Bareilly: अगर आपके पास गैस का डबल कनेक्शन है तो अलर्ट हो जाइए. इंडेन भारत और हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने सब्सिडी का नाजायज फायदा उठाने वाले कंज्यूमर्स को ट्रैक करने के लिए एक साफ्टवेयर रेडी किया है. असल में सब्सिडी फिक्स होने के बाद पेट्रोलियम कंपनियां अपना घाटा कम करने के लिए कमर कस चुकी हैं. सॉफ्टवेयर एक से ज्यादा गैस कनेक्शन इस्तेमाल करने वाले कंज्यूमर्स को ट्रैक करेगा. फिलहाल कंपनियां सॉफ्टवेयर पर कंज्यूमर डिटेल अपलोड कर रही हैं.


पहले होता था मैनुअलीबरेली गैस डिस्ट्रिब्यूशन एसोसिएशन की प्रेसिडेंट रंजना सोलंकी के एकॉर्डिंग एक से ज्यादा कंपनियों के कनेक्शन रखने वाले कस्टमर्स की पहचान पहले मैनुअली की जाती थी.  अब इस सॉफ्टवेयर से काम आसान हो जाएगा। हालांकि ऐसे सॉफ्टवेयर का यूज पहले भी इंडेन ने 2009 में किया था। तब इसका दायरा सीमित था। उस समय यूपी और उत्तराखंड में 1.65 लाख लोगों के कनेक्शन काटे गए थे। केवल इंडेन द्वारा ही यूज किए जाने के कारण यह सॉफ्टवेयर हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम कंपनियों के कनेक्शन होल्डर्स की पहचान नहीं कर पाता था।सभी कंपनियां एक साथ


इंडेन के सिटी इंचार्ज पी प्रकाश बताते हैं कि पुराने सॉफ्टवेयर की मदद से हजारों कनेक्शन आईडेंटिफाई कर कैंसिल किए गए हैं। अब इस काम के लिए लगभग सभी पेट्रोलियम कंपनियां एक ही सॉफ्टवेयर यूज कर रही हैं। इससे यह काम काफी आसान हो जाएगा। अब एक नाम और पते पर एक से ज्यादा कंपनियों के कनेक्शन करने की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी।तीन फेज में पहचान करेंगी कंपनियांहिंदुस्तान पेट्रोलियम कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक पवन कुमार के एकॉर्डिंग इस साफ्टवेयर के द्वारा मल्टीपल कनेक्शन कंज्यूमर्स की पहचान तीन फेज में की जानी है। same name, same address

फस्र्ट फेज में ऐसे कंज्यूमर्स को टारगेट किया गया है, जिन्होंने सेम नेम और सेम एडे्रस पर कनेक्शन ले रखा है। इसके लिए साफ्टवेयर के द्वारा कंज्यूमर्स को फिल्टर किया जा रहा है। शुरुआती दौर में ऐसे कंज्यूमर्स के सभी कनेक्शन ब्लॉक कर दिए जाते हैं। कंज्यूमर्स को सूचित किया जाता है कि वह अपने आईडी प्रूफ के साथ केवाईसी फार्म को फिल करें। इस फार्म में कंज्यूमर की पूरी डिटेल होती है। अब तक बरेली सिटी में 15,000 कनेक्शन को चिह्निïत करके कैंसिल किया जा चुका है। different same, same addressसेकेंड फेज में ऐसे कंज्यूमर्स को टारगेट किया जाना है, जिन्होंने अलग-अलग नामों से एक ही एड्रेस पर कनेक्शन ले रखे है। यहां अब तक ऐसे 70,000 कनेक्शन चिह्निïत किए जा चुके है। इस फेज के कंज्यूमर्स को लेटर जारी करके सूचित किया जा रहा है। इंफार्म करने के बाद 15 दिनों के अंदर इनके कनेक्शन बंद कर दिए जाएंगे.इसके बाद इन कंज्यूमर्स को केवाईसी फार्म के साथ दोबारा से औपचारिकताएं करनी होगी। फैक्ट्स से संतुष्ट होने के बाद ही एक कनेक्शन चालू किया जाएगा। same name, different company  

थर्ड फेज में ऐसे कनेक्शन को टारगेट किया जाएगा, जिनके कनेक्शन अलग-अलग पेअकंपनियों से इश्यू करवाए गए हों। फिलहाल बरेली में ऐसे कनेक्शन का डाटा जुटाया जा रहा है। ऐसे कंज्यूमर्स को पहले इंफार्म करके कनेक्शन को सरेंडर करने के लिए कहा जाएगा। अगर निर्धारित समय के अंदर ऐसा नहीं होता है, तो इनके कनेक्शन को फोरफीट कर लिया जाएगा। सिटी में गैस यूजर्स   कंपनी                  कनेक्शन  हिंदुस्तान पेट्रोलियम     40,000 से 45,000 भारत पेट्रोलियम         25,000 से 30,000 इंडेन                     1,00,000 क्या है केवाईसी फार्म आईडेंटिफाई किए गए कनेक्शनों को नो योर कस्टर (केवाईसी) के दायरे में रखा जाएगा। कंज्यूमर को एक फार्म भरना होगा, जिसमें कंज्यूमर का वोटर आईडी नंबर, पैन नंबर, आधार कार्ड नंबर और बैंक एकाउंट नंबर सहित पर्सनल डिटेल भरनी होगी। कंपनी लेवल से फिजीकल वेरीफिकेशन भी किया जाएगा। वेरीफिकेशन कंपनी के डायरेक्शन पर डिस्ट्रिब्यूशन लेवल से किया जाना है। एक पते पर अगर एक से ज्यादा कनेक्शन है तो फिजीकल वेरीफिकेशन में कंज्यूमर्स की रसोई घर अलग अलग होने के कारणों पर ध्यान दिया जाएगा। अगर कंज्यूमर सटीस्फाई नहीं कर सका तो एक कनेक्शन छोड़कर बाकि को रद्द कर दिया जाएगा। Report by: Abhishek Mishra

Posted By: Inextlive