थे, जिस पर काफी बवाल मचा था, लेकिन ऊंचे रसूख वाले लोगों के फोन आने की वजह से स्कूल प्रबंधन बेबस हो गया था और लड़कों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। यही वजह है कि वह आए दिन इस तरह की हरकत करने से बाज नहीं आता है।
उम्र छोटी कारनामे बड़े 
मसूद और उनके साथी टीचर्स ने आरोप लगाया कि सुमित यादव ने पहले भी बड़े-बड़े कारनामे अंजाम दिए हैं। सुमित पर मुरादाबाद की एक कोर्ट में कत्ल का मुकदमा भी चल रहा है। करीब दो महीने पहले भी सुमित ने अपनी जूनियर लड़की को चलती स्कूल वैन से उतारकर छेड़खानी की थी। जब ड्राइवर ने इसका विरोध किया तो ड्राइवर से भी मारपीट की थी। सुमित कत्ल का मुकदमा चलने की धौंस अपने साथियों और टीचर्स  को भी देता है. 
रसूख से परेशान हैं स्कूल वाले
टीचर्स ने बताया कि दरअसल कत्ल का मुकदमा दर्ज होने के  बाद बाल कारागार में बंद सुमित स्कूल स्टूडेंट होने के बिहाफ पर ही जेल से छूटकर आया था। सुमित की सिफारिश शिक्षा विभाग के एक आला अधिकारी ने की थी। नतीजतन टीचर्स के विरोध के बावजूद स्कूल मैनेजमेंट को मजबूरी में सुमित को एडमीशन देना पड़ा। इसके अलावा सुमित के परिवार वालों के रिलेशन रसूख वाले लोगों से है, जिनके दबाव के चलते स्कूल मैनेजमेंट सुमित पर कोई कार्रवाई नहीं कर पाता है.  
मुझ पर करीब दो दर्जन लड़कों ने हमला किया है। लड़का हमारे स्कूल का स्टूडेंट है। मैंने डीआईजी और कैंट थाने एप्लीकेशन दी है.  
-मसूद हसन
टीचर
हम मामले को अनुशासन समिति में ले जाएंगे और वही तय करेगी की लड़के पर क्या कार्रवाई होनी है?
-फादर ग्रेगरी
प्रिंसिपल

Posted By: Inextlive