मौसम के मिजाज से टमाटर हुआ लाल
बरेली (ब्यूरो)। बारिश के कारण हरी सब्जियों की फसल खराब होने से सब्जियों के रेट में अचानक दोगुना तक का उछाल आया है। इसमें भी सब्जियों के राजा आलू के रेट में तो एक सप्ताह के अंदर दस रुपए प्रति किलो फुटकर रेट में उछाल देखने को मिल रहा है। वहीं टमाटर, हरी मिर्च और शिमला मिर्च के फुटकर रेट में दोगुना रेट बढ़ा दिया है। इसीलिए आम आदमी के किचन का बजट बिगड़ गया है।
मंडी से फुटकर तक सफर महंगा
शहर की थोक सब्जी मंडी से निकलते ही सब्जियों के रेट दोगुना तक बढ़ा दिए जाते हैं। फड़ ठेला या फिर दुकानदार, जो थोक मंडी से सब्जी लेकर जाते हैं, वे अपने मनमाने रेट पर उसे बेचकर आम लोगों से रुपए वसूलते हैं। कई सब्जियां तो ऐसी हंै, जिनके थोक रेट और फुटकर रेट में दोगुनी तक वृद्धि हुई है।
थाली हुई महंगी
मंडी से लेकर फुटकर सब्जियों के रेट बढऩे से होटल्स में भी थाली महंगी हुई है। वहीं किसी ने सब्जियों की मात्रा में भी कटौती की है। इतना ही नहीं कई जगह तो सीजनल सब्जियां भी थाली तक नहीं पहुंच पा रही हैं। वहीं नीबू महंगा होने से अब सलाद भी बेस्वादी हो गई है।
रेट लिस्ट
सब्जी थोक पहले थोक अब फुटकर
आलू 18 20 25
तुरई 12 25 40
प्याज 12 14 30
लौकी 10 15 25
केला 25 35 20
नीबू 80 120 180
धनिया 100 80 150
टमाटर 25 40 80
फूलगोभी 30 50 80
बैगन 18 15 25
हरीमिर्च 25 35 60
शिमला 40 75 110
भिंडी 15 20 35
पालक-10 15 40
मेंथी 15 20 60
आवक में कमी से आया उछाल
शहर की मंडी में आने वाली हरी सब्जियां जो आसपास के जिलों से आती थी उनकी आवक कुछ कम हुई है। बारिश के कारण भी हरी सब्जी की फसल खराब हुई है। इसीलिए रेट में कुछ उछाल आया है।
सलीम, आढ़ती, थोक सब्जी मंडी डेलापीर
सुजाउर्ररहमान, अध्यक्ष, थोक सब्जी मंडी, डेलापीर
गृहिणियों की बात
मंडी के रेट और फुटकर रेट में काफी अंतर है इसको जिम्मेदारों को ध्यान देना चाहिए। क्योंकि इस तरह तो किसी को मनमानी के लिए बढ़ावा देना होगा। जब थेाक रेट में इतनी वृद्धि नहीं है तो फुटकर के रेट इतने क्यों वसूले जा रहे हैं।
सोनी,
----------
फुटकर में सब्जी बेचने वालों की भी निगरानी कभी-कभी होनी चाहिए। इसके लिए जिम्मेदारों को ध्यान देना चाहिए। क्योंकि मनमानी पर रोक लगना जरूरी है। आम लोगों की पहुुंच से हरी सब्जी बाहर हो रही है। इससे किचिन का बजट भी बिगड़ गया है।
राशि पाराशरी