Bareilly : बरेली पुलिस की नजरों से अब एंटी सोशल एलीमेंट्स बच नहीं पाएंगे. असल में आए दिन किसी जुलूस या धार्मिक आयोजन में उपद्रव कर सिटी का अमन-चैन छीनने वाले पुलिस को चकमा देकर नौ-दो ग्यारह हो जाते हैं. ऐसे लोगों की पहचान कर उन पर शिंकजा कसने के लिए सिटी पुलिस ने थानेदारों को हैंडीकैम से लैस करने की तैयारी की है. ताकि बेहद शातिराना तरीके से शांति के माहौल में खलल डालने वाले पुलिस की इस 'तीसरी आंख' से बच न सकें. पुलिस को हैंडीकैम ऑपरेेट करने की ट्रेनिंग दी जाएगी. यही नहीं रिकॉर्डिंग का पुलिस रिकॉर्ड भी मेंटेन करेगी. आई नेक्स्ट रिपोर्टर अनिल कुमार की रिपोर्ट.


22 हैंडीकैम खरीदने की प्लानिंग एसपी सिटी शिव सागर सिंह के अनुसार, बरेली पुलिस 22 वीडियो कैमरे खरीद रही है। इसके लिए दो लाख रुपये का बजट सेंक्शन हुआ। एक हैंडीकैम की कीमत करीब नौ हजार रुपए है। कैमरों की खरीद का जिम्मा सीओ सिटी फस्र्ट राजकुमार अग्रवाल को सौंपा गया है। एक कंपनी से डील की गई है। कैमरों की क्वालिटी व वर्किंग चेक की गई है। एक कैमरे की रिकॉर्डिंग कैपेसिटी      आठ घंटे होगी। कैमरे से लिए गए वीडियो का रिकॉर्ड भी पुलिस मेंटेन करेगी। इसके अलावा, कैमरों की मदद से स्टिल फोटोग्राफी भी की जा सकेगी। कैमरों को ठीक से   हैंडल करने के लिए पुलिसकर्मियों को बकायदा ट्रेनिंग भी दी जाएगी। ट्रेनिंग की जिम्मेदारी फील्ड यूनिट के ट्रेंड कैमरामेनस के जिम्मे होगी। सभी जुलूसों की पूरी रिकॉर्डिंग


असल में शहर में एक साल में चार सौ से अधिक जुलूस निकलते हैं। पिछले कुछ वर्षोंं से दंगे व उपद्रव हो रहे हैं। इसके अलावा कई बड़ी आपराधिक घटनाएं भी हो रही हैं। बड़ी घटना होने पर लोग रोड जाम, तोडफ़ोड़ करते हैं। संसाधनों की कमी से उपद्रवियों पर लगाम कसने में पुलिस को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इन्हीं दिक्कतों को दूर करने के लिए वीडियो कैमरों को शामिल किया जा रहा है। इनकी मदद से सिटी पुलिस जुलूस के साथ सभी बड़े आयोजनों पर नजर रखेगी। हर थाने में वीडियो कैमराअभी तक जुलूस की रिकॉर्डिंग के लिए प्राइवेट कैमरामेंस की हेल्प लेनी पड़ती है। लेकिन वे पुलिस की जरूरत के हिसाब से रिकॉर्डिंग नहीं कर पाते हैं। कई बार समय से भी नहीं पहुंचते हैं। ऐसे प्रोफेशनल कैमरामैन से रिकॉर्डिंग में पुलिस को खर्चा भी अधिक करना पड़ता है। करेंट टाइम में सीओ स्तर पर    कैमरे मौजूद हैं लेकिन ये शहर की जरूरत के हिसाब से नाकाफी हैं। वहीं सबसे पहले घटनास्थल पर एसओ पहुंचता है, जिससे उनके पास कैमरा होना अति आवश्यक है। इसीलिए खरीदे जा रहे 22 कैमरे एसओ लेवल पर ही सौंप दिए जाएंगे। अधिकतर कैमरे शहर के थानों में यूज किए जाएंगे। इसके अलावा कुछ कैमरे डिस्ट्रिक्ट के रुरल एरिया के थानों को भी मुहैया कराए जाएंगे। बढ़ी कट्रोल रूम की लाइनें

शहर की जरूरतों के हिसाब से कंट्रोल रूम की लाइनें पहले ही बढ़ा दी गई हैं। पहले लाइनें 5 थीं जो 11 हो गई हैं। लाइनें बढऩे से लोगों द्वारा दी सूचनाएं पुलिस तक जल्दी से पहुंच जाती हैं। शहर में 12 सीसीटीवी कैमरे भी अलग-अलग जगहों पर लगाए गए हैं। इनमें से 4 कैमरे पुलिस और 8 कैमरे एडमिनस्ट्रिेशन द्वारा सेंसटिव एरिया में लगाए गए हैं।सिटी में आए दिन किसी जुलूस या फिर धार्मिक आयोजन में खलल डालकर उपद्रवी आराम से पुलिस की नजरों से बचने में कामयाब हो जाते हैं। ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस ने हर हलचल को कैमरे में कैद करने की प्लानिंग की है।-शिव सागर, एसपी सिटी

Posted By: Inextlive