प्रधानों के दामन हो रहे दागदार
बरेली(ब्यूरो)। ग्राम प्रधान का नाम मन में आते ही गांव के एक प्रथम नागरिक की साफ-सुथरी छवि मन में उभरती है। गांव पंचायत से लेकर थाने आदि बैठकों आदि मे जनप्रतिनिधि के रूप में उन्हें सम्मान मिलता है। लेकिन, जनपद के कुछ ऐसे ग्राम प्रधान हैं, जिन्होंने तस्करी के धंधे में शामिल होकर अपने आपको दागदार कर लिया है। इन प्रधानों ने तस्करी की काली कमाई से जमा किए गए करोड़ों रुपए चुनाव जीतने में खर्च किए। पुलिस द्वारा स्मैक तस्करों के खिलाफ अभियान चलाया, तो कई प्रधानों के नाम उजागर हुए। इन सब की संपत्ति जब्त कर जेल की सलाखों के पीछे भेजा गया।
एक और प्रधान मिला
अब भमोरा के मजनूपुर गांव का प्रधान शकील बाबू का भी तस्कर कनेक्शन निकला। ग्राम प्रधान गुर्गों के जरिए स्मैक खपा रहा था। नारकोटिक्स टीम ने सुभाषनगर के चौरासी घंटा मंदिर के पास से तस्कर सरताज बेग को 260 ग्राम स्मैक के साथ धर दबोचा। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसे माल मजनूपुर का प्रधान शकील बाबू मुहैया कराता था। वह साथी सोहेल संग स्मैक शकील के इशारे पर पार्टी तक पहुंचाता था। लिखी गई प्राथमिकी में नारकोटिक्स ने प्रधान व उसके साथी को भी नामजद किया है। सरताज बेग को जेल भेज दिया गया।
सूचना पर दबोचा
नारकोटिक्स टीम को सूचना मिली कि मजनूपुर का रहने वाला तस्कर सरताज बेग सुभाषनगर में स्मैक की खेप खपाने की फिराक में है। इसी के बाद टीम उसके पीछे लग गई। तय निशानदेही पर ही आरोपित सरताज बेग को पकड़ लिया गया। पूछताछ में उसने बताया कि वह प्रधान शकील बाबू का गुर्गा है। इसके बाद नारकोटिक्स की टीम शकील बाबू की तलाश में जुटी। उसके घर दबिश दी गई। घर पर उसकी पत्नी मिली। नारकोटिक्स की ओर से प्रधान को नोटिस थमाया गया है। अब तस्कर के पास से बरामद मोबाइल से उसके पूरे नेटवर्क को खंगाला जा रहा है। शुरुआती जांच में सामने आया कि मादक पदार्थों की तस्करी से तस्कर ने करोड़ों का साम्राज्य खड़ा किया।
नारकोटिक्स की जांच में पता चला कि तस्कर का करोड़ों का साम्राज्य है। बिशारतगंज में उसका धर्मकांटा है। आलीशान मकान है। 50 बीघे कृषि भूमि के साथ अन्य संपत्तियां हैं। लिहाजा, तस्करी में फंसने पर अब उस पर शिकंजा सकेगा। टीम अन्य संपत्तियों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है। केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो बरेली के अधीक्षक लालाराम दिवाकर ने इस बात की जानकारी दी।
--------------
पहले भी फंस चुके हैं कई प्रधान
बीते साल नवंबर में मीरगंज के नौसना गांव के प्रधान अकील अहमद के भी स्मैक तस्कर होने का पता चला था। वह फतेहगंज पश्चिमी निवासी कुख्यात तस्कर सपा सभासद शाहिद उर्फ कल्लू का सगा साढू है। पुलिस ने नवंबर में जब शाहिद उर्फ कल्लू को पकड़ा था तो उसके साढू प्रधान के घर में ही शरण लेने की बात सामने आई थी। उस दिन से प्रधान संदेह के घेरे में था। जब उसके तीन कैरियरों पकड़े गए तो उन्होंने संदेह पर मुहर लगा दी। उन्होंने स्वीकार किया था कि नौसना प्रधान अकील अहमद, मेहरबान व इरफान निवासी बाबरनगर मीरगंज व अफजल निवासी भोजीपुरा से ही वे स्मैक लाकर सप्लाई करते थे। उधर अलीगंज के तिगाई दत्तनगर निवासी प्रधान गंगा सहाय भी स्मैक तस्करी से करोड़ों की संपत्ति का मालिक बना। नारकोटिक्स टीम ने लाखों की स्मैक के साथ गिरफ्तार कर उसे जेल भेजा था। अलीगंज के ही ढकिया गांव निवासी छत्रपाल ने स्मैक तस्करी से कमाई गई करोड़ों की रकम से प्रधानी का चुनाव जीता। वह तस्करी में जेल भी गया। क्षेत्र के स्मैक तस्करों के गैंग का उसे सरगना माना जाता है। पुलिस ने उसकी करोड़ों रुपये की संपत्ति को चिह्नित कर जब्ती की कार्रवाई की थी।