तू दुआओं का घर है मेरी मां
टीचर्स ने किया पार्टिसिपेटसैटेरडे को सबसे पहले आई नेक्स्ट टीम ने विद्या भवन पब्लिक स्कूल में कैंपेन स्टार्ट किया। यहां टीचर्स ने कैंपेन में पार्टिसिपेट किया। टीचर्स क ो यह एक्टिविटी बहुत ही रिफ्रेशिंग लगी। दीप्ती के मुताबिक यूं तो जो लोग मां को बोलकर विश नहीं कर सकते हैं उन्हें सिग्नेचर कैंपेन द्वारा न्यूज पेपर के माध्यम से अपनी भावनाएं मां तक पहुंचाना काफी अच्छा आइडिया है। अंजलि शर्मा ने बताया यह बहुत ही अच्छा आइडिया है। वास्तव में आई नेक्स्ट के आइडियाज हमेशा ही रॉकिंग होते हैं। यह आइडिया भी काफी अच्छा लगा। इस माध्यम से हम सभी अपनी मां तक अपनी भावनाएं पहुंचा सकते हैं।फ्यूचर में भी दी विश
इसके बाद आई नेक्स्ट टीम पहुंची फ्यूचर इंस्टीट्यूट में। यहां स्टूडेंट्स और टीचर्स ने आई नेक्स्ट के इवेंट को काफी पसंद किया। बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स ने सिग्नेचर कैंपेन में पार्र्टिसिपेट भी किया। यहां टीचर्स ने भी अपनी मदर्स को विश करने के लिए मैसेज राइटिंग की है। केक सेरेमनी में किया एंज्वॉय
संडे को आई नेक्स्ट का सिग्नेचर कैंपेन तनिष्क शोरूम में शुरू हुआ। यहां बड़ी संख्या में लेडीज कलेक्ट हुईं। यहां केक सेरेमनी भी सेलिब्रेट की गई। इसके बाद बरेलियंस ने आई नेक्स्ट के बैनर पर अपनी विशेज लिखीं। यहां गेम्स भी ऑर्गनाइज किए गए और एक्साइटिंग गिफ्ट्स भी बांटे गए। इसके बाद सिविल लाइंस में किप्स में कैंपेन चला। यहां भी लोगों को चांदी के सिक्के गिफ्ट में दिए गए। इसके अलावा महानगर और ग्रीन पार्क में भी सिग्नेचर कैंपेन चलाया गया।मुझे मेरी मां की डाँट बहुत पसंद है। मैं पूरे दिन में ऐसी गल्तियां जरूर करता हूं, जिन हरकतों पर मेरी डांट जरूर पड़े। पर मां की वह डाँट उनके प्यार से कहीं कम नहीं है।- नितीश रस्तोगीमुझे बुरा लग रहा है कि इस मदर्स डे पर मैं अपनी मां के साथ नहीं रहूंगी। इस बार एग्जाम्स की वजह से मैं घर नहीं जा पा रही हूं। मुझे मां की बहुत याद आएगी।- आयुषी गुप्तायहएक्टिविटी काफी अच्छी लगी। वास्तव में इस भागदौड़ भरी जिंदगी में इस तरह की एक्टिविटीज बहुत जरूरी है। - मुकेश गुप्ता, चेयरमैन, फ्यूचर इंस्टीट्यूटबेस्ट थ्री मैसेजेजMother is the bank, where we depositeall our hurt and worries। Love u mom-Sanjay JoshiNurture me, care me, help me, grow and take me to heightsLove u mom-Gauravकिसी खातिर अल्लाह होगा, किसी की खातिर राम, लेकिन अपनी खातिर तो है मां ही चारों धामलव यू मम्मा- आयुष