पर्यावरण पर मंडरा रहे प्रदूषण के खतरे को देखते हुए मौजूदा समय में पौघरोपण पर विशेष बल दिया जा रहा है. इस कारण ही घर बनाते समय प्लांटेशन के लिए जगह छोडऩा अनिवार्य किया गया है.

बरेली(ब्यूरो)। पर्यावरण पर मंडरा रहे प्रदूषण के खतरे को देखते हुए मौजूदा समय में पौघरोपण पर विशेष बल दिया जा रहा है। इस कारण ही घर बनाते समय प्लांटेशन के लिए जगह छोडऩा अनिवार्य किया गया है। बीडीए से इसके बिना नक्शा भी अप्रूव नहीं किया जाता। इसके बावजूद सिटी में लोग इस नियम को दरकिनार कर रहे हैं। मकान बन जाने के बाद घर में गर्मी अधिक होने, धूप से छत के तपने आदि की कंप्लेंट तो वे लोग करते हैं, लेकिन नक्शे को दरकिनार कर की गई अपनी इस &नक्शेबाजी&य पर ध्यान नहीं देते। सिटी की बात करें तो यहां पर बीडीए अप्रूव्ड भवनों में भी प्लांटेशन के लिए स्पेस तक नहीं छोड़ा गया है। घर के आसपास भी हरियाली की कोई व्यवस्था नजर नहीं आती।

सिर्फ बातों तक प्लांटेशन
अक्सर देखने को मिलता है कि लोग गर्मी अधिक होने और प्रदूषण आदि जैसे मुद्दों पर खूब विचार-विमर्श करते रहते हैैं। वहीं सैटरडे को जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने सिटी के विभिन्न एरियाज में पड़ताल की घरों के आगे प्लांटेशन की हकीकत कुछ और ही निकलकर सामने आई। अधिकांश एरियाज में लोगों ने घरों के सामने पौधे नहीं लगा रखे थे। वहीं घर के अंदर भी पौधरोपण के लिए स्पेस नहीं छोड़ा जा रहा है। पूछने पर कई लोगों ने अजीबो-गरीब तर्क भी दिए।

बनाते रहे बहाने
सिटी में विभिन्न एरियाज के स्थानीय लोगों से बातचीत की गई तो बाकरगंज निवासी आदिल ने बताया कि घरों तो पूरा पक्का बना रखा है। घर के आगे रोड संकरी है, ऐसे में प्लांटेशन करने के बाद वाहनों को गली से गुजरने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। वहीं सुभाषनगर निवासी मोनू ने बताया कि घर भी बहुत पुराना है। वहीं घर के आगे रोड की स्थिति भी बहुत खराब है, मौजूदा समय में दो बड़े वाहन एक बार में नहीं निकल पाते हैैं, अगर प्लांट लगा दिए गए तो यहां जाम की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है।

महक रही फुलवारी
रामपुर गार्डन में आïवासीय भवन की दीवार व छत पर गमलों के सहारे बहुत ही अच्छी तरह से ग्रीनरी को लगा रखा था। इस राह से गुजरने वाला इसे देखे बगैर नहीं रह सकता। रामपुर गार्डन, सर्वोदय नगर, राजेंद्र नगर, सिविल लाइंस आदि एरियाज में कुछ लोग ने घरों के आगे गार्डन बना रखा था। वहीं इसमें विभिन्न प्रकार के फूल एवं फल के पौधे लोगों को आकर्षित करने के साथ ही पर्याïवरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचालन करते हैैं।

क्या कहता है नियम
पर्याïवरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए भवन निर्माण से पहले बरेली विकास प्राधिकरण की ओर से मानचित्र स्वीकृत कराना होता है। इसमें अन्य मानकों के साथ ही भवन के कुछ एरिया में प्लांटेशन कराने का नियम भी शामिल है। आर्किटेक्ट भी बताते हैैं कि घर बनाने के बाद कुछ हिस्से में प्लांटेशन करना जरूरी होता है। भवन बनाने के बाद कुछ हिस्से में प्लांटेशन करना बहुत जरूरी होता है, लेकिन यह देखने को मिलता है कि बीडीए से अप्रूव्ड होने के बाद भी अधिकांश आवासीय और कमर्शियल भवनों में प्लांटेशन नहीं किया जाता है।

आइए इनकी सुनें
मानचित्र पास कराने के साथ ही उक्त भूमि पर प्लांटेशन करना भी जरूरी होता है, हालांकि भूमि के एरिया के हिसाब से प्लांटेशन की स्थिति अलग-अलग हो सकती है।
आशू मित्तल, अधिशासी अभियंता, बीडीए

कोविड काल ने ऑक्सीजन का महत्व सभी को बता दिया। पर्यावरण संरक्षण की ओर कदम बढ़ाने का समय है। इसके लिए घरों में पौधे लगाने की जरूरत है।
सुशील

पर्याïवरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए घर बनाने के बाद प्लांटेशन करना चाहिए। ग्रीनरी होने से घर की शोभा भी बढ़ती है।
सत्य प्रकाश

जीवन जीने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। प्लांटेशन कर अर्थ को जीवन के लिए और बेहतर बनाया जा सकता है। पौधरोपण के नियम को फॉलो करना चाहिए।
जयप्रकाश

Posted By: Inextlive