- खाद्य सामग्रियों के दाम कम होने पर संशय

- बड़े ट्रांसपोर्टर एक रुपए भी किराया नहीं कर रहे कम

खाद्य सामग्रियों के दाम कम होने पर संशय

- बड़े ट्रांसपोर्टर एक रुपए भी किराया नहीं कर रहे कम

BAREILLY:

BAREILLY:

ट्रकों का माल भाड़ा घटाये जाने और महंगाई में कमी आने की खुशियों पर पानी फिरता दिख रहा है, क्योंकि किराया कम किए जाने के मसले पर ट्रांसपोर्टर्स ने ख्ब् घंटे में यू-टर्न ले लिया। बड़े ट्रांसपोर्टर्स किराया कम करने को राजी नहीं हैं तो छोटे ट्रांसपोर्टर्स एडमिनिस्ट्रेशन के प्रपोजल से राजी हैं।

एडमिनिस्ट्रेशन ने फ्राइडे को ट्रांसपोर्टर्स से मीटिंग कर किराया की दर में क्भ् फीसद की कमी करने का प्रपोजल रखा था, जिसे ट्रांसपोर्टर्स ने स्वीकार कर लिया था। बड़े ट्रांसपोर्टर्स जो मीटिंग में शरीक नहीं थे, वह एडमिनिस्ट्रेशन के प्रपोजल के विरोध में है। सैटरडे को मीटिंग में दि बरेली ट्रक ओनर्स ट्रांसपोर्ट डम्प डीलर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने किराया कम करने से साफ मना कर दिया। उनका कहना है कि डीजल के दाम ब्ख् रुपया प्रति लीटर रहने के दौरान उनका किराया तय हुआ था। तब से डीजल के अलावा तमाम प्रोडक्ट्स के सामान की कीमतें बढ़ी हैं। ऐसे में किराया कम करने का सवाल ही नहीं उठता है।

तो घटने से रही महंगाई

यदि, कोलकाता, मुम्बई, नासिक, कानपुर, गोवाहाटी जैसे शहरों से सामान की ढुलाई का किराया कम नहीं होता है तो, खाद्य सामाग्रियों का थोक भाव पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। रिटेलर को भी थोक व्यापारियों से महंगे दाम में ही सामान खरीदना पड़ेगा।

इन पांच चीजों पर मेन फोकस

एडमिनिस्ट्रेशन का मेन फोकस आटा, चावल, चीनी, तेल और दाल के प्राइस को कंट्रोल करने पर है, क्योंकि ये पांच चीजें रोजमर्रा की जिंदगी में सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाते है। पूरे शहर में इन सामानों के भाव एक जैसे ही रहे इसके लिए दुकानों पर प्राइस लिस्ट भी चस्पा करने की योजना है। ताकि, दुकानदार अपनी मनमानी न कर सके। वर्तमान समय में बरेली शहर में सिर्फ परचून का बिजनेस क्0 करोड़ से अधिक रोजाना का है।

कमेटी बनाने की तैयारी

यहीं नहीं प्रॉपर मॉनीटरिंग के लिए एक कमेटी भी बनायी जानी है। इस कमेटी में फूड, डीएसओ, व्यापार मंडल और एडमिनिस्ट्रेशन के अधिकारी शामिल रहेंगे। जोकि, सामानों के दाम का की समीक्षा करेंगे। खाद्य सामग्रियों के दाम की हर तीन महीने में समीक्षा की जाने की योजना है।

बेसिकली रिटेलर को जोड़ने के लिए ऐसा किया गया है। कमेटी बनाकर इसकी मॉनीटरिंग की जाएगी।

राजेश जसोरिया, युवा महानगर अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल

पूरनपुर, पीलीभीत, बहेड़ी जैसे जगहों पर यहां से सामान जाते है। और वहां से कुछ सामान आते भी है। डीजल के दाम कम होने से लोकल ट्रांसपोर्टर ने किराया कम किया है।

विजय गुप्ता, प्रेसीडेंट, परचून ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन

बड़े ट्रांसपोर्टर के करीब ख्,000 वाहन है। हम लोग कोई किराया कम नहीं कर रहे है। इस संबंध में हम लोगों ने सैटरडे को एक बैठक भी किया।

शोभित सक्सेना, प्रेसीडेंट, दि बरेली ट्रक ओनर्स ट्रांसपोर्ट डम्प डीलर्स वेलफेयर एसोसिएशन

Posted By: Inextlive