दुधमुंहों का काल बना दूध
- एक ही परिवार के थे तीनों बच्चे
- दूध में जहर मिला होने के कयास लगा रही पुलिस -फील्ड यूनिट ने भरे सैंपल BAREILLY: थाना इज्जतनगर के मुंशी नगर में सैटरडे की रात एक परिवार के तीन मासूम दूध पीने के बाद मौत की नींद सो गए। हालांकि, बच्चों की मौत को पुलिस प्रथमदृष्टया संदिग्ध मान रही है, क्योंकि बच्चों की मौत दूध पीने के कुछ देर बाद ही हो गयी थी और परिजन घटना को पूरी रात छिपाये रखे। फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट व जांच के बाद ही मौत के रहस्य से पर्दा उठ पाएगा। दूध में कुछ तो 'काला' हैबच्चों की मौत के पीछे दूध में जहरीला पदार्थ मिलने की संभावना जताई जा रही है। लेकिन दूध में जहर किसने मिलाया, यह बड़ा सवाल है। मृत बच्चों की मां नन्हीं देवी ने बताया कि उसके पति अस्पताल में भर्ती हैं। उसकी ननद के मुन्नी देवी के घर से दूध आया था। अस्पताल से लौटकर वहीं दूध बच्चों को पीने को दिया, जिसे पीकर निशा, सर्वेश और अमित की मौत हुई है। पुलिस ने भूरा डेरी जाकर भी पूछताछ किया। जहां से दूध आया था। भूरा डेयरी मालिक मंजूर खां ने सैटरडे को दूध न देने की बात कही।
क्ख् घंटे बाद पुलिस को मिली सूचना
मां के अनुसार सैटरडे रात में ही बच्चों की मौत हो गई थी। सदमे में परिवार होने के कारण पुलिस को घटना की सूचना संडे सुबह करीब क्0.फ्0 बजे दी गई। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर फील्ड यूनिट के साथ पहुंची अधिकारियो की टीम ने जांच प्रक्रिया शुरू की। फील्ड यूनिट ने बाल्टी और पतीले में रखे दूध के सैंपल लिए। वहीं, पुलिस परिजनों से घटना के संबंध में पूछताछ करती रही। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे एसपी सिटी ने घटना को देर में जाहिर करने पर संदेह जताया। सदमे में परिवारबीसलपुर के पहाड़गंज निवासी जसवंत सिंह करीब साल भर से मुंशीनगर के नत्थूबक्श की टाल की दुकान पर चौकीदारी करते हैं। साथ ही राजमिस्त्री 'मजदूरी' का काम भी करते थे। टाल पर ही परिवार रहता भी है। इनके चार बच्चों में 7 वर्षीय माधुरी, फ् वर्षीय निशा, म् वर्षीय सर्वेश और म् माह का अमित थे। जसवंत पिछले चार दिनों से एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन के लिए भर्ती हैं। उनका सैटरडे को ऑपरेशन किया गया था। मां के अनुसार शाम करीब 8 बजे सबसे पहले दूध बड़ी बेटी माधुरी ने दूध पिया। उसे उल्टी हो गई। इसके बाद दूध को बारी बारी से अन्य तीनों निशा, सर्वेश और अमित ने पिया। जिसे पीने के बाद वह सो गए। रात करीब क्0 बजे बच्चों की आहट न होने पर मां को संदेह हुआ। उन्होंने आस पड़ोस के लोगों को बताया। इसके बाद रात करीब दो बजे उन्होंने चाचा श्याम सिंह को फोन के जरिए बच्चों की मौत की सूचना दी।
ढांढस बंधाते रहे लोग मासूम बच्चों की मौत से आहत मां नन्हीं देवी की चीत्कारों से मुंशीनगर में कोहराम मच गया। घर के बाहर दिन भर परिवार को ढ़ांढस बंधाने के लिए शुभचिंतकों की भारी भीड़ लग गई। पास पड़ोस की महिलाएं परिवार मां के आंसुओं को पोंछ रही थी तो वहीं पुरुष परिजनों को घटना के संभावित कारणों का हवाला दे रहे थे। जहरीले दूध के कहर से बची बेटी माधुरी को पकड़कर मां बुरी तरह बच्चों का नाम लेकर रो रही थी। यह मंजर देख राहगीर भी ठहर गए। वहीं, मुंशीनगर निवासियों समेत दूर दराज के रिश्तेदार व अन्य लोग भी देर रात तक परिवार को दिलासा देने के लिए पहुंचते रहे।