शहर में जाम से निजात के साथ हादसों पर भी लगाम लग सके इसके लिए चौराहों पर ट्रैफिक लाइट शुरू कराई गई. लेकिन रूल्स ब्रेकर के लिए ये लगाई गई ट्रैफिक लाइटें बेकार हैं. जल्दी निकलने के चक्कर में ये रेड सिग्नल होने पर भी वाहन को आगे बढ़ा देते हैं. इससे न हादसों का डर बना रहता है बल्कि इनको देखकर अन्य लोग भी ट्रैफिक रूल्स तोडऩे लगते हैं. शहर के अलग-अलग चौराहों का हाल दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने देखा तो अधिकांश चौराहों का यही हाल था. पढि़ए पूरी रिपोर्ट और जानिए शहर के अलग-अलग चौराहों पर ट्रैफिक रूल्स ब्रेकर किस तरह जल्दबाजी में अपने वाहन को रेड सिग्नल होने पर भी आगे बढ़ा देते हैं.


बरेली (ब्यूरो)। शहर में जाम से निजात के साथ हादसों पर भी लगाम लग सके इसके लिए चौराहों पर ट्रैफिक लाइट शुरू कराई गई। लेकिन रूल्स ब्रेकर के लिए ये लगाई गई ट्रैफिक लाइटें बेकार हैं। जल्दी निकलने के चक्कर में ये रेड सिग्नल होने पर भी वाहन को आगे बढ़ा देते हैं। इससे न हादसों का डर बना रहता है बल्कि इनको देखकर अन्य लोग भी ट्रैफिक रूल्स तोडऩे लगते हैं। शहर के अलग-अलग चौराहों का हाल दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने देखा तो अधिकांश चौराहों का यही हाल था। पढि़ए पूरी रिपोर्ट और जानिए शहर के अलग-अलग चौराहों पर ट्रैफिक रूल्स ब्रेकर किस तरह जल्दबाजी में अपने वाहन को रेड सिग्नल होने पर भी आगे बढ़ा देते हैं। डोहरा चौराहा
पीलीभीत बाईपास रोड पर डोहरा रोड चौराहा पर टीम दोपहर तीन बजे पहुंची तो वहां पर ट्रैफिक लाइट सिग्नल दे रही थी। यहां पर भी लोग बीसलपुर रोड चौराहा जैसा हाल किए थे। सिग्नल पर फोर व्हीलर सवार तो रूके थे लेकिन टू व्हीलर सवार दाएं बाएं से शॉर्टकट अपना रहे थे। इससे हादसा होने का भी डर बना हुआ है।बीसलपुर चौराहा


पीलीभीत बाईपास रोड पर बीसलपुर चौराहा पर ट्रैफिक लाइट लगी है। यहां से निकलने वाले वाहन सवार ट्रैफि सिग्नल पर रूके हुए थे। दोपहर जब टीम दो बजे पहुंची तो देखा काफी वाहन सवार ऐसे थे जो सिग्नल को छोडक़र साइड से जाने वाली रोड से निकल रहे थे। इसके साथ ही बगैर रजिस्ट्रेशन वाहन ट्रैफिक सिग्नल भी जंप कर रहे थे।सेटलाइट चौराह शहर के एंट्री प्वाइंट सेटेलाइट चौराहा पर वैसे तो ट्रैफिक लाइट लगी है। डेढ़ बजे टीम पहुंची तो देखा अधिकांश लोग यहां से निकलते टाइम फॉलो भी करते हैं। लेकिन कुछ लोग इस तरह से रेड ट्रैफिक सिग्नल होने के बाद भी निकल जाते हैं। इससे हादसा होने का डर भी बना हुआ है। जबकि यहां पर पुलिस चौकी भी है, और ट्रैफिक पुलिस डयूटी भी रहती है।बोले बरेलियंस: ट्रैफिक नियमों का कड़ाई से पालन तभी सुरक्षित सफरटै्रफिक नियमों का उल्लघंन लोगों की आदत बनती जा रही है। हर किसी को अपने काम की जल्दी है, लेकिन वह यह भूल जाते हैं कि नियमों का पालन न करने से दुर्घटनाएं हो सकती है। सख्त कानून और भारी जुर्माना शायद लोगों को नियम तोडऩे से रोक सके। शिवम राघव

कई बार हमें जल्दी होती है, इसलिए नियम तोडऩे की नौबत आ जाती है। लेकिन हमें समझना चाहिए कि इससे हमारी और दूसरों की जान खतरे में पड़ सकती है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम सडक़ पर सुरक्षित चलें और ट्रैफिक नियमों का पूरी तरह से पालन करें। मोनू सुल्तानयह पूरी तरह से लोगो की गैर जिम्मेदारी है, जब तक लोग खुद जागरुक नहीं होंगे और नियमों का पालन नही करेंगे,तब तक सडक़ दुर्घटना की संख्या में कमी नहीं आएगी। युवाओं को सही तरीके से टै्रफिक नियमों का पालन करना चाहिए। अनिकेत सुल्तानयातायात नियमों का पालन करना बहुत जरुरी है यह हमारी सुरक्षा के लिए बनाए जाते है लोग आज कल बहुत जल्दी में रहते है कुछ लोग तो रेड लाइट की तरफ देखते भी नहीं हैं और हाई स्पीड में सिग्नल तोड़ देते है।अमर मौर्य

जिम्मेदारों की अनदेखीशहर में इस तरह चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल को बाईपास कर निकलने वालों पर पुलिस को भी सख्ती से पेश आना होगा। ताकि आए दिन होने वाले हादसों पर लगाम लग सकें। इतना ही नहीं इसमें सबसे अधिक तो बगैर रजिस्ट्रेशन के सडक़ों पर दौड़ रहे ईवी की संख्या भी अधिक है जो ट्रैफिक सिग्नल को जंप करते हैं। इन पर भी लगाम लगाने के साथ उनको अवेयर करना जरूरी है।
ट्रैफिक रूल्स तोडऩे वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जाती है। ऑनलाइन चालान की भी व्यवस्था है। रेड सिग्नल जम्प करने वालों के खिलाफ चालान की कार्रवाई होती है। मो। अकमल खान, एसपी ट्रैफिक

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