इलेक्ट्रिक बसों की सेवा से संतुष्ट बरेलियंस, पर स्टॉपेज बने परेशानी
बरेली (ब्यूरो)। बरेलियंस को बेहतर ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा देने के लिए सिटी में ई-बसों का संचालन किया जा रहा है। फिलहाल 14 बसों का संचालन बरेली से फरीदपुर तक किया जा रहा है। इसका न्यूनतम किराया 11 रुपए व अधिकतम किराया 43 रुपए तक लिया जा रहा है। ई-बस से जुड़े पब्लिक के सवालों को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने ट्विटर के माध्यम से पोल का रूप दिया है। बरेलियंस ने अपने विचारों को पोल के माध्यम से व्यक्त किया है। पेश है दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की यह स्पेशल रिपोर्ट
सुविधा से लैस है ई-बस
बरेली सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड 14 ई-बसों का संचालन कर रही है। शहर में चल रही इलेक्ट्रिक बसें वातानुकूलित हैं। प्रत्येक बस में पांच-पांच सीसीटीवी कैमरे और दस पैनिक बटन लगे हुए हैं, जिनका इस्तेमाल आपात स्थिति में किया जा सकता है। साथ ही फस्र्ट एड बॉक्स, अग्निशमन यंत्र, दिव्यांगों के लिए रिजर्व सीट की सुविधा भी दी गई है। अनाउंसमेंट सुविधा से यात्रियों को स्टॉपेज के बारे में अवगत कराया जाता है, वहीं चालक की सुविधा के लिए डैशबोर्ड पर लगी एलईडी में पीछे से आने वाले वाहन दिखते हैं।
35 प्रतिशत लोगों ने नहीं किया सफर
ई-बसों के संचालन के लिए भले ही लंबा समय हो चुका हो। लेकिन, दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से ट्विटर के माध्यम से कराए गए सर्वे में 35 प्रतिशत लोगों ने माना कि उन्होंने अब तक ई-बसों का सफर ही नहीं किया है। साथ ही मात्र 20 प्रतिशत लोगों ही ई-बस की सेवा से संतुष्ट नहीं दिखे। पोल में 45 प्रतिशत लोगों माना कि वह ई-बस की सेवा से संतुष्ट हैैं।
बता दें शहर में जंक्शन से फरीदपुर तक का किराया 43 रुपए लिया जा रहा है। इसके साथ ही इसका न्यूनतम किराया कुछ समय पहले ही पांच रुपए से बढ़ाकर 11 रुपए किया गया था। ट्विटर पर ई-बस के किराए को लेकर पूछे गए प्रश्न में 62 प्रतिशत बरेलियंस किराए से संतुष्ट दिखे, वहीं 38 प्रतिशत लोगों ने नहीं का ऑप्शन चुना, जोकि किराए से संतुष्ट नहीं हैैं।
नहीं है प्रॉपर स्टॉपेज
शहर के 74 प्रतिशत लोगों का मानना है कि ई-बसों का कोई भी प्रॉपर स्टॉपेज नहीं है। यही कारण है कि पब्लिक को समझ नहीं आता है कि कहां से बस पकडऩी है। वहीं 13 प्रतिशत लोगों का पोल के माध्यम से कहना था कि उन्हें बसों के प्रॉपर स्टॉपेज के बारे में जानकारी है, साथ ही 13 प्रतिशत लोगों ने माना कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है।
86 प्रतिशत बरेलियंस का मानना है कि बसों में स्टाफ का व्यवहार यात्रियों के प्रति अच्छा है। बता दें कि यहां स्टाफ का मतलब ड्राईवर व कंडक्टर से है। वहीं मात्र 14 प्रतिशत शहरवासियों का मानना है कि स्टाफ का व्यवहार अच्छा नहीं है। 62 प्रतिशत बरेलयिंस ने माना कि ई-बस कभी-कभी हर जगह रुक जाती है। वहीं 25 प्रतिशत का मानना था कि बस हर जगह नहीं रुकती है और मात्र 13 प्रतिशत लोगों ने ही माना कि बस हर जगह रुकती है। ट्विटर पोल पर इस तरह पब्लिक ने रखे अपने व्यूज
1-नगर में चल रही ई-बसों की सेवा से क्या आप संतुष्ट हैं?
हां 45 प्रतिशत
नहीं 20 प्रतिशत
अभी तक सवारी नहीं की 35 प्रतिशत 2-क्या इन ई-बसों का सिटी में कहीं प्रॉपर स्टॉपेज है?
हां 13 प्रतिशत
नहीं 74 प्रतिशत
पता नहीं 13 प्रतिशत 3-क्या ई-बसों का स्टाफ पैसेंजर्स के प्रति अच्छा व्यवहार रखता है?
हां 86 प्रतिशत
नहीं 14 प्रतिशत
4-क्या ई-बस हर जगह रुक जाती है?
रुकती है
रुकती है 13 प्रतिशत
कभी-कभी 62 प्रतिशत
नहीं 25 प्रतिशत
हां 63 प्रतिशत
नहीं 37 प्रतिशत
काम होना चाहिए 00 प्रतिशत