बा से जगदंबा का सफर
जगदंबा में दिखी मां की तड़प
जगदंबा होने के बावजूद कस्तूरबा को अपना घर ही अच्छा लगता है। बापू के साथ डरबन जाते हुए वह इस बात से खुश हैं कि उन्हें अपना घर मिलने वाला है। उनकी खुशी कु छ भी कहो, अपने घर का आनंद अलग ही है डायलॉग और एक्सप्रेशन से महसूस होती है। जगदंबा की भूमिका को रोहिणी हटंगिणी अपने एक्सप्रेसंश और एनर्जी से जीवंत बना दिया। जगदंबा में एक मां की तड़प, एक पत्नी की जलन, पति और बच्चों के बीच ब्रिज का काम करती एक मां का रूप परिलक्षित होता है। जगदंबा का यही चरित्र उसे समसामयिक मां से जोड़ता है।
आईजी ने किया इनॉग्रेशन
रंग विनायक थिएटर फेस्ट का इनॉग्रेशन आईजी आरपी सिंह ने किया। रंग विनायक के कलाकारों ने सबसे पहले गणेश वंदना प्रस्तुत की। इसके बाद म्यूजिकल प्ले का भी आयोजन किया गया। आज से दिखाएंगे कलाकार अपना जलवा।
Today's program
नाटक : आफ्टर लाइफ ऑफ बड्र्स
समय : शाम 6:30 बजे
स्थान : आईएमए सभागार
आयोजक : दया दृष्टिï रंग विनायक रंग मंडल
कहानी- यह नाटक राष्ट्रीयवाद और वफादारी के विचारों के इर्द-गिर्द घूमता है। यह एक क ोशिश है कि इतिहास असफल आंदोलनों को किस प्रकार लेता है और इनका आम आदमी पर क्या असर पड़ता है। लिट्टे के महिला कैडर और युवा मुस्लिम लड़कों की झूठी मुठभेड़ों की पृष्ठभूमि पर आधारित यह कहानी है बहादुरी, निराशा और आगे बढ़ती पीढिय़ों की।
कार्यक्रम : आसाम, गुजरात, महाराष्ट्र समेत कई स्टेट और लोकल आर्टिस्ट्स का लोकगीत और लोकनृत्य कॉम्पिटिशन।
स्थान : संजय कम्युनिटी हॉल
आयोजक : ऑल इंडिया कल्चरल एसोसिएशन
सातवें इंटरनेशनल थिएटर फेस्ट का एनॉग्रेशन हवन-पूजन के साथ हुआ। यह फेस्ट छह दिनों तक चलेगा। छह दिनों तक बरेलियंस कल्चर के कई रंग से रूबरू होंगे। फेस्ट में होने वाले बांग्ला प्ले तंत्र-मंत्र की टीम बरेली पहुंच चुकी है। आयोजक जेसी पालीवाल ने बताया वेडनेसडे को आसाम, गुजरात और महाराष्ट्र के कलाकार अपने प्रदर्शन से लोगों को मदमस्त कर देंगे। प्रोग्राम का आयोजन जिला पंचायत सभागार में होगा।
लैंग्वेज का महत्व नहीं
बांग्लादेश से आए चंद्रकला थिएटर के एचआर अनिक ने बताया कि वह यहां भारत के विभाजन, बांग्लादेश का निर्माण और वर्तमान परिस्थितियों की झलकियां नाटक तंत्र-मंत्र के जरिए करेंगे। यह वास्तव में एक ऐतिहासिक नाटक है। इंडियन थिएटर के बारे में अनिक कहते हैं कि यहां की प्रतिभाएं अतुलनीय हैं। यहां के कलाकारों की अदाकारी से वे काफी इंप्रेस हैं। वे यहां आर्टिस्ट को आइकन मानते हैं और कहते हैं इंडियन यूथ आर द बेस्ट यूथ इन द वल्र्ड। प्ले के बांग्ला लैंग्वेज पर वे कहते हैं कि प्ले में लैंग्वेज उतना महत्व नहीं रखता है जितना कि फिजिकल एक्सप्रेशन। कलाकारों की भाव भंगिमाओं से प्ले को आसानी से समझा जा सकता है। लैंग्वेज की वजह से कम्युनिकेशन गैप नहीं होगा। उनके प्ले का मंचन 29 जनवरी को संजय कम्युनिटी हाल में होगा। अनिक कहते हैं कि बरेलिएंस ने उनका जो स्वागत किया वह उसे कभी नहीं भूल सकते हैं।