शहर पर हजार पेड़ कुर्बान
बरेली( ब्यूरो)। स्मार्ट सिटी के लिए कुर्बानी दे रहे शहर के एक हजार से अधिक पेड़ आने वाले समय में बरेलियंस को अपनी कीमत और अपनी अहमियत का अहसास कराएंगे। अपने जीवन की लंबी यात्रा के बाद शहर के लिए संजीवनी बने इन पेड़ों के न रहने का मर्म भले ही अभी न समझ में आए, पर जब समझ में आएगा तब सिर्फ अफसोस ही जताया जा सकेगा। स्मार्ट सिटी के लिए कुर्बानी दे रहे यह वह पेड़ हैं जो चौड़ीकरण के लिए सड़कों के किनारे से हटाए जा रहे हैं। यूं तो इनमें से अधिकांश को ट्रांसलोकेट किया जाना है, पर इसमें इनका शहर से पलायन तो होना ही है।
12 जगहों से हटाए जा रहे हैं पेड़
जंक्शन से चौपला रोड,
-ौकी चौराहा से चौपला रोड
-चौकी चौराहा से गांधी उद्यान रोड
-गांधी उद्यान से श्यामगंज रोड
-अयूब खां चौराहा से चौकी चौराहा रोड
-चौकी चौराहा से बरेली कॉलेज रोड
-ईंट पजाया चौराहा से डेलापीर चौराहा
-घोड़ा बटालियन गेट से ईसाइयों की पुलिया रोड
-रामपुर गार्डन से अयूब खां चौराहा रोड
-अर्बन हॉट परिसर और हैंडीक्राफ्ट निमार्णाधीन स्थल भी शामिल
938 होने हैं ट्रांसलोकेट, 81 पर आरी
शहर की लगातार बढ़ती आबादी और शहर में उपलब्ध संसाधनों के बीच बढ़ते असंतुलन का खामियाजा प्रकृति को भी उठाना पड़ रहा है। जमीन पर हर दिन बढ़ रहा कंक्रीट का जंगल, हर दिन घट रही हरियाली, अत्यधिक दोहन के चलत दिनोदिन गिर रहा वाटर लेवल, हर रोज बढ़ रहे वाहनों के चलते बढ़ रहा प्रदूषण इसी असंतुलन का नतीजा है। आबादी के हिसाब से ही संसाधनों में भी विस्तार करने के लिए ही स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत ही सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है। नगर निगम की ओर से इसकी सूची वन विभाग को उपलब्ध कराई गई है। इसके अनुसार एक दर्जन जगहों से 938 पेड़ों को ट्रांसलोकेट किया जाना है तो 81 पेड़ों का कटाना होना है।
ट्रांसलोकेट में 50 परसेंट सर्वाइवल रेट
शहर में स्मार्ट सिटी डवलपमेंट वक्र्स में बाधा बन रहे पेड़ों को हटाकर वन विभाग इन पेड़ों को शहर से दूर तीन जगहों पर ट्रांसलोकेट तो कर रहा है, पर इस प्रक्रिया में सभी पेड़ों को जीवनदान नहीं मिलेगा। पेड़ों को ट्रांसलोकेट करा रहे वन रेंजर ने बताया कि ट्रांसलोकेट किए जाने वाले पेड़ों का सर्वाइवल रेट 50 परसेंट के करीब ही रहता है। इन पेड़ों को अगर इनके आस-आस ही ट्रांसलोकेट किया जा तो सर्वाइवल रेट 75 परसेंट तक रह सकता है। रूल्स के अनुसार एक पेड़ काटने पर दस पौधे लगाने का प्रावधान वन विभाग ने तय किया है। इस अनुसार स्मार्ट सिटी के लिए कुर्बानी दे रहे एक हजार से अधिक पेड़ों के बदले दस हजार से अधिक पौधे लगाने चाहिए।
जहां पेड़ वहां 5 डिग्री तक टेंप्रेचर कम
पर्यावरण के जानकारों का कहना है कि पृथ्वी पर तापमान नियंत्रित करने में हरियाली का सबसे बड़ा योगदान है। बिना पेड़ वाली जगहों की अपेक्षा पेड़ आच्छादित वाली जगहों का टेंप्रेचर पांच डिग्री तक कम रहता है। इससे यह समझा जा सकता है कि शहर के जिन सड़कों को पेड़ विहीन किया जा रहा है, वहां गर्मी के मौसम में क्या हाल होगा। इन सड़कों पर लोगों को छांव के लिए भी तरसना पड़ेगा। इसका असर शहर के एनवायरमेंट और ग्राउंड वाटर लेवल पर भी पड़ेगा। इसके अलावा पेड़ों के न रहने से हजारों पक्षियों का जीवन भी प्रभावित होगा।
इन जगहों से होगा पेड़ों का सफाया
जगह - ट्रांसलोकेटेड पेड़ - काटे जाने वाले पेड़
-जंक्शन से मालगोदाम रोड - 63 - 00
-चौकी चौराहा से चौपला चौराहा - 178 - 06
-चौकी चौराहा से गांधी उद्यान रोड - 111 - 15
-गांधी उद्यान से श्यामगंज रोज - 181 - 03
-अयूब खां चौराहा से चौकी चौराहा - 67 - 03
-चौकी चौराहा से बरेली कॉलेज रोड - 96 - 03
-ईंट पजाया चौराहा से डेलापीर चौराहा तक - 58 - 28
-बटालियन रोड से इसाइयों की पुलिया - 10 - 04
-रामपुर गार्डन से अयूब खां चौराहा - 01 - 04
-हैंडीक्राफ्ट निर्माणाधीन स्थल - 34 - 10
-अर्बन हॉट परिसर - 137 - 11
स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत शहर में हो रहे निर्माण कार्यों की जद में आ रहे पेड़ों को हटाने की कवायद चल रही है। इसमें पेड़ों को बचाने के लिए उन्हें अधिक से अधिक संख्या में ट्रांसलोकेट किया जा रहा है। जिन पेड़ों को ट्रांसलोकेट नहीं किया जा सकता है, उन्हें काटना मजबूरी है। हरियाली बचाने के लिए हर संभव बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
एसके अंबरेश, एसडीओ वन विभाग
शहर की सड़कों या अन्य जगहों से जिन पेड़ों को हटाने के लिए चिह्नित किया गया है, उन्हें एहतियात के साथ हटाया जा रहा है। पेड़ों को ट्रांसलोकेट कराने की प्रक्रिया में कोई हादसा न हो, इसलिए इसका काम रात में किया जा रहा है। ट्रांसलोकेट कराए गए पेड़ों में से अधिकांश हरे हो रहे हैं। विभाग अपने स्तर से इन पेड़ों की देखरेख करा रहा है।
वैभव चौधरी, रेंजर
पीसीबी