Helicopter की 'third generation'
Fully upgraded
एएलएच एमके थर्ड इसके प्रीवियस वर्जन एएलएच और ध्रुव से हर पहलू में पावरफुल और यूजफुल हैं। मेन अट्रैक्शन है इनका पावरफुल शक्ति इंजन, फुल ग्लास कॉकपिट और इंटीग्रेटेड इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट। यह 24 घंटे में कभी भी उड़ान भर सकते हैं। यहां तक कि खराब मौसम में मिलिट्री ऑपरेशंस परफॉर्म कर सकते हैं। इसकी खासियत है कि यह एक बार करीब ढाई टन लोड कैरी कर सकता है। वहीं इसमें पायलट और को-पायलट को मिलाकर 16 से 17 लोग बैठ सकते हैं। अब तक चल रहे चीता और चेतक हेलिकॉप्टर्स की कैरीइंग कैपेसिटी इतनी नहीं थी। एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर्स की मदद से वायु सेना के रेस्क्यू और सामान इधर से उधर पहुंचाने की गतिविधियों को बहुत मदद मिलेगी।
अभी चार और बाकी
एएलएच एमके थर्ड की पहली खेप एयर फोर्स स्टेशन बरेली पहुंच चुकी है। इसमें 6 हेलिकॉप्टर शामिल हैं। अभी 4 और हेलिकॉप्टर्स यहां आएंगे। एयर मार्शल पीएस गिल ने बताया कि यहां एएलएच एमके थर्ड की स्क्वाडर्न होगी। इसके तहत इनके ऑपरेशन, एडमिनिस्ट्रेशन और मेंटीनेंस का पूरा काम यहीं होगा। स्क्वाडर्न में टोटल 10 हेलिकॉप्टर्स होंगे।
Live demonstration
तीन एएलएच एमके थर्ड हेलिकॉप्टर्स ने त्रिशूल एयर बेस पर लाइव डेमॉन्सट्रेशन दिखाया। इस डेमो के कमांडिंग ऑफिसर रहे विंग कमांडर केएस ककाड़े। हेलिकॉप्टर ने लोडिंग, लोडिंग ड्रॉप और रेस्क्यू ऑपरेशन की प्रक्रिया को दर्शाया। एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर्स की शक्ति को देखकर कोई भी उसकी तारीफ किए बिना नहीं रह सका। जमकर तालियां बजीं।
सुखोई का support बढ़ा
एयर फोर्स स्टेशन बरेली में एयरक्राफ्ट सुखोई की यूनिट है। ऐसे में एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर्स की सर्विसेज काफी मायने रखती हैं। 111 हेलिकॉप्टर यूनिट में इनके शामिल होने से ह्यूमन रेस्क्यू ऑपरेशंस जैसे माउंटेन क्लाइंबिंग में इंजर्ड लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने, फाइंड एंड रेस्क्यू और सेवेरल मिलिट्री ऑपरेशंस को पूरा करने में बहुत मदद मिलेगी।
HAL made ALH MK-111
एयर मार्शल पीएस गिल के मुताबिक, एएलएच एमके थर्ड की खासियत है कि ये पूरी तरह से इंडिया मेड हैं। इनकी मैन्यूफैक्चरिंग से लेकर तकनीक तक सब कुछ एचएएल में डेवलप की गई है। यही नहीं एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर्स एक अफ्रीकन कंट्री में एक्सपोर्ट भी किए गए हैं।
History at a glance
-1963 में 111 हेलिकॉप्टर यूनिट की स्थापना और 1983 में एयर फोर्स स्टेशन बरेली में इसे शिफ्ट किया गया।
-1995 में एएलएच वन रेडी हुआ।
-2002 में ध्रुव हेलिकॉप्टर सर्विसेज में आए।
-2007 में एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर सेकेंड।
-2012 में एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर थर्ड शामिल।
इतना advance है ALH MK-111
Cheetah/Chetak ALH MK-111
लोड कैपेसिटी 1 टन 2.50 टन
सिटिंग कैपेसिटी 5 पर्सन 16-17 पर्सन
फ्लाइंग रेंज 500 किमी 600 किमी
Main features
-Endurance of more than 3 hrs 30 mnts।
-Powerfull engine।
-Time saving।
-Full glass cockpit.U
-Perform military operations 24 hours & even in bad weather।
-Full authority digital electronic control।
-Automatic flight control system।
-Anti resonance isolation system।
एएलएच एमके थर्ड हेलिकॉप्टर्स से इंडियर एयर फोर्स की सपोर्ट सर्विसेज को बहुत फायदा होगा। ये हर मायने में चीता और चेतक हेलिकॉप्टर्स से उपयोगी हैं। बरेली एयर फोर्स स्टेशन में इनकी एंट्री इंडियन एविएशन इंडस्ट्री और इंडियन एयर फोर्स की एडवांसमेंट प्लानिंग में माइल स्टोन साबित होगी।
-पीएस गिल, एयर मार्शल
ये मल्टी मिशन हेलिकॉप्टर्स हैं। इनसे इंडियन एयर फोर्स को और ताकत मिलेगी। ये इंडियन एविएशन इंडस्ट्री के मॉडर्नाइजेशन को शो करते हैं। फाइंड एंड रेस्क्यू ऑपरेशंस में ये मील का पत्थर साबित होंगे।
-ग्रुप कैप्टन अमित महाजन, पीआरओ, सेंट्रल एयर कमांडReport by: Deepti Chauhan