व्यापारी न हों परेशान, खुद कर लें समाधान
बरेली (ब्यूरो)। जन सामान्य में बहुत तेजी से आम हो जा रहा एक शब्द &एआई&य यानी आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस भविष्य में कैसे पूरे सिस्टम में बदलाव लाएगा, इसको इन दिनों कई व्यापारी अनुभव कर रहे हैं। यह व्यापारी भले ही अभी तक एआई के बारे में बहुत अधिक जानते भी न हों, पर इनके पास पहुंचा जीएसटी रिटर्न का एआई नोटिस इन्हें जरूर परेशान किए है। एआई जनरेटेड यही नोटिस उन्हेंं हर महीने दाखिल किए गए जीएसटी रिर्टन, पूरे साल के जीएसटी रिटर्न और इनके कंपाइल के आंकड़ों में अंतर पाए जाने पर भेजा गया है। इसका जवाब उन्हें ऑनलाइन ही देना है।
2017-18 से शुरुआत
जीएसटी रिटर्न में जानबूझकर या भूल से भी हुई चूक अब बहुत दिनों तक छुपी नहीं रह सकती है। इस चूक पर भले ही विभाग की नजर न पड़े या वह इग्नोर कर दे, पर जीएसटी सर्वर से जुड़ा आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस इस चूक को न तो नजरंदाज करेगा और नहीं उसे छोड़ेगा। इसका खामियाजा ओवरऑल उस व्यापारी को उठना ही होगा। फाइनेंशियल ईयर 2017-18 के जीएसटी रिटर्न की खामियों को एआई ने पकड़ा है और इस पर ही नोटिस जनरेट किए हैं। यही एआई जनरेटेड नोटिस व्यापारियों को भेजे गए हैं। इसके बाद सिलसिलेवार नेक्स्ट फाइनेंशियल ईयर के जीएसटी रिटर्न पर भी एआई जनरेटेड नोटिस जारी होंगे।
फाइनेंशियल ईयर 2017-18 के जीएसटी रिटर्न पर एआई जनरेटेड नोटिस जोन के 7000 व्यापारियों को भेजे गए हैं। इस नोटिस में उनकी ओर से दाखिल किए गए मासिक रिटर्न, वार्षिक रिटर्न और इनके कंपाइल में जो अंतर पाया गया है, उसे क्लियर किया गया है। इस अंतर को व्यापारी अपने जीएसटी रिटर्न के रिकार्ड से चेक भी कर सकते हैं। अगर नोटिस की कमियां उचित हैं तो उसे ऑनलाइन ही क्लियर कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें न तो जीएसटी डिपार्टमेंट के ऑफिस जाने की जरूरत है और न ही किसी अधिकारी के चक्कर काटने की।
नोटिस वाले सिर्फ 25 परसेंट
छोटे और मझौले कारोबारियों के लिए जीएसटी रिटर्न की बारीकियों को समझना आज भी थोड़ा मुश्किल है। इनके लिए इससे भी ज्यादा मुश्किल होता है जीएसटी रिटर्न को लेकर समय-समय पर किए जाने वाले बदलावों को समझना। इसके चलते ही बहुत से कारोबारियों के जिएसटी रिटर्न में गड़बड़ी हो जाती है। यह गड़बड़ी बाद में इनके लिए और भी परेशानी का सबब बनती है। जिन 7000 व्यापारियों को एआई नोटिस जारी हुए हैं, उनमें अधिकांश ऐसे ही व्यापारी हैं। इनकी संख्या कुल रजिस्टर्ड व्यापारियों की संख्या का मात्र 25 परसेंट ही है।
जीएसटी डिपार्टमेंट अपने यहां रजिस्टर्ड व्यापारियों के मान-सम्मान का भी पूरा ध्यान रखता है। यही वजह कि जिन व्यापारियों के जीएसटी रिटर्न में 500 या इससे कम का अंतर होता है, उन्हें विभाग नोटिस जारी नहीं करता है। एसे व्यापारियों को विभाग सिर्फ कॉल कर जानकारी दे देता है और व्यापारी इस अंतर की राशि को ऑफिस आकर जमा करवा देता है। ऑनलाइन देना है जवाब
जोन के 7000 व्यापारियों को एआई जनरेटेड नोटिस जारी हुए हैं। इस नोटिस में विभाग को सीधा कोई रोल नहीं है। व्यापारियों को इस नोटिस से ज्यादा परेशान होने की भी जरूरत नहीं है। उन्हें इस नोटिस की कमियों का ऑनलाइन ही जवाब देना है। किसी को भी ऑफिस नहीं आना है।
ओम प्रकाश चौबे, असिस्टेंट कमिश्नर ग्रेड-1, एसजीएसटी बरेली जोन