आरटीओ के दलालों ने अड्डा बदला धंधा नहीं
- छापेमारी का भी नहीं रहा डर
- कैंट पुलिस को सौंपी थी हटाने की जिम्मेदारी BAREILLY: आरटीओ में दलालों की बेखौफ आवाजाही आज भी जारी है। हालांकि कुछ दिन पहले एडमिनिस्ट्रेशन की कार्रवाई के बाद दलालों को खदेड़ा गया था, लेकिन दलालों जमे हुए हैं। कैंपस के बाहर बेंच और टेबल पर अपना धंधा चमकाने की बजाय चाय-पान की दुकानों पर जमे हुए हैं। मंडे को आई नेक्स्ट की टीम ने इन दलालों की सच्चाई जानने का प्रयास किया। क्या है इनकी हकीकत आइए हम आपको बतातें है। इन्हें नहीं है किसी का डरपांच दिन पहले ही सिटी मजिस्ट्रेट उमेश कुमार मंगला ने कैंट इंस्पेक्टर आरके धारीवाल और नकटिया चौकी इंचार्ज कृष्ण गोपाल शर्मा के साथ मिलकर छापेमारी की थी। छापेमारी की खबर पाकर आरटीओ विभाग के पास सक्रिय दलाल भाग खड़े हुए थे। सिटी मजिस्ट्रेट ने छापेमारी के बाद कैंट इंस्पेक्टर को दलालों पर निगरानी रखने की जिम्मेदारी सौंपी थी। लेकिन, मामला सिफर ही निकला।
काम वही अड्डा बदल गयादलालों का काम पहले के जैसा ही कस्टमर को जाल में फंसाने का देखने को मिला। बदला था तो बस उनके काम करने का अड्डा। आरटीओ विभाग के आस-पास कई शटर लगी हुई दुकानें बनी हुई। दलाल इन दुकानें में शिफ्ट हो गए है। किसी को शक न हो इसके लिए चाय-पान की दुकानों में भी ड्राइविंग लाइसेंस व लर्निग बनाए जाने के कागजात मिल जाएंगे। इतना ही नहीं साइकिल के सहारे भी एक जगह खड़े होकर कस्टमर को जाल में फांसने का काम बखूबी करते दिखे। कस्टमर भी लाइसेंस जल्दी बन जाने के नाम पर भ् से म् सौ रुपए देने में कोई गुरेज नहीं कर रहे थे।
कैंट इंस्पेक्टर को निगरानी रखने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। यदि, दलाल फिर से सक्रिय हो रहे है तो, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उमेश कुमार मंगला, सिटी मजिस्ट्रेट