ट्रिपल मर्डर मामले में 'तीसरी आंख' भी बंद
- दो किमी तक के एरिया में लगे अधिकांश कैमरे निकले खराब
- जो कैमरे चल रहे थे वो सिर्फ इंटीरियर की ही कर रहे थे रिकॉर्डिग - बैंक व एटीएम का भी कैमरा 6 बजे के बाद हो गया था बंदBAREILLY: सिटी के सनसनीखेज ट्रिपल मर्डर केस को सुलझाने के लिए पुलिस ने पूरी ताकत झोंक दी है, लेकिन घटना के चार दिन बाद भी पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। पुलिस हर पहलू पर गहनता से जांच कर रही है। इस क्रम में पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे को भी खंगालना शुरू कर दिया है ताकि बदमाशों के बारे में कोई क्लू मिल जाए। मगर, पुलिस की इस उम्मीद पर भी तीसरी आंख ने पानी फेर दिया। पुलिस ने क्ब् सीसीटीवी कैमरों को चेक किया, जिसमें अधिकांश कैमरे खराब निकले। जबकि एक सीसीटीवी कैमरा पास के बैंक में ठीक तो था लेकिन बैंक के कर्मचारी शाम को म् बजे इसे बंद कर देते हैं। अब आप इसे क्या कहेंगे बरेलियंस की लापरवाही या फिर पुलिस की ढिलाई। मामला चाहे जो भी, लेकिन यह बरेलियंस की सिक्योरिटी के लिए कतई ठीक नहीं है
सीसीटीवी लगाने पर जोरअकसर बड़ी वारदातों की गुत्थी सुलझाने में सीसीटीवी कैमरा अहम रोल प्ले करता है। यही वजह है कि पुलिस हमेशा लोगों को अपने घरों, दुकानों व संस्थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए कहती रहती है। इसके अलावा पुलिस भी जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम कर रही है। कुछ लोगों ने पुलिस के दवाब में आकर अपने यहां सीसीटीवी कैमरे भी लगवा लिए, लेकिन इसे मेंटेन करना में वे लापरवाही बरत रहे हैं। पुलिस ने भी बिना जरूरत के इन्हें चेक करने की गनीमत नहीं समझी।
क्ब् कैमरों की गई जांचसुरेश शर्मा नगर में ख्फ् अप्रैल को योगेश, उनकी पत्नी व मां की हत्या के मामले में पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे को भी खंगाला। उन्हें लगा कि सीसीटीवी कैमरे से शायद कोई क्लू मिल जाए। शायद किसी कैमरे में रात में कोई संदिग्ध आते हुए कैद हो गया हो, जिससे शक के आधार पर पूछताछ कर आरोपियों तक पहुंचा जा सके, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। जांच में लगी पुलिस टीम ने सुरेश शर्मा नगर में हुए ट्रिपल मर्डर के करीब चारों ओर दो किमी तक के एरिया में लगे सभी सीसीटीवी कैमरों को खंगाला। कोपल हॉस्पिटल से सीएनजी पंप तक हर घर, इंस्टीटयूट व दुकान में लगे क्ब् सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए, लेकिन अधिकांश कैमरे खराब ही मिले, जो चल भी रहे थे वो सिर्फ अंदर की ही रिकॉर्डिग कर रहे थे, लेकिन बाहर की कोई भी चीज इसमें कैद नहीं हो रही थी।
क्या दिन में ही होती हैं वारदात पुलिस की उम्मीद जगी कि शायद पास की गली में बैंक ऑफ बड़ौदा की ब्रांच में लगे सीसीटीवी कैमरे में कुछ मिल जाए, लेकिन बैंक वाले इसे ब्रांच बंद होने पर पूरी तरह से बंद कर जाते हैं। घटना वाले दिन भी शाम को म् बजे ही कैमरा बंद हो गया था। ऐसा लगता है कि बैंक वाले सोचते होंगे कि वारदात सिर्फ दिन में ही होती है इसलिए रात में कैमरे की क्या जरूरत।